हाईकु
मुश्किलें जब आती हैं इक्ट्ठी हो कर आती हैं । कई दिन से कुछ काम नही कर पा रही। जैसे ही 31 जनवरी को कुछ फ्री हुयी कि कम्प्यूटर मे वाइरस आ गया फिर भी थोडा बहुत काम चलता रहा । लेकिन जब अधिक प्राब्लम देने लगा तो मेकेनिक ने कहा कि इसकी विन्डो करप्ट हो गयी है बदलवानी पडेगी। कह कर वो तीन चार दिन बाद आया। जिस दिन विन्डो नई डलवाई उसी दिन रात मे मेरी सहेली{ जो कि हमारे पडोसी भी हैं} उनके पति की मौत अचानक हो गयी। एक दिन पहले बाहर धूप मे सब के साथ बैठे थे । hहमने पूछा कि इस बार आपके पोते की पहली लोहडी है क्या मना नही रहे? कहते कि बच्चों के पास आने का समय नही और ठंड बहुत है इस लिये गली मे सब इक्ट्ठे हो कर मना लेंगे। मगर 12 तारीख को रात दिल का दौरा पडा और चल बसे। कभी ज़िन्दगी मे जो आदमी बीमार न हुया हो उसका अचानक चले जान सभी के लिये हैरानी और दुख की बात है। फिर आदमी हरेक के सुख दुख मे काम आने वाला हो तो और भी दुख होता है।दोनो पति पत्नि अकेले रहते थे। पत्नि ने कभी बैंक का मुँह नही देखा कभी बाजार से खुद कुछ खरीदा नही अब कैसे बेचारी अकेले सब काम करेगी बस यही सोच पीछा नही छोडती। बेटा शिमला मे रहता है और सहेली के जोडों मे दर्द के कारण वहाँ रह नही पाती। ज़िन्दगी भी किसी के साथ कैसा मज़ाक करती है। रोज़ वहाँ जाना पडता है, सहेली के पास इस लिये आब काम नही कर पा रही बीच मे मै भी बुखार खाँसी से परेशान हो गयी गला कम्प्यूटर की विन्ड की तरह करप्ट हो गया। संजय भास्कर का फोन आया तो बोला नही जा रहा था। अब उसका वाइरस भी कुछ ठीक हुया है। बस इन्हीं उलझनो मे इतने दिन नेट से दूर रही। लेकिन कम्प्यूटर अभी भी कुछ प्राब्लम दे रहा है शायद दोबारा दिखाना पडे। कुछ लिखा भी नही इस लिये कुछ हाइकु से काम चला लेती हूँ----1 यदि तुम हो
राग तो मै रागिनी
एक हैं दोनो
2 भोर से सीखो
उज्जास को बाँटना
तुम भी बाँटो।
3 क्षण भंगुर
हैं सुख दुनिया के
तज दे प्राणी
4 पैसे की होड
सुबह शाम दौड
आज का युग
5 सूरज मुखी
सूरज संग चले
प्रीत हो ऐसी
6 भारत माता
मेरी भाग्य विधाता
जान अर्पण
7आज की नारी
अबला दुर्बल है
कौन कहता?
8 अश्रुधारा मे
बह जाते हैं दुख
रोने दो मुझे
9 आँखो मे प्यार
बसा कर लूटा है
हरजाई ने
राग तो मै रागिनी
एक हैं दोनो
2 भोर से सीखो
उज्जास को बाँटना
तुम भी बाँटो।
3 क्षण भंगुर
हैं सुख दुनिया के
तज दे प्राणी
4 पैसे की होड
सुबह शाम दौड
आज का युग
5 सूरज मुखी
सूरज संग चले
प्रीत हो ऐसी
6 भारत माता
मेरी भाग्य विधाता
जान अर्पण
7आज की नारी
अबला दुर्बल है
कौन कहता?
