यहाँ देखें हिन्दी हाईकु के लिये
http://hindihaiku.wordpress.com/1
कलियाँ खिली---------
मौसम भीगा भीगा
रुत प्यार की
2 परछाई हूँ ----------
तेरी साजन मेरे
संग चलूँगी
3 दोस्त कैसे?---
गिरगिट के जैसे
रंग बदलें
5 झूमें सखियाँ
कृ्ष्णा रास रचाये----
राधिका संग
6 बाँटे रोशनी
दुनियाँ को ,घर हो -----
तेरा रोशन
7 मुद्दत बाद
मिले जो हम तुम -----
बहार आयी
8 तन्हाई मेरी
याद दिलाती तेरी-----
आओ साजन
9 तिलमिलाना
छटपटाना, क्रोध
आदत बुरी
10 सोच जिससे
किसी को सुख मिले-------
इन्साँ है गर
http://hindihaiku.wordpress.com/1
कलियाँ खिली---------
मौसम भीगा भीगा
रुत प्यार की
2 परछाई हूँ ----------
तेरी साजन मेरे
संग चलूँगी
3 दोस्त कैसे?---
गिरगिट के जैसे
रंग बदलें
5 झूमें सखियाँ
कृ्ष्णा रास रचाये----
राधिका संग
6 बाँटे रोशनी
दुनियाँ को ,घर हो -----
तेरा रोशन
7 मुद्दत बाद
मिले जो हम तुम -----
बहार आयी
8 तन्हाई मेरी
याद दिलाती तेरी-----
आओ साजन
9 तिलमिलाना
छटपटाना, क्रोध
आदत बुरी
10 सोच जिससे
किसी को सुख मिले-------
इन्साँ है गर
58 comments:
नया प्रयोग,
यह क्या ?
नयन हतभ्रत !
यह प्रयास दिलचस्प लगा, जारी रखिये ....
बहुत अच्छा, कभी प्रयास नहीं किया पर लयात्मकता दिखती है।
नमस्कार जी ...स्वीकार करें
एक से बढ़कर एक..सभी में सन्देश छुपा है ...शुक्रिया
सुन्दर हाईकु..पसंद आये.
क्या बात है। बड़े दिनों बाद अच्छे हाइकू पढ़ने को मिले। बधाईयाँ...
वाह निर्मला जी आपके यहाँ कुछ नया पढ़ने को मिला वो भी इतनी सुन्दर ...
सोच रहा हूँ मैं भी कोशिश करके देखूं पर इसके नियम नहीं पता है ...
आदरणीय निर्मला जी
नमस्कार !
.....सभी में सन्देश छुपा है
बहुत पसन्द आया
हमें भी पढवाने के लिये हार्दिक धन्यवाद
बहुत सुन्दर.
सभी बढ़िया लगे.
पढ़ा,पढ़ूंगा
कई कई बार
शत आभार
बहुत अच्छे लगे सब !!
सब एक से बढ़कर एक ....।
laajwaab ........rachna
बहुत ही दिलचस्प हाइकू हैं सभी अच्छे लगे………बधाई।
सभी एक से बढ़ कर एक ...बहुत सुन्दर प्रयास ...यह विधा भी मन मोह लेती है ...बेहतरीन
... niraalaa andaaj !!!
संदेशपरक ...अच्छी रचनाएँ ...
निर्मला जी,
आपके सभी हाइकू छिली हुई पेंसिल की तरह नुकीले हैं !
तीन छोटी छोटी पंक्तियों में अभिव्यक्ति का सारा समुन्दर भरा पड़ा है !
मेरी शुभकामनाएं स्वीकार करें !
-ज्ञानचंद मर्मज्ञ
सैल जी ये मेरा प्रथम प्रयास है। अधिक नीयम तो मुझे भी अभी पता नही लेकिन मैने हिन्दी हाईकु नामक ब्लाग के यहाँ पढ सकते हैं--- http://hindihaiku.wordpress.com/author/rkamboj/ मैने भी कम्बोज जी से ये विधा सीखी है। अभी किसी को बताने जितनी सामर्थ्य नी है। धन्यवाद।
ये हाईकु क्या होता है ????
वैसे जो भी है अच्छा लग रहा है ....
हाइकू ... कई जगह पढ़ा तो है पर हाथ नहीं आजमाया कभी ... आपने तो कमाल ही किया है इस विधा में ... छोटी छोटी लाइनों में बहुत कुछ समेटना आसान नहीं होता ... पर गज़ब की क्षमता है आपमें ... लाजवाब ....
बहुत बढिया......
ये विधा भी गजब की है, सिर्फ तीन पंक्तियों में ही सब कुछ कह देती है.
बहुत खूब निर्मला जी ! आजकल हिंदी हाइकू का बहुत प्रचलन है जारी रखिये.
Haiku ye term to pahli bAAR suna.....
jo bhi ho, Nirmala di aapko padh kar achha laga bas.....
बहुत बढ़िया !!
सुन्दर हाईकू पढ़वाने के लिये आभार।
बहुत ही बढ़िया
ये प्रयास तो रंग ले आया
bahut badhiya lagaa....aaj jaanaa haikoo ko.
kapila ji , in shabdon ko itne sahi aur kam shabdon men aapne pribhashit kiya hai vo kabile tarf hai.
