25 July, 2011

गज़ल


गज़ल

 कुछ पा लिया कुछ खो लिया
 फिर बेतहाशा रो लिया
आंखों से जब आंसू गिरे
तो ज़ख्म दिल का धो लिया

फिर भी हुयी मुश्किल अगर
आँचल मे माँ की सो लिया

दुश्वारियों का बोझ भी
 जैसे हुया बस ढो लिया

जिसने बुलाया प्यार से
 मै तो उसी का हो लिया

बेकार कर दी ज़िन्दगी
बस खा लिया और सो लिया


करते मुहब्बत सब  मुझे
जो प्यार बाँटा वो लिया

105 comments:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

बढ़िया अशआरों से सजी हुई खूबसूरत ग़ज़ल!

सुरेन्द्र "मुल्हिद" said...

jisne aapki lekhnee padhi...
bas aapka mureed ho liyaa....

aap aashirvaad dene aayee nahee kaafi dino se apne bete ke blog pe....

http://raaz-o-niyaaz.blogspot.com/

Rakesh Kumar said...

बहुत सुन्दर भावों की अदभुत व अनुपम प्रस्तुति के लिए बहुत बहुत आभार.
पढकर आनंद आ गया.

मेरे ब्लॉग पर आईयेगा.
आप यूँ मुहँ न मोड़ियेगा.

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

बहुत सटीक और खूबसूरत गज़ल ..

रश्मि प्रभा... said...

bahut hi badhiya gazal

सुज्ञ said...

बहुत ही भावयुक्त गजल!!

बस यही स्थिति है!!

Bharat Bhushan said...

आँखों से जब आँसू गिरे
तो ज़ख़्म दिल का धो लिया

खूबसूरत ग़ज़ल.

रेखा श्रीवास्तव said...

जो भी प्यार से मिला हम उसी के हो लिए - अगर यही हम सोच लें तो फिर दुनियाँ स्वर्ग का एक रूप हो जाये. बहुत सुंदर ग़ज़ल .

Gyan Dutt Pandey said...

बहुत सही, यह तो शाश्वत सत्य है -
जिसने बुलाया प्यार से
मै तो उसी का हो लिया

सदा said...

बहुत सटीक बहुत सही !!

vandana gupta said...

सुन्दर भावो से सजी शानदार गज़ल्…………इसे पढकर ये गाना याद आ गया
मै ज़िन्दगी का साथ निभाता चला गया
हर फ़िक्र को धुयें मे उडाता चला गया

Anonymous said...

बेकार कर ली जिन्दगी ,
बस खा लिए और सो लिए ....................
आम आदमी (मैंगो मैन) की भाषा में उपरोक्त सुंदर रचना हेतु आभार..........

पी. एस. भाकुनी

Er. सत्यम शिवम said...

बहुत ही सुंदर गजल..बेहतरीन।

kshama said...

Nirmalaji,bahut,bahut sundar! Aapne kaafee dinon baad likha hai!

डॉ टी एस दराल said...

बेकार कर दी जिंदगी
बस खा लिया और सो लिया .

सुन्दर अशआर से सुसज्जित बढ़िया ग़ज़ल .

दर्शन कौर धनोय said...

खुबसुरत शे'र ..क्या बात हैं ???

शिक्षामित्र said...

अच्छा संदेश है। प्यार दो,प्यार लो।

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून said...

वाह ! एक सुंदर ग़ज़ल.

संजय भास्‍कर said...

सुन्दर भावो से सजी शानदार गज़ल्…

संध्या शर्मा said...

फिर भी हुई मुश्किल अगर,
आँचल में माँ की सो लिया...
अदभुत...अनुपम...बेहतरीन...

Dorothy said...

बेहद खूबसूरत गजल. आभार.
सादर,
डोरोथी.

डॉ. मनोज मिश्र said...

खूबसूरत ग़ज़ल,आभार.

परमजीत सिहँ बाली said...

