16 January, 2011

हाईकु [ hiku]

 हाईकु
मुश्किलें जब आती हैं इक्ट्ठी हो कर आती हैं । कई दिन से कुछ काम नही कर पा रही। जैसे ही 31 जनवरी को कुछ फ्री हुयी कि कम्प्यूटर मे वाइरस आ गया फिर भी थोडा बहुत काम चलता रहा । लेकिन जब अधिक प्राब्लम देने लगा तो  मेकेनिक ने कहा कि इसकी विन्डो करप्ट हो गयी है बदलवानी पडेगी।  कह कर वो तीन चार दिन बाद आया। जिस दिन विन्डो नई डलवाई उसी दिन रात मे मेरी सहेली{ जो कि हमारे पडोसी भी हैं} उनके पति की मौत अचानक हो गयी। एक दिन पहले बाहर धूप मे सब के साथ बैठे थे । hहमने पूछा कि इस बार आपके पोते की पहली लोहडी है क्या मना नही रहे? कहते कि बच्चों के पास आने का समय नही और ठंड बहुत है इस लिये गली मे सब इक्ट्ठे हो कर मना लेंगे। मगर 12 तारीख को रात दिल का दौरा पडा और चल बसे। कभी ज़िन्दगी मे जो आदमी बीमार न हुया हो उसका अचानक चले जान सभी के लिये हैरानी और दुख की बात है। फिर आदमी हरेक के सुख दुख मे काम आने वाला हो तो और भी दुख होता है।दोनो पति पत्नि अकेले रहते थे। पत्नि ने कभी बैंक का मुँह नही देखा कभी बाजार से खुद कुछ खरीदा नही अब कैसे बेचारी अकेले सब काम करेगी बस यही सोच पीछा नही छोडती। बेटा शिमला मे रहता है और सहेली के जोडों मे दर्द के कारण वहाँ रह नही पाती। ज़िन्दगी भी किसी के साथ कैसा मज़ाक करती है। रोज़ वहाँ जाना पडता है, सहेली के पास इस लिये आब काम नही कर पा रही बीच मे मै भी बुखार खाँसी से परेशान हो गयी गला कम्प्यूटर की विन्ड की तरह करप्ट हो गया। संजय भास्कर का फोन आया तो बोला नही जा रहा था। अब उसका वाइरस भी कुछ ठीक हुया है। बस इन्हीं उलझनो मे इतने दिन नेट से दूर रही। लेकिन कम्प्यूटर अभी भी कुछ प्राब्लम दे रहा है शायद दोबारा दिखाना पडे।  कुछ लिखा भी नही इस लिये कुछ हाइकु से काम चला लेती हूँ----


1 यदि तुम हो
राग तो मै रागिनी
एक हैं दोनो

2 भोर से सीखो
उज्जास को बाँटना
तुम भी बाँटो।

3 क्षण भंगुर
हैं सुख दुनिया के
तज दे प्राणी

4 पैसे की होड
सुबह शाम दौड
आज का युग

5 सूरज मुखी
सूरज संग चले
प्रीत हो ऐसी

6 भारत माता
मेरी भाग्य विधाता
जान अर्पण


7आज की नारी
अबला दुर्बल है
कौन कहता?

8 अश्रुधारा मे
बह जाते हैं दुख
रोने दो मुझे


9 आँखो मे प्यार
बसा कर लूटा है
हरजाई ने

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