26 January, 2011

शुभकामनायें। shubhakaamanaayen

गण्तंत्र दिवस की उन सब को हार्दिक शुभ कामनायें जो देश के प्रति प्रेम और  इसके संविधान मे आस्था रखते हैं। कुछ पँक्तियाँ पेश हैं
 
थोडी सी मुस्कान चाहिये
कुछ साँसें आसान चाहिये

और नही है चाहत कोई
रोटी वस्त्र मकान चाहिये

बन सकता है देश स्वर्ग
 शास्कों मे ईमान चाहिये

लोगों की इस भीड मे यारो
बस थोडे से इन्सान चाहिये

देश रहे खुशहाल सदा ही
हर घर मे धन धान चाहिये

विश्वगुरू भारत कहलाये
बस और नही वरदान चाहिये

72 comments:

डॉ. मोनिका शर्मा said...

बहुत सुंदर .....गणतंत्र दिवस की मंगलकामनाएं

Arun sathi said...

बहुत ही सुन्दर.. सटीक


जय हिन्द

दिनेशराय द्विवेदी said...

61 वर्ष से यही तो सपना देखते आ रहे हैं, पर पूरा नहीं होता।

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

सभी को हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई ...

Chaitanyaa Sharma said...

गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें.....जय हिंद

विवेक रस्तोगी said...

कविता के फ़ोंट का रंग बदल लें, पढ़ने में बहुत तकलीफ़ हो रही है।

Mithilesh dubey said...

गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें

डॉ टी एस दराल said...

बहुत सुन्दर ग़ज़ल ।
आपको भी गणतंत्र दिवस की शुभकामनायें निर्मला जी ।

vijai Rajbali Mathur said...

आप सब को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभ कामनाएं.

Udan Tashtari said...

गणतंत्र दिवस पर हार्दिक शुभकामना

P.N. Subramanian said...

सुन्दर रचना. गणतंत्र दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं.

शिक्षामित्र said...

ये पंक्तियां मानो हमारे अब तक के सफर का दस्तावेज हैं!

Creative Manch said...

"विश्वगुरू भारत कहलाये
बस और नही वरदान चाहिये"

बहुत सुंदर रचना

गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें।
जय हिंद

समय चक्र said...

गणतंत्र दिवस पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं ....

प्रवीण पाण्डेय said...

यही कामनायें हमारी भी हैं।

Bharat Bhushan said...

बहुत अच्छी प्रेरणदायी कविता. पढ़ कर अद्भुत अनुभूति हुई. आभार.

Coral said...

बहुत सुन्दर ....गणतंत्र दिवस के पावन अवसर पर आप को ढेरों शुभकामनाये

केवल राम said...

मेरी भी यही कामना है ......गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें

Sawai Singh Rajpurohit said...

आप सभी कों गणतंत्र दिवस की बधाई एवं शुभकामनायें !

Kunwar Kusumesh said...

गणतंत्र दिवस की आपको हार्दिक शुभकामनायें.

संजय कुमार चौरसिया said...

बहुत सुंदर .....
गणतंत्र दिवस की मंगलकामनाएं

vijai Rajbali Mathur said...

के लिए बहुत अच्छे वरदान मांगें हैं.धन्यवाद.आप सब को भी ऐसी ही खुशहाली मिले.

ZEAL said...

वन्देमातरम !

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

बस शासकों में ईमान की कामना पूर्ण हो जाए तो बाकी तो स्वयं ही मिल जायेगा ...

गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें..

Kailash Sharma said...

बहुत सुन्दर और सार्थक कामनायें..गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाई !

इस्मत ज़ैदी said...

आप की ख्वाहिशें पूरी हों बस यही दुआ है क्योंकि सच्चे भारतीयों की ख्वाहिश भी यही है

सुरेन्द्र "मुल्हिद" said...

sukh shaanti bani rahe bas...
happy rpblc day.

उपेन्द्र नाथ said...