बहुत सुंदर ग़ज़ल .

सुधीर राघव said...

खूबसूरत गज़ल, दार्शनिक अंदाज। बहुत खूब। बधाई।

सु-मन (Suman Kapoor) said...

bahut achchhi gazal...

शूरवीर रावत said...

"दुश्वारियों का बोझ भी जैसे हुआ बस ढो लिया ...."
ग़ज़ल आपकी पसंदीदा विधा है और ग़ज़ल का हर शेर एक रोमांच पैदा करता है. फिर-फिर पढने को मन करता है. बहुत आभार निर्मला दी !
(विशेष- दी से अभिप्राय दीदी से है न कि पंजाबी 'दी' से. जिस 'दी' का अर्थ 'की' होता है. )

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

बहुत ही खूबसूरत...

ज्योति सिंह said...

bahut badhiya likha hai
फिर भी हुई मुश्किल अगर,
आँचल में माँ की सो लिया..
isse jyada rahat aur kahan ?

मनोज कुमार said...

बहुत ख़ूब दीदी, इस ग़ज़ल में तो आपने मेरे मन की बातें बयान कर दी है। हम बस जब भी कोई विकट परिस्थिति आती है तो रो-धो लेते हैं और उसके भी पार जगत-जननी की गोद में सर रख देते हैंं कि अब सब तेरे हाथ।
और उन लोगों का क्या कहना जो खाए-पिए और निश्चिंत हो लिए।

संजय कुमार चौरसिया said...

खूबसूरत ग़ज़ल

प्रवीण पाण्डेय said...

बहुत ही संवादपूर्ण गजल, पढ़ने में आनन्द आ गया।

नीलांश said...

bahut pyaari ghazal

Urmi said...

बहुत ख़ूबसूरत और उम्दा ग़ज़ल लिखा है आपने! हर एक शेर लाजवाब है!
मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
http://seawave-babli.blogspot.com

mridula pradhan said...

bahut pasand aayee......

अजय कुमार said...

khoobsoorat gazal

कविता रावत said...

दुश्वारियों का बोझ भी
जैसे हुआ बस ढो लिया
जिसने बुलाया प्यार से
मैं भी उसी का हो लिया..
..बिलकुल सच कहा प्यार में बहुत ताकत होती है और यह प्यार वह बखूबी समझता है जो प्यार करना जानता हो..
माँ जी बहुत प्यारी गजल लगी ...आभार

ZEAL said...

Awesome creation ! Quite realistic !

चला बिहारी ब्लॉगर बनने said...

निम्मो दी!!
छोटी बहर की बड़ी गज़ल... बहुत सुन्दर!!

Surendra shukla" Bhramar"5 said...

निर्मला कपिला जी हार्दिक अभिवादन -मन को छू जाने वाली निम्न पंक्तियाँ -हम सहज ही सब कुछ सह कर करते चले जाते हैं अगर हम में सूझ बूझ है -यही है जिन्दगी
सुन्दर भाव -बधाई
शुक्ल भ्रमर ५
भ्रमर का दर्द और दर्पण

दुश्वारियों का बोझ भी
जैसे हुआ बस ढो लिया
जिसने बुलाया प्यार से
मैं भी उसी का हो लिया.

प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' said...

वाह....बहुत अच्छी रचना....

Manish said...

जिसने बुलाया प्यार से... :)
बहुत ही अच्छी गजल!!!

www.navincchaturvedi.blogspot.com said...

ला ला ल ला ला ला ल ला
ला ला ल ला ला ला ल ला

क्या प्रवाह है इस ग़ज़ल का दीदी, दिल खुश हो गया| जस्ट लाइक नॉन स्टॉप राजधानी एक्स्प्रेस| बहुत ही सुंदर और ताज़गी भरी ग़ज़ल| आपकी जय हो|



घनाक्षरी समापन पोस्ट - १० कवि, २३ भाषा-बोली, २५ छन्द

Smart Indian said...