8 अश्रुधारा मे
बह जाते हैं दुख
रोने दो मुझे
9 आँखो मे प्यार
बसा कर लूटा है
हरजाई ने
68 comments:
दीदी आप स्वस्थ सलामत रहें और आपका कम्प्यूटर भी। सारी हाइकु अच्छे लगे, खास कर
भोर से सीखो
उज्जास को बाँटना
तुम भी बाँटो।
सहेली के साथ जो कुछ हुआ दर्द नाक और दुखमयी रहा, हम उनके साथ हैं । आपको वापस देखकर खुशी हुई ।
अचानक हुई ऐसी दुखद घटना से मन खिन्न हो जाता है ।
लेकिन क्या करें , इन पर किसी का जोर नहीं चलता जी ।
बढ़िया हाइकु लिखे हैं निर्मला जी । अति सुन्दर ।
ओह बेहद दुखद घटना। आप उन्हें सहारा दें और प्रभु की मर्जी मानकर स्वीकार करें।
होनी को कोई टाल नहीं सकता हौसला रखें अपनी सेहत का सबसे पहले खयाल करें फिर ब्लोगिंग.आजकल के बच्चे ऐसी ही हिदायत देते हैं माँ बाप को सो मैं ने भी दे दी. हाइकु अच्छे लगे सब एक से बढकर एक
... lajawaab !!
आपकी सहेली के साथ हुई इस दुखद घटना पर शोक व्यक्त करते हैं. कुछ हाइकु बहुत अच्छे लगें..
हाइकू रोचक है। मुझे इसका व्याकरण/विन्यास नहीं आता। कभी बताइएगा।
कम्प्यूटर की बाधा कभी-कभार आ ही जाती है। हम भी झेल चुके हैं।
पोस्ट की पहली लाइन में शायद गलती से 31 दिसम्बर के स्थान पर `31 जनवरी' टाइप हो गया है।
समस्याएं तो जीवन में लगी ही रहती हैं .. सारे हाइकु एक से बढकर एक लगे !!
bahut hi badhiyaa haaiku
विपत्तियां तो बिना बताये और बिना बुलाये ही आती हैं, और जब भी ये आवें तो बिन बुलाये मेहमान के तौर पर ही सही इनका सामना तो करना ही पडता है ।
संक्षिप्त हाइकु अच्छे लगे ।
ज़िदगी का काम ही क्या है, मज़ाक करने के सिवा।
हाइकू में जीवन का सत्य उजागर कर दिया है आपने।
बहुत अच्छी लगीं हाइकू |बधाई |
आशा
जब से पैदा हुए हैं कोई न कोई ऐसा समाचार आता रहता है जो उदास कर जाता है.
आँखों में प्यार
'बसा कर
लूटा है हरजाई ने
हाइकु बहुत अच्छा लगा'
वाह आपकी यह हाइकु अंदाज़ बहुत ही बढ़िया लगा
आपकी=आपका
वाह क्या बात है !
पहली ही हाइकू ने दिल ले लिया ...बहुत ही अच्छी हाइकू हैं.
भोर से सीखो...
बेहतर हाईकू....
हाइकू 2, 3, 4 और 8 विशेष पसंद आए.
आपके स्वास्थ्य की मंगल कामना करते हैं. हाईकू सीख देने वाले हैं.
आपके पडौसी की मृतात्मा को परम-पिता परमेश्वर शांति प्रदान करें ऐसी प्रार्थना है.
निर्मला जी किसी का भी मेल आये, अगर आप को उस मेल मे कुछ समान्य ना लगे तो उसे डिलीट कर दे, या मेल भेजने वाले से पुछ ले कि भाई क्या आप ने इस तरह का कोई मेल भेजा हे, ओर उस मे क्या लिखा हे, आज कल बहुत मेल आ रहे हे, सभी साथियो के नाम से, ओर मै उन्हे देखते ही समझ जाता हुं कि यह गलत हे, ओर वायरस इन्ही मे होता हे.