आपका ये अंदाज़ भी पसंद आया। --आभार।
आपने हाइकु के साथ न्याय किया है । लेकिन एक साथ इतने लिख पाना वास्तव में कमाल का काम है ।
मुझे मालुम तो नहीं हाइकू क्या होता है लेकिन ये बहुत ही कलात्मक बन पड़ा है...एकदम नया कुछ देखने को मिला मुझे तो :)
बहुत बहुत अच्छा लगा...
वाह, लाजवाब लगी ये प्रयोगधर्मिता, शुभकामनाएं.
रामराम.
इतने कम शब्दों में इतनी सुन्दर अभिव्यक्ति ....
वाह
वाह...निर्मला जी...बहुत अच्छा प्रयोग है.
अच्छा प्रयोग है
सुंदर शब्द संयोजन
आभार
यह विधा भी कमाल की बन पड़ी है...एक से बढ़कर एक सुंदर....बढ़िया पोस्ट के लिए बधाई..प्रणाम माता जी
हर हाईकु कमाल के.......
भावों ने मन मोह लिया निम्मो दी! लेकिन हाईकू में बिल्कुल शून्य हूँ मैं!!
निर्मला जी बहुत सुंदर रचना, लेकिन उस से भी सुंदर आप का स्वभाव मिला, आप को देख कर लगा जेसे मेरी मां मेरे सामने खडी हे, आप के बात करने का भी वही ढंग, दिखने मै भी वेसी ही, बहुत अच्छा लगा, अब जब भी भारत आया आप के दर्शन करने जरुर आऊंगा.
धन्यवाद
हाइकु में कम पढना पड़ता है :) ये अच्छी चीज है वही बात जब कम शब्दों में कह दी जाय तो क्या जरुरत है कहानी कहने की.
सबसे अच्छा तो तीसरा है -दोस्त कैसे-----
....सुंदर, नाजुल कलियां बिखरी हुई है!...अति सुंदर !
निर्मला दी देरी से आने के लिये क्षमाप्रार्थी हूँ ! आपको पढ़े बिना मैं रह ही नहीं सकती ! एक यही पोस्ट रह गयी थी उसे आज पढ़ लिया और इसके कथ्य और शिल्प दोनों ने ही मुग्ध कर दिया है ! बहुत ही सकारात्मक सन्देश देतीं खूबसूरत पंक्तियाँ हैं ! इस हाइकू के बारे में मुझे भी सिखाइये ! इस उपलब्धि के लिये आपको बहुत बहुत बधाई !
सुन्दर हाईकु....
bo vadiyaa ji
अच्छे हाइकू ! साधुवाद
bahut khoob!
अच्छी पंक्तियों के हाइकु. कुछ नए प्रयोग देखने को मिले.
बहुत ही प्रभावित करने वाले हाइकू प्रस्तुत किये हैँ आपने । बहुत बहुत शुभकामनायेँ।
बहुत ही प्रभावित करने वाले हाइकू प्रस्तुत किये हैँ आपने । बहुत बहुत शुभकामनायेँ।
एक से बढ़ कर एक ,शुभकामनायेँ।
अच्छे हाइकू,लाजवाब लेखन
aadarniy mam
aapne aaj ek nai vidha se parichay karaya.iske liye aapko bahut bahut dhayvaad.
sach me chhooti chhooti panktiyo me badi baate kah jaana ,kamaal hai.
mai bhi koshish jaroor karungi.
isbehatreen prastuti avam jaan kaari dene ke liye aapko punah dil se badhai.
poonam
बहुत सुन्दर लिखा आपने...बधाई.
______________
'पाखी की दुनिया' में छोटी बहना के साथ मस्ती और मेरी नई ड्रेस
बहुत सुन्दर लिखा आपने...बधाई.
______________
'पाखी की दुनिया' में छोटी बहना के साथ मस्ती और मेरी नई ड्रेस
आजकल इंसान कम ही हैं निर्मला जी ! आभार अच्छी रचना के लिए !
Nice post .
औरत की बदहाली और उसके तमाम कारणों को बयान करने के लिए एक टिप्पणी तो क्या, पूरा एक लेख भी नाकाफ़ी है। उसमें केवल सूक्ष्म संकेत ही आ पाते हैं। ये दोनों टिप्पणियां भी समस्या के दो अलग कोण पाठक के सामने रखती हैं।
मैं बहन रेखा जी की टिप्पणी से सहमत हूं और मुझे उम्मीद है वे भी मेरे लेख की भावना और सुझाव से सहमत होंगी और उनके जैसी मेरी दूसरी बहनें भी।
औरत सरापा मुहब्बत है। वह सबको मुहब्बत देती है और बदले में भी फ़क़त वही चाहती है जो कि वह देती है। क्या मर्द औरत को वह तक भी लौटाने में असमर्थ है जो कि वह औरत से हमेशा पाता आया है और भरपूर पाता आया है ?
निर्मला जी, आपकी यह पोस्ट कैसे छूट गयी? शायद चिट्ठा जगत की हडताल के दिनों में। हाइकू लिखने पर बधाई।
poorn bimb liye hain 'haaikoo '
apne me sampoorn rchnaa hain 'haaikoo'
veerubhai .
shukriyaa .
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