अरे वाह, मानो जीवन परिभाषित किया हो!

Sadhana Vaid said...

आज बड़े दिनों के बाद आपको ब्लॉग पर देख कर बहुत खुशी हो रही है ! बहुत खूबसूरत गज़ल के साथ आई हैं आप आज ! आशा है पूर्णत: स्वस्थ व सानंद होंगी !

Anju (Anu) Chaudhary said...

जिन्दगी को खुद में समेटे हुए
बहुत ही खूब सूरत एहसासों की ग़ज़ल .......आभार

दिगम्बर नासवा said...

लंबे समय बाद आज आपको दुबारा पढ़ा है ... कुछ उदासी लिए गहरी गज़ल के साथ ... आशा है आपका स्वस्थ ठीक होगा ...

डॉ. मोनिका शर्मा said...

बेहतरीन ग़ज़ल.....

समयचक्र said...

बहुत सुन्दर बढ़िया गजल हैं...आभार

virendra sharma said...

सहज अनुभूति की स्वस्फूर्त ग़ज़ल .

virendra sharma said...

सहज अनुभूति की स्वस्फूर्त ग़ज़ल .

अनामिका की सदायें ...... said...

bahut dino baad aap ka likha kuchh padhne ko mila aur vo bhi itna dhamakedar. wah kya baat hai...umda gazal.

एस एम् मासूम said...

बहुत सुन्दर बढ़िया गजल हैं.कल की चर्चा मंच पे इसका ज़िक्र करूँगा

महेन्द्र श्रीवास्तव said...

वाह जी,
क्या बात है,
बातों को कहने का ये भी अंदाज है।
बहुत सुंदर

Anupama Tripathi said...

कल ,शनिवार (३०-७-११)को आपकी किसी पोस्ट की चर्चा है ,नई -पुराणी हलचल पर ...कृपया अवश्य पधारें...!!

Sunil Kumar said...

खूबसूरत गजल. आभार.
जो भी प्यार से मिला हम उसी के हो लिए ....

ASHOK BAJAJ said...

आपको हरियाली अमावस्या की ढेर सारी बधाइयाँ एवं शुभकामनाएं .

रविकर said...

सुन्दर प्रस्तुति |

बधाई ||

कुमार राधारमण said...

व्यक्ति अपनी मौलिकता में ऐसा ही जीवन जीता है।

चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ said...

are wah! kya baat hai---badhaee

सुरेन्द्र सिंह " झंझट " said...

जिसने बुलाया प्यार से
मैं तो उसी का हो लिया
.............उम्दा शेर
.........बेहतरीन ग़ज़ल

Dr.Ashutosh Mishra "Ashu" said...
This comment has been removed by the author.
Dr.Ashutosh Mishra "Ashu" said...

dil ko choo lene wali ghazal..aapka margdarsh ham naye logon ko bhi mile isi akankcha aur apne blog pe amantran ke sath

अनुपमा पाठक said...

sacchi anubhutiyon ko piro dala hai!
regards,

Asha Lata Saxena said...

बहुत भावपूर्ण गजल |आप बहुत दिन बाद आई हैं ब्लॉग पर |
आज की रचना के लिए बधाई
आशा

virendra sharma said...

बेकार कर दी ज़िन्दगी ,बस खा लिया और सो लिया ,आज चर्चा मंच पर दोबारा बांचा, गुना ,इस ग़ज़ल को और खुद को ये गीत गुनगुनाते पाया -उठ जाग मुसाफिर भोर भई ,अब रैन कहाँ जो सोवत है ,जो सोवत है सो खोवत है ,जो जागत है सो पावत है .

अभिषेक मिश्र said...

सरल शब्दों में भावों को सार्थक अभिव्यक्ति दी है आपने.

P.N. Subramanian said...

बहुत खूब. "बेकार कर दी ज़िन्दगी बाद खा लिया और सो लिया" मैं अपने मन को टटोल रहा हूँ.