बहुत सुंदर ....गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें और बधाई

Sushil Bakliwal said...

उत्तम चाहत.
गणतंत्र दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएँ...

दिगम्बर नासवा said...

गणतंत्र दिवस की मंगलकामनाएं ... Sundar abhilaasha hai ..

रवीन्द्र प्रभात said...

सुंदर .....गणतंत्र दिवस की मंगलकामनाएं !

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून said...

सही लिखा है आपने. सुंदर रचना.

ब्लॉ.ललित शर्मा said...

सुंदर रचना है, गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाई।

रचना दीक्षित said...

विश्वगुरू भारत कहलाये
बस और नही वरदान चाहिये

सार्थक कामनायें..
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें और बधाई.

kshama said...

Aapko bhee gantantr diwaskee dheron badhayi!

अजय कुमार said...

नपे तुले शब्दों में,सच्ची शुभकामानायें

प्रतुल वशिष्ठ said...

.

निर्मला जी मुझे एक प्लान चाहिए.
धीमे स्वर सुनने वाले कान चाहिए.

ब्लोगों की इस भीड़ में यारो
मुझे थोड़े और कदरदान चाहिए.

और नहीं है चाहत कोई
बुरा लिखूँ तो भी गुणगान चाहिए.

बन सकता है देश स्वर्ग
अच्छे ब्लोगर उर्ध्व गतिमान चाहिए.

शेष रहें खुशहाल सदा ही
उनको भी उचित सम्मान चाहिए.

दौड़ शुरू अपनी हो जाये
निज ब्लॉग को भी दर्शन दान चाहिए.

यदि हम देश-भक्त हैं तो हमारे समस्त क्रिया-कलापों में वह गंध आनी चाहिए कि अलग से कुछ कहने की ज़रुरत न रहे.
— क्या कारण है कि फिर भी आज़ राष्ट्रीय स्वरों का घोष करते रहने की ज़रुरत लगती है?
— क्या राष्ट्रीय स्वर हमारी सामान्य बातचीत में भी महसूस किया जा सकता है?
— क्या मैं जबरन एक 'राष्ट्रीय क...वीता' लिखूँ?

______________
मुझे रस आया आपकी कविता में.

.

संजय भास्‍कर said...

बहुत सुंदर ....गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें और बधाई

संजय भास्‍कर said...

बहुत सुंदर ....गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें और बधाई

संजय भास्‍कर said...

Happy Republic Day.........Jai HIND

शूरवीर रावत said...

गणतंत्र दिवस की आपको भी हार्दिक वधाई, निर्मला जी. और, और इस सुन्दर व भावपूर्ण पोस्ट के लिए बहुत-बहुत आभार .........

मनोज कुमार said...

दीदी,
आपकी ग़ज़ल पढकर, खासकर यह शे’र .. लोगों की भीड़ में यारों, बस थोड़े इंसान चाहिए, डॉ. इकबाल का एक शेर याद आ गया,
ख़ुदा तो मिलता है, इंसान ही नहीं मिलता,
ये चीज़ वो है, जो देखी कहीं कहीं मैंने। -- डा. इकबाल
शुभकामनाएं!

shikha varshney said...

सटीक रचना.

गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें.....जय हिंद

VIJAY KUMAR VERMA said...

और नही है चाहत कोई
रोटी वस्त्र मकान चाहिये

सही लिखा है आपने. सुंदर रचना

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" said...

आपको भी गणतंत्र दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं.

Shah Nawaz said...

बेहद खूबसूरत रचना!!!

गणतंत्र दिवस पर आपको भी ढेरों शुभकामनायें

जय हिंद!

राज भाटिय़ा said...

गणतंत्र दिवस की बहुत बहुत बधाई

Anonymous said...

सुन्दर कामनाएँ!
गणतन्त्र दिवस की 62वीं वर्षगाँठ पर
आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!

Rajeev Bharol said...

