गण्तंत्र दिवस की उन सब को हार्दिक शुभ कामनायें जो देश के प्रति प्रेम और इसके संविधान मे आस्था रखते हैं। कुछ पँक्तियाँ पेश हैं
थोडी सी मुस्कान चाहिये
कुछ साँसें आसान चाहिये
और नही है चाहत कोई
रोटी वस्त्र मकान चाहिये
बन सकता है देश स्वर्ग
शास्कों मे ईमान चाहिये
लोगों की इस भीड मे यारो
बस थोडे से इन्सान चाहिये
देश रहे खुशहाल सदा ही
हर घर मे धन धान चाहिये
विश्वगुरू भारत कहलाये
बस और नही वरदान चाहिये
कुछ साँसें आसान चाहिये
और नही है चाहत कोई
रोटी वस्त्र मकान चाहिये
बन सकता है देश स्वर्ग
शास्कों मे ईमान चाहिये
लोगों की इस भीड मे यारो
बस थोडे से इन्सान चाहिये
देश रहे खुशहाल सदा ही
हर घर मे धन धान चाहिये
विश्वगुरू भारत कहलाये
बस और नही वरदान चाहिये
72 comments:
बहुत सुंदर .....गणतंत्र दिवस की मंगलकामनाएं
बहुत ही सुन्दर.. सटीक
जय हिन्द
61 वर्ष से यही तो सपना देखते आ रहे हैं, पर पूरा नहीं होता।
सभी को हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई ...
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें.....जय हिंद
कविता के फ़ोंट का रंग बदल लें, पढ़ने में बहुत तकलीफ़ हो रही है।
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें
बहुत सुन्दर ग़ज़ल ।
आपको भी गणतंत्र दिवस की शुभकामनायें निर्मला जी ।
आप सब को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभ कामनाएं.
गणतंत्र दिवस पर हार्दिक शुभकामना
सुन्दर रचना. गणतंत्र दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं.
ये पंक्तियां मानो हमारे अब तक के सफर का दस्तावेज हैं!
"विश्वगुरू भारत कहलाये
बस और नही वरदान चाहिये"
बहुत सुंदर रचना
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें।
जय हिंद
गणतंत्र दिवस पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं ....
यही कामनायें हमारी भी हैं।
बहुत अच्छी प्रेरणदायी कविता. पढ़ कर अद्भुत अनुभूति हुई. आभार.
बहुत सुन्दर ....गणतंत्र दिवस के पावन अवसर पर आप को ढेरों शुभकामनाये
मेरी भी यही कामना है ......गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें
आप सभी कों गणतंत्र दिवस की बधाई एवं शुभकामनायें !
गणतंत्र दिवस की आपको हार्दिक शुभकामनायें.
बहुत सुंदर .....
गणतंत्र दिवस की मंगलकामनाएं
के लिए बहुत अच्छे वरदान मांगें हैं.धन्यवाद.आप सब को भी ऐसी ही खुशहाली मिले.
वन्देमातरम !
बस शासकों में ईमान की कामना पूर्ण हो जाए तो बाकी तो स्वयं ही मिल जायेगा ...
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें..
बहुत सुन्दर और सार्थक कामनायें..गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाई !
आप की ख्वाहिशें पूरी हों बस यही दुआ है क्योंकि सच्चे भारतीयों की ख्वाहिश भी यही है
sukh shaanti bani rahe bas...
happy rpblc day.
बहुत सुंदर ....गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें और बधाई
उत्तम चाहत.
गणतंत्र दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएँ...
गणतंत्र दिवस की मंगलकामनाएं ... Sundar abhilaasha hai ..
सुंदर .....गणतंत्र दिवस की मंगलकामनाएं !
सही लिखा है आपने. सुंदर रचना.
सुंदर रचना है, गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाई।
विश्वगुरू भारत कहलाये
बस और नही वरदान चाहिये
सार्थक कामनायें..
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें और बधाई.
Aapko bhee gantantr diwaskee dheron badhayi!
नपे तुले शब्दों में,सच्ची शुभकामानायें
.
निर्मला जी मुझे एक प्लान चाहिए.
धीमे स्वर सुनने वाले कान चाहिए.
ब्लोगों की इस भीड़ में यारो
मुझे थोड़े और कदरदान चाहिए.
और नहीं है चाहत कोई
बुरा लिखूँ तो भी गुणगान चाहिए.
बन सकता है देश स्वर्ग
अच्छे ब्लोगर उर्ध्व गतिमान चाहिए.
शेष रहें खुशहाल सदा ही
उनको भी उचित सम्मान चाहिए.
दौड़ शुरू अपनी हो जाये
निज ब्लॉग को भी दर्शन दान चाहिए.
यदि हम देश-भक्त हैं तो हमारे समस्त क्रिया-कलापों में वह गंध आनी चाहिए कि अलग से कुछ कहने की ज़रुरत न रहे.
