मुझे अपने दिल के करीब रहने दो
न पोंछो आँख मेरी अश्क बहने दो
ये इम्तिहां मेरा है जवाब् भी मेरा होगा
दिल का मामला है खुद से कहने दो
जीते चले गये ,जिन्दगी को जाना नहीं
मुझे मेरे कसूर की सजा सहने दो
उनकी जफा पर मेरी वफा कहती है
खुदगर्ज चेहरों पे अब नकाब रहने दो
तकरार से कभी फासले नहीं मिटते
घर की बात है घर में रहने दो !!
5 comments:
बहुत खूब !!
"तकरार से कभी फासले नहीं मिटते"
बहुत खूब !
ये इम्तिहां मेरा है जवाब् भी मेरा होगा
दिल का मामला है खुद से कहने दो
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आपकी गजल अच्छी लगी
दीपक भारतदीप
Respected Nirmala ji,
Bahut khoobsoorat gajal ...meree badhai sveekar karen.
Hemant Kumar
कमाल की बात कह दी आपने तो माता जी।
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