Maheshwari kaneri said...

सरल शब्दों में भावों को सार्थक अभिव्यक्ति....

Rachana said...

aankhon se jab aansu dire to zakhm dil.....................
bahut khub
gazal me ek ravani hai
bahut hi pyari gazal
saader
rachana

PRAN SHARMA said...

SUNDAR SHERON SE SAJEE HAI GAZAL.
MEREE BADHAAEE AUR SHUBH KAMNA .

Pratik Maheshwari said...

हाँ जी.. यह तो बिलकुल उस गाने का प्रतिबिम्ब है..
मैं ज़िन्दगी का साथ निभाता चला गया.. हर फ़िक्र को धुंए में उडाता चला गया!
और एक गीत...
हम हैं राही प्यार के हमसे कुछ न बोलिए, जो भी प्यार से मिला, हम उसी के हो लिए...

रचना दीक्षित said...

बेमिसाल गज़ल.खूबसूरत शेरो से सजी
आभार

Asha Joglekar said...

करते मुहब्बत सब मुझे जो प्यार बाँटा वो लिया ।
सुंदर ।

vijay kumar sappatti said...

बहुत दिनों बाद आ रहा हूँ , निर्मला जी , माफ़ी चाहूँगा

आप कैसी है , आपकी health कैसी है ..

गज़ल बहुत अच्छी लिखी है आपने /
हर शेर कुछ न कुछ कह रहा है ... दिल से बधाई आपको

आभार
विजय

कृपया मेरी नयी कविता " फूल, चाय और बारिश " को पढकर अपनी बहुमूल्य राय दिजियेंगा . लिंक है : http://poemsofvijay.blogspot.com/2011/07/blog-post_22.html

Dr. Zakir Ali Rajnish said...

हमेशा की तरह दिलकश गजल कही है आपने।

------
कम्‍प्‍यूटर से तेज़!
इस दर्द की दवा क्‍या है....

सहज समाधि आश्रम said...

फ़िर से एक खूबसूरत गजल ।
धन्यवाद निर्मला जी

Shikha Kaushik said...

निर्मला जी -
बहुत सार्थक भावों को इस ग़ज़ल के माध्यम से अभिव्यक्त किया है .आपके ब्लॉग का परिचय श्री राजीव कुलश्रेष्ठ जी ने ''ये ब्लॉग अच्छा लगा '' व् ''भारतीय नारी '' पर दिया है .आप इन दोनों ब्लोग्स पर aayen व् अपने विचारों से हम सभी को अवगत कराएँ .इन ब्लोग्स का URL इस प्रकार है -''http ://yeblogachchhalaga.blogspot .com '' व् ''http ://bhartiynari .blogspot .com ''. आभार

Shalini kaushik said...

निर्मला जी आपकी रचनाएँ बहुत बार पढ़ी हैं और बहुत बार चाहा है कि आपके ब्लॉग पर आकर टिपण्णी करूं और आपके ब्लॉग से निरंतर जुडी रहूँ किन्तु इसे आप मेरा दुर्भाग्य ही कहिये कि मैं ऐसा करने में असफल rahee आज राजीव जी ने आपके ब्लॉग को ये ब्लॉग अच्छा लगा पर और भारतीय नारी पर लिया और हमने ये ठान ही लिया की आज आपके ब्लॉग से ज़रूर जुड़ना है और आज हम इससे जुड़ रहे हैं और ब्लॉग जगत में अपने सौभाग्य को बढ़ा रहे हैं .आप भी भारतीय नारी से जुड़ें तो हम सभी को प्रसन्नता होगी.

Anonymous said...

kahin dard hai, kahin haar hai, par jindagi issi ko kehte hain. Love it very much.

Dr.Sushila Gupta said...

rochak aur manoram gazal

badhi.

Indranil Bhattacharjee ........."सैल" said...

वाह, बहुत सुन्दर ग़ज़ल !

कविता रावत said...