निर्मला जी,
बहुत ही बढ़िया गज़ल. मतला तो बस गज़ब का है..

डॉ. नूतन डिमरी गैरोला- नीति said...

बहुत सुन्दर भावनाएं प्रेषित कीं आपने ..सुन्दर गज़ल के साथ..

सदा said...

बहुत ही सुन्‍दर भावमय करते यह शब्‍द ...बेहतरीन ।

Asha Lata Saxena said...

सुन्दर पंक्तियाँ |बधाई
आशा

सुरेन्द्र "मुल्हिद" said...

ati uttam...

rashmi ravija said...

विश्वगुरू भारत कहलाये
बस और नही वरदान चाहिये

बस यही कामना है ...शुभकामनाएं

रश्मि प्रभा... said...

shubhkamnayen

संध्या शर्मा said...

गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें.....जय हिंद

ज्ञानचंद मर्मज्ञ said...

गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं !
बहुत सही आपने लिखा है ,
थोड़ी सी मुस्कान चाहिए,
कुछ साँसें आसान चाहिए !
काश !ऐसा ही हो

पी.सी.गोदियाल "परचेत" said...

लोगों की इस भीड मे यारो
बस थोडे से इन्सान चाहिये

देश रहे खुशहाल सदा ही
हर घर मे धन धान चाहिये

सुन्दर पंक्तियाँ ,आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!

अरुण चन्द्र रॉय said...

सहज शब्दों में गणतंत्र की आकांक्षाओं को अभिव्यक्त किया है... गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामना !

अरुण चन्द्र रॉय said...

सहज शब्दों में गणतंत्र की आकांक्षाओं को अभिव्यक्त किया है... गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामना !

शाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद'' said...

बन सकता है देश स्वर्ग
शासकों में ईमान चाहिए...
बहुत अच्छा संदेश...शुभकामनाएं.

विशाल said...

देर से पहुंचा लेकिन दरुस्त पहुंचा.

लोगों की इस भीड़ में यारो
बस थोड़े से इंसान चाहिए

बहुत ही सुन्दर ग़ज़ल है .आपको भी शुभ कामनाएं

सु-मन (Suman Kapoor) said...

गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाई !

dipayan said...

बन सकता है देश स्वर्ग
शासकों में ईमान चाहिए...

बहुत सुन्दर और प्रेरणादायक रचना । हम सभी यही उम्मीद करते है, कभी तो ये देश सबसे आगे होगा ।

रंजना said...

पावन भावोद्गार....

सचमुच यह मिल जाए तो और क्या चाहिए...

धीरेन्द्र सिंह said...

विश्व गुरू की कामना प्रासंगिक है और हमारी रीति के अनुरूप भी। सुंदर भाव।

कुमार राधारमण said...

आज़ादी के इतने बरसों बाद भी रोटी,कपड़ा और मक़ान के लिए तरसता आदमी। ओफ!

देवेन्द्र पाण्डेय said...

रोटी, वस्त्र, मकान अभी भी असंख्य देशवासियों के ख्वाब में आते हैं। शेर आज भी झकझोरता है।

Dr Xitija Singh said...

आपकी रचना आज कल के हालत को दर्शाती है ... बहुत दुःख होता है ये जान कर की देश के गणतंत्र दिवस की ६२ वीं वर्षगाँठ पर रोटी कपडा मकान के लिए लोग तरस रहे हैं

नीलिमा सुखीजा अरोड़ा said...

बहुत सुंदर ....

कविता रावत said...

बहुत सुन्दर भाव... विश्वगुरु बने हमारा भारत ....कभी न कभी ओ सुबह जरुर होगी.... शुभकामनाएं

udaya veer singh said...

priya madam kapila ji ,

pranam ,

viswa guru bharat kahlaye bas aur nahin vardan -----. kya jajbat hain
desh-pem ki atut chahat .salam hai aapke jajbaton ko . sundar rachana .
badhayi.

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