— क्या कारण है कि फिर भी आज़ राष्ट्रीय स्वरों का घोष करते रहने की ज़रुरत लगती है?
— क्या राष्ट्रीय स्वर हमारी सामान्य बातचीत में भी महसूस किया जा सकता है?
— क्या मैं जबरन एक 'राष्ट्रीय क...वीता' लिखूँ?
______________
मुझे रस आया आपकी कविता में.
.
बहुत सुंदर ....गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें और बधाई
बहुत सुंदर ....गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें और बधाई
Happy Republic Day.........Jai HIND
गणतंत्र दिवस की आपको भी हार्दिक वधाई, निर्मला जी. और, और इस सुन्दर व भावपूर्ण पोस्ट के लिए बहुत-बहुत आभार .........
दीदी,
आपकी ग़ज़ल पढकर, खासकर यह शे’र .. लोगों की भीड़ में यारों, बस थोड़े इंसान चाहिए, डॉ. इकबाल का एक शेर याद आ गया,
ख़ुदा तो मिलता है, इंसान ही नहीं मिलता,
ये चीज़ वो है, जो देखी कहीं कहीं मैंने। -- डा. इकबाल
शुभकामनाएं!
सटीक रचना.
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें.....जय हिंद
और नही है चाहत कोई
रोटी वस्त्र मकान चाहिये
सही लिखा है आपने. सुंदर रचना
आपको भी गणतंत्र दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं.
बेहद खूबसूरत रचना!!!
गणतंत्र दिवस पर आपको भी ढेरों शुभकामनायें
जय हिंद!
गणतंत्र दिवस की बहुत बहुत बधाई
सुन्दर कामनाएँ!
गणतन्त्र दिवस की 62वीं वर्षगाँठ पर
आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
निर्मला जी,
बहुत ही बढ़िया गज़ल. मतला तो बस गज़ब का है..
बहुत सुन्दर भावनाएं प्रेषित कीं आपने ..सुन्दर गज़ल के साथ..
बहुत ही सुन्दर भावमय करते यह शब्द ...बेहतरीन ।
सुन्दर पंक्तियाँ |बधाई
आशा
ati uttam...
विश्वगुरू भारत कहलाये
बस और नही वरदान चाहिये
बस यही कामना है ...शुभकामनाएं
shubhkamnayen
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें.....जय हिंद
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं !
बहुत सही आपने लिखा है ,
थोड़ी सी मुस्कान चाहिए,
कुछ साँसें आसान चाहिए !
काश !ऐसा ही हो
लोगों की इस भीड मे यारो
बस थोडे से इन्सान चाहिये
देश रहे खुशहाल सदा ही
हर घर मे धन धान चाहिये
सुन्दर पंक्तियाँ ,आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
सहज शब्दों में गणतंत्र की आकांक्षाओं को अभिव्यक्त किया है... गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामना !
सहज शब्दों में गणतंत्र की आकांक्षाओं को अभिव्यक्त किया है... गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामना !
बन सकता है देश स्वर्ग
शासकों में ईमान चाहिए...
बहुत अच्छा संदेश...शुभकामनाएं.
देर से पहुंचा लेकिन दरुस्त पहुंचा.
लोगों की इस भीड़ में यारो
बस थोड़े से इंसान चाहिए
बहुत ही सुन्दर ग़ज़ल है .आपको भी शुभ कामनाएं
गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाई !
बन सकता है देश स्वर्ग
शासकों में ईमान चाहिए...
बहुत सुन्दर और प्रेरणादायक रचना । हम सभी यही उम्मीद करते है, कभी तो ये देश सबसे आगे होगा ।
पावन भावोद्गार....
सचमुच यह मिल जाए तो और क्या चाहिए...
विश्व गुरू की कामना प्रासंगिक है और हमारी रीति के अनुरूप भी। सुंदर भाव।
आज़ादी के इतने बरसों बाद भी रोटी,कपड़ा और मक़ान के लिए तरसता आदमी। ओफ!
रोटी, वस्त्र, मकान अभी भी असंख्य देशवासियों के ख्वाब में आते हैं। शेर आज भी झकझोरता है।
आपकी रचना आज कल के हालत को दर्शाती है ... बहुत दुःख होता है ये जान कर की देश के गणतंत्र दिवस की ६२ वीं वर्षगाँठ पर रोटी कपडा मकान के लिए लोग तरस रहे हैं
बहुत सुंदर ....
बहुत सुन्दर भाव... विश्वगुरु बने हमारा भारत ....कभी न कभी ओ सुबह जरुर होगी.... शुभकामनाएं
priya madam kapila ji ,
pranam ,
viswa guru bharat kahlaye bas aur nahin vardan -----. kya jajbat hain
desh-pem ki atut chahat .salam hai aapke jajbaton ko . sundar rachana .
badhayi.
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