माँ जी को सपरिवार जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनायें

Bharat Bhushan said...

जन लोकपाल के पहले चरण की सफलता पर बधाई.

कविता रावत said...

Maa ji ko Ganesh chaturthi kee bahut bahut haardik shubkamnayen..

सूफ़ी आशीष/ ਸੂਫ਼ੀ ਆਸ਼ੀਸ਼ said...

ਨਿਰਮਲਾ ਮਾ,
ਸਤ ਸ੍ਰੀ ਅਕਾਲ!
ਉਮਦਾ ਨਜ਼ਰਿਯਾ ਜਿੰਦੜੀ ਦਾ!
ਆਸ਼ੀਸ਼
--
ਮੈੰਗੋ ਸ਼ੇਕ!!!

वीरेंद्र सिंह said...

I feel like each and every 'sher' is my story. Really very meaningful Gazal! I like it very much. Congrats on such a nice Gazal!

David said...

नई ब्रिटेन से 2011 में तेजी से बढ़ता निवेश
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Bharat Bhushan said...

ब्लॉगिंग से आपकी लंबी चु्प्पी अखर रही है. आप कब लौट रही हैं.

कविता रावत said...

Maa ko spariwar MAA shardiya NAVRATRI kee bahut bahut haardik shubhkamnayen!

Unknown said...

बहुत समय के पश्चात इतनी अच्छी गज़ल पढने का मौका मिला. आपकी लाइन "बेकार कर दी जिंदगी बस खा लिया और सो लिया" बहुत ही अच्छी लगी | ईश्वर से कामना है की आप दीर्घ आयु हों और हमें इसी तरह आपका साहित्य रूपी स्नेह मिलता रहे.

vijai Rajbali Mathur said...

आप सब को विजयदशमी पर्व शुभ एवं मंगलमय हो।

Unknown said...

बढ़िया भाव पूर्ण रचना
काबिले तारीफ

Smart Indian said...

आदरणीय निर्मला जी,
लम्बे समय से आपकी कुशलता की कोई सूचना नहीं है। कृपया एक माइक्रोपोस्ट लिखकर अपनी खैरियत का सन्देश दीजिये।

ZEAL said...

आदरणीय निर्मला जी ,
आज अपनी पोस्ट पर आपका कमेन्ट देखकर बहुत अच्छा लगा। आप ज्यादा दिनों तक दूर मत रहा कीजिये। ईश्वर से प्रार्थना है आप सपरिवार स्वस्थ एवं सानंद रहे। जल्दी ही सक्रीय होइए। हम सभी आपके इंतज़ार में हैं।

Jeevan Pushp said...

बहुत सुन्दर रचना
बधाई हो ..
मेरे ब्लॉग पे आपका स्वागत है ..

चंदन said...

बहुत ही सुन्दर और दिल को छूने वाली रचना !

Dr.NISHA MAHARANA said...

very nice expression.

vijai Rajbali Mathur said...

आप को जन्मदिन की हार्दिक मंगल् कामनाएँ ।

Suman Dubey said...

्निर्मला जी नमस्कार, दुश्वारियो का बोझ------------- बहुत खूब कहा । मेरे ब्लाग पर आपका हार्दिक स्वागत है।

Dinesh pareek said...

बढ़िया अशआरों से सजी हुई खूबसूरत
asha karta hu ki ap bhi mere sahyogi banege or apne vicharo se mujhe mere blog pe avghat karwayenge

vidya said...

वाह...आज पहली बार आपका ब्लॉग देखा..
दिल आ गया..
सादर.

dinesh aggarwal said...

बहुत ही खूबसूरत.....दार्शनिक अंदाज.....
कृपया इसे भी पढ़े-
नेता- कुत्ता और वेश्या (भाग-2)

अंजना said...

अच्छी गजल ...

amrendra "amar" said...

सुंदर भाव सुंदर प्रस्तुति.

SKT said...

बहुत खूब!

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