आज कल मेरा क्या हाल है, ये आप तस्वीर देख कर ही समझ सकते हैं। बहुत् दिन से नेट से दूर हूँ। , समय नही निकाल पा रही हूँ। कुछ दिन के लिये मेरे घर मे एक परी आयी हुयी है। । अब आप खुद देखिये क्या ऐसे मे मै इसे छोड कर आपके बीच आ सकती हूँ? ।मुझे तो कँघी भी करने की फुरसत नही अगर कर भी लूँ तो भी बाल इसके हाथ मे आये नही कि बस ये हालत हो जाती है। बस हर वक्त ये चाहती है कि नानी के पास ही रहूँ? और कहती है कि क्या आपको ब्लागिन्ग मुझ से अधिक प्यारी है? मै लाजवाब हो जाती हूँ। शैतान इतनी है कि झट से आवाज पहचान लेती है। बस मेरी आवाज सुनी नही कि कहती है नानी उठा लो। मोबाईल मे गीत सुन कर तो दूध पीती है। या फिर मै इसे लोरी सुनाती हूँ। इस परी का नाम सावी है। मेरी सब से छोटी नातिन अभी पौने दो माहीने की है मगर मेरे कान कतर दे-- इतनी चालाक है। आज कल के बच्चे भला इतने चुस्त दुरुस्त कैसे होते हैं? पहले तो बच्चे सवा माह मे मुठी नही खोलते थे-- आँखें नही खोलते थे-- और एक ये है कि मुझ से आँख मिला कर बात करती है। कोई अच्छी सी लोरी आप भी लिख दो इसे सुनाऊँगी।
कुछ दिन मे फिर आपसे रूबरू होती हूँ । तब तक इसे आशीर्वाद दें।
हाँ दो तीन दिन पहले राजीव भरोल जी मुझे से मिलने आये थे वो आज कल कैलिफोर्निया मे रहते हैं ,अपने वतन आये तो मुझ से मिले बिना कैसे जा सकते थे? बहुत अच्छा लगा । राजीव धन्यवाद । एक दिन नीरज जाट जी का फोन आया था कि मै श्री नैना देवी के दर्शन करने आ रहा हूँ जाते हुये आपसे मिल कर जाऊँगा। उनका इन्तजार कर रही हूँ। उनको भी धन्यवाद और शुभकामनायें। बस कुछ दिन के लिये क्षमा चाहती हूँ फिर मिलती हूँ। धन्यवाद। हैपी ब्लागिंग।