दुसरा रोजाना आप अपनी कुकी साफ़ करे, यानि दिन भर आप जहां जहां भी नेट पर जाती हे, उस की हिस्ट्री को कुकी कहते हे, जो आप के पीसी पर रहती हे, इसे हमेशा रोजाना साथ साथ मिटा दे, ओर एक एंटी वायरस इंस्टाल कर ले, फ़िर मजे से बेफ़िक्र हो कर नेट पर जाये, आप के पडोसी का सुन कर दुख हुया, भगवान उन की आत्मा को शांति दे, धन्यवाद
सबी हाइकू बहुत सटीक हैं
मगर तुकबन्दी की कमी अखर रही है!
bahut sundar ...har ek jaandaar...
हम सांसों का सफ़र तय करते हैं ....बस जहाँ रुक गयी ...हम आगे नहीं बढ़ पाते ...और वास्तविकता है यह ....
सभी हाइकु एक से बढ़कर एक .......शुक्रिया
गहरे एहसास है हर हायकू में ...... सुंदर प्रस्तुति.
सुंदर प्रस्तुति...
सबसे पहले तो मैं उपर वाले से आपके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हुॅ। सभी हाइकु अच्छे है। खासकर दुसरा वाला।
सुंदर प्रस्तुती.अच्छा लगा पढना.
सुंदर प्रस्तुती.अच्छा लगा पढना.
bahut sundar hai har haayakoo.. aapko badhaayi.
सभी हाइकू बहुत अच्छे लगे ...
गहरे एहसास है हर हायकू में
हाइकु बहुत अच्छे लगें..
अभी जो आपने देखा जीवन में, उसकी गूँज सुनायी पड़ती है इस रचना में।
आपकी सहेली के साथ हुई इस दुखद घटना पर शोक व्यक्त करते हैं.
सभी हाइकू बहुत अच्छे लगे ...
हाइकु अच्छे हैं मगर ऊपर का विवरण पढ़ अपना मन भी व्यथित हो गया।
man ko dravit ker gaya aapka lekh............
बहुत ही सुन्दर लिखा है आपने ...।
सभी हाइकू बहुत सुन्दर !दुखद समाचार ने मन खिन्न कर दिया ..
सारे हाइकू बहुत अच्छे हैं.
ईश्वर आपकी सहेली को यह सदमा सहने की हिम्मत दे. आप उनके साथ रहकर उन्हें सहारा दें...उन्हें इस वक्त आपकी ज्यादा जरूरत है
appko bhagawaan swashth rakhe.
Saare haiku mukhar kar aaye hain.
-Gyanchand Marmagya
बहुत अच्छे हाईकू हैं निर्मला दी ! आपका संस्मरण पढ़ कर निशब्द हूँ ! ईश्वर के इस अन्याय के प्रति क्या कहा जाए शब्द ही नहीं बचे हैं ! अपनी सहेली तक हमारी सांत्वना व संवेदना भी पहुँचा दीजियेगा ! ईश्वर उनके सहायक हों यही प्रार्थना है !
दुःख बता कर नहीं आता ... भगवान् आपकी सहेली को दुःख सहने की शक्ति दे ...
आपके सारे हाइकू लाजवाब हैं ... इस शैली में लिखना बहुत ही कठिन है ... मात्राओं का ध्यान रखना पढता है ... पर आपने तो खजाना ही खोल दिया ... बहुत खूब ...
इतना दुखद घटा है आपके आस पास,फिर भी आपने अपनी सृजनशीलता बाधित नहीं होने दिया...
बहुत उर्जा मिली ...
सांत्वना..!! सुंदर शब्दों के लिए हार्दिक बधाई..!!
इस दुखद प्रकरण को सुनकार मन उदास हो गया। इस समय आप ही उनका सहारा हैं। इश्वर उन्हें हिम्मत दें।
बहुत दिनों से आपकी रचना का इंतज़ार था. हाइकु बहुत अच्छे लगे । वेंडर से दुबारा फोर्मेटिंग करवा लीजिये , शायद कम्पूटर की समस्या का निदान हो जाए।
सुन्दर विचारों में लिपटे हाईकु के जबरदस्त लेखन पर मेरी बधाई स्वीकार करें. आप मेरी गुफ्तगू में शामिल हुए बहुत ख़ुशी हुई, उस पर टिपण्णी की लगा मेरी गुफ्तगू सफल हो गई. जब भी समय मिले गुफ्तगू में आते रहिएगा.
