25 October, 2011

हाज़िर जी

 बहुत दिन से अस्वस्थ रहने के कारण ब्लाग जगत से दूर रही। लेकिन ध्यान हर वक्त ब्लाग जगत मे ही रहा। 
आप सब की दुआ मेरे साथ थी, कितने लोगों के मेल और टेलिफोन आये सच कहूँ तो जब भी किसी का फोन आता तो आँखें नम हो जाती। सेहत की चिन्ता और चल फिर न पाने की वजह से शायद दिमाग मे कोई शब्द भी नही आता कि कुछ लिख सकूँ। बस समझ लीजिये कि आराम करते करते आलसी भी हो गयी हूँ लेकिन बैठे बैठे नाती नातिनों के स्वेटर खूब बना लिये, जिसमे कि मै खुद को बहुत माहिर समझती हूँ लेकिन कई सालों से अपनी इस कला को भुला दिया था।मै उन सब की बहुत बहुत आभारी हूँ जिनके मुझे फोन आये और जिन्हों ने मेरे बारे मे जानने के लिये पोस्ट तक लिखीं मेल किये, और मुझे नई ऊर्जा प्रदान की। विशेश रूप से सलिल वर्मा जी,इनके सात मेल मैने सहेज रखे हैं, भाई हो तो ऐसा हो, डा. दराल जिन्हों ने मुझे मेडिकल एडवाइज़ भी दी, खुशदीप सहगल और उनकी पत्नि यानि कि मेरी बहु, उसकी तो विशेष रूप से आभारी हूँ, स्मार्ट इन्डियन यानी अनुराग शर्मा जी संगीता पुरी जी, समीर लाल [उडन तश्तरी जी} सुरिन्दर मुहलिद, सेहर बेटी, सुबीर जी प्राण शर्मा जी,साधना वैद दिव्या, वाणी जी को भी जब पता चला तो मेरे लिये चिन्त व्यक्त की। कुछ नाम भूल भी गयी हूँ, शायद परेशानी मे यादाश्त भी कम हो गयी है। भेजी}उन सब से क्षमा चाहती हूँ। पूरे ब्लागजगत  की आभारी हूँ जिनके प्रेम और प्रेरणा ने मुझे फिर से सक्रिय होने के लिये उत्साहित किया। अभी भी बहुत देर तक बैठने के लिये मनाही है। अगर रोज़ सब के ब्लाग पर न भी आ सकी तो माफी चाहूँगी और आशा करती हूँ फिर से पहले की तरह आप सब के बीच होऊँगी।धन्यवाद।
दीपावली की आप सब को हार्दिक शुभकामनायें।

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