आपकी सहेली के साथ हुई इस दुखद घटना पर शोक व्यक्त करते हैं| हाइकु बहुत अच्छे लगें|
बस...इसी का नाम ही तो जीवन है. इन्सान आने वाले कल के लिए क्या कुछ नहीं सोचता लेकिन पल में सब योजनाएं धरी की धरी रह जाती हैं.
nice blog
Lyrics Mantra
Music Bol
Maa ji! saare haiku bahut achhe lage...
Ishwar se prarthna hai ki wah aapki saheli ko is dekh kee ghadi mein himmat de.....
sadar
bahut sundar hai har haayakoo.. aapko badhaayi.
सभी हाइकु अच्छे हैं.
हाईकु अच्छे हैं.ख़ास कर दूसरा और पांचवां.
पड़ोस में शोक संतप्त परिवार को ईश्वरीय शक्ति मिले इस दुःख से उबरने के लिए ! रचना सुंदर है एक नया अहसास होता है.
'aankhon me pyar
basakar loota hai
harjai ne '
sabhi chhand bahut sundar.
निर्मला जी मैनें भी बहुत दिन के बाद ब्लॉग खोला
और आपके पड़ोसी का दुखद समाचार पढ़ा । मैं एक बहुत छोटी सी जगह में पली बढ़ी हूं इसलिए पड़ोसियों से कितना आत्मीय नाता होता है ये मैं समझ सकती हूं । भगवान आपके पड़ोसी की आत्मा को शांति दें और आपकी पड़ोसन को पति से स्थायी बिछोह सहने की शक्ति दे । आप जैसे अच्छे पड़ोसी जिसके होंगें उसका आधा दुख तो वैसे ही कम हो जाएगा । और हां आप अपनी सेहत का ध्यान रखिएगा ।
आदरणीया मौसी निर्मला कपिला जी
प्रणाम !
कितनी विधाओं में पारंगत हैं आप !
कहानियां , ग़ज़लें और अब हाइकू !
सच कहूं तो मैं हाइकू लिखता तो बिल्कुल नहीं , पसंद भी बहुत कम करता हूं … लेकिन, आपके लिखे हाइकू तो बहुत पसंद आए … ।
मन की बात कहदूं ? तीसरा और चौथा जचा नहीं … लेकिन यहां मेरी समझ का ही दोष है …
हां, स्वास्थ्य का अवश्य ध्यान रखें, कृपया !
~*~हार्दिक शुभकामनाएं और मंगलकामनाएं !~*~
- राजेन्द्र स्वर्णकार
सही कहा आपने आती है तो आती रहती है ...फिर चाहे जिस शक्ल में आये। माँ सरस्वती का आशिर्वाद मिलता रहे..चाहे जिस रूप में मिले।
..दूसरी सबसे अच्छी लगी। वैसे यह छांटना कठिन काम है।
जनाब जाकिर अली साहब की पोस्ट "ज्योतिषियों के नीचे से खिसकी जमीन : ढ़ाई हजा़र साल से बेवकूफ बन रही जनता?" पर निम्न टिप्पणी की थी जिसे उन्होने हटा दिया है. हालांकि टिप्पणी रखने ना रखने का अधिकार ब्लाग स्वामी का है. परंतु मेरी टिप्पणी में सिर्फ़ उनके द्वारा फ़ैलाई जा रही भ्रामक और एक तरफ़ा मनघडंत बातों का सीधा जवाब दिया गया था. जिसे वो बर्दाश्त नही कर पाये क्योंकि उनके पास कोई जवाब नही है. अत: मजबूर होकर मुझे उक्त पोस्ट पर की गई टिप्पणी को आप समस्त सुधि और न्यायिक ब्लागर्स के ब्लाग पर अंकित करने को मजबूर किया है. जिससे आप सभी इस बात से वाकिफ़ हों कि जनाब जाकिर साहब जानबूझकर ज्योतिष शाश्त्र को बदनाम करने पर तुले हैं. आपसे विनम्र निवेदन है कि आप लोग इन्हें बताये कि अनर्गल प्रलाप ना करें और अगर उनका पक्ष सही है तो उस पर बहस करें ना कि इस तरह टिप्पणी हटाये.
@ज़ाकिर अली ‘रजनीश’ ने कहा "और जहां तक ज्योतिष पढ़ने की बात है, मैं उनकी बातें पढ़ लेता हूँ,"
जनाब, आप निहायत ही बचकानी बात करते हैं. हम आपको विद्वान समझता रहा हूं पर आप कुतर्क का सहारा ले रहे हैं. आप जैसे लोगों ने ही ज्योतिष को बदनाम करके सस्ती लोकप्रियता बटोरने का काम किया है. आप समझते हैं कि सिर्फ़ किसी की लिखी बात पढकर ही आप विद्वान ज्योतिष को समझ जाते हैं?
जनाब, ज्योतिष इतनी सस्ती या गई गुजरी विधा नही है कि आप जैसे लोगों को एक बार पढकर ही समझ आजाये. यह वेद की आत्मा है. मेहरवानी करके सस्ती लोकप्रियता के लिये ऐसी पोस्टे लगा कर जगह जगह लिंक छोडते मत फ़िरा किजिये.
आप जिस दिन ज्योतिष का क ख ग भी समझ जायेंगे ना, तब प्रणाम करते फ़िरेंगे ज्योतिष को.
आप अपने आपको विज्ञानी होने का भरम मत पालिये, विज्ञान भी इतना सस्ता नही है कि आप जैसे दस पांच सिरफ़िरे इकठ्ठे होकर साईंस बिलाग के नाम से बिलाग बनाकर अपने आपको वैज्ञानिक कहलवाने लग जायें?
वैज्ञानिक बनने मे सारा जीवन शोध करने मे निकल जाता है. आप लोग कहीं से अखबारों का लिखा छापकर अपने आपको वैज्ञानिक कहलवाने का भरम पाले हुये हो. जरा कोई बात लिखने से पहले तौल लिया किजिये और अपने अब तक के किये पर शर्म पालिये.
हम समझता हूं कि आप भविष्य में इस बात का ध्यान रखेंगे.
सदभावना पूर्वक
-राधे राधे सटक बिहारी
आप अपनी सेहत का ख्याल रखिए...ये सब चलता रहेगा...
क्या हाईकु लिखे हैं...लाजवाब
देर से पहुंचने के लिए क्षमा....बस कुछ समस्याएं लगी रहीं और मैं उन्हीं में घिरी रही। अभी बाहर थी...अब आ गई हूं अब हाजिरी लगती रहेगी....
और कुछ न लिखकर अगर आप हाइकु पर ही ध्यान केंद्रित कर लें,तो एक बड़ी सेवा होगी साहित्य की।
गागर में सागर से हैं ये हाइकू। बधाई।
-------
क्या आपको मालूम है कि हिन्दी के सर्वाधिक चर्चित ब्लॉग कौन से हैं?
सारी क्षणिकाएं अच्छी लगीं..
खबर सुनकर अच्छा नहीं लगा पर आजकल किसी का कुछ ठिकाना नहीं.. आज यहाँ कल वहां.. ज़िन्दगी का नियम है.. मानना पड़ेगा..
ख्याल रखें..
आभार
भोर से सीखो
उज्जास को बाँटना
तुम भी बाँटो।
sabhi bahut hi badhiya hai .gantantra divas ki badhai ,jai hind .
भोर से सीखो
उज्जास को बाँटना
तुम भी बाँटो।
.
Bahut Khoob
हाइकु.. यानि गागर में सागर.. दूसरी हाइकु सर्वोत्तम.. सबसे प्रभावशाली...
Post a Comment