03 February, 2011

हाईकु--haiku

हाईकु

साथ जो छूटा
आसमान से जैसे
तारा हो टूटा

खून पसीना
बहाता है किसान
फिर दे जान?

आँगन मे मेरे
 आया है मधुमास
 लेकर आस ।

अगर देगा
रिश्तों को  तू सम्मान
 पाये सम्मान।

मुंडेर बैठा
 कौआ गीत सुनाये
कोई है आये

प्यार कहाऊँ
 सब की रग रग
में बह जाऊँ
 

 देश बचाओ
अर्जुन बन जाओ
धर्म निभाओ
 

बदरा आओ
धरती है कहती
प्यास बुझाओ

जुल्फ उडाये
पास जब भी आये
प्यास बुझाये

रंग बिरंगी
तितली के पँखों सी
चुनरी सोहे

आहट जो हो
दर पे सोचूँ मै
शायद वो हो

 

 खोल निहारूँ
माज़ी के दरीचों को
तुझे पुकारूँ

अँखो की नमी
पूछती है अक्सर
किसकी कमी?




58 comments:

डॉ. मोनिका शर्मा said...

सभी हाइकु कमाल के.... जीवन की झलक लिए......

प्रवीण पाण्डेय said...

प्रवाह लगने लगा अब हाईकू में।

वाणी गीत said...

आँखों की नमी पूछती है आखिर किसकी कमी ...
खून पसीन बहता किसान फिर दे अपनी जान ...

सभी शानदार है !

केवल राम said...

आहट जो हो
दर पे सोचूं मैं
शायद वो हो
xxxxxxxxxxxxxx
आँखों की नमी
पूछती है आखिर
किसकी कमी .

जीवन की वास्तविकताओं के बेहद करीब सभी सशक्त भाव लिए हैं ...आपका शुक्रिया

मुकेश कुमार सिन्हा said...

main to yahin kahunga..ki ek shaandaar rachna hai...jisko aap HAIKU kah rahe ho:)

Di define kar do Haiku ko to ham jaise nau-sikhiye ke liye behtar rahega..:)

प्रतुल वशिष्ठ said...

.

ला ........... जवाब.

बे ........... हिसाब.

हाइकू की कहाँ मिलती

ये ........... किताब.

.

anshumala said...

खून पसीन बहाता किसान फिर दे अपनी जान ...

सही कहा, पर हमारे कृषि मंत्री को पता ही नहीं की किसान ऐसा क्यों करता है वो तो उसके लिए सब कुछ कर रहे है |

संजय कुमार चौरसिया said...

सभी शानदार है !

अजित गुप्ता का कोना said...

इस होम्‍योपेथी डोज को सप्‍ताह में एकबार लेने से काम चल जाएगा?

रश्मि प्रभा... said...

desh bachaao
arjun ban jao.... bahut hi gahri baat

सुज्ञ said...

वाह!! जी, यह हाईकु तो कमाल है।
कम शब्दों में गहरी बात? अतिगहन!!
देश बचाओ
अर्जुन बन जाओ
धर्म निभाओ

सत्य है, जब बात देश बचानें की हो तो अर्जुन बन जाना ही राजधर्म है।

Pratik Maheshwari said...

हमें तो आपके हाईकू बहुत पसंद आये हैं और आते रहेंगे.. :)

vandana gupta said...

बेहद सुन्दर हाइकू…………हर हाइकू मे जीवन दर्शन्।

सोमेश सक्सेना said...

छोटे छोटे सच... :)

kshama said...

Wah! Sabhee haiku kamal ke hain!

Shikha Kaushik said...

बहुत शानदार पोस्ट प्रस्तुत की है आपने .शायद ब्लॉग जगत में ऐसी पोस्ट पढने से ही इसकी सार्थकता साबित होती है .बधाई .

अरुण चन्द्र रॉय said...

निर्मला जी आपके हाइकु ने कम शब्दों में भावों को सुन्दरता से अभिव्यक्त किया है.. अंतिम हाइकु ने झकझोर दिया..

दिगम्बर नासवा said...

जीवन के रंग समेटे सभी हाइकू लाजवाब है ... इस विविध लेखन में आपकी महारत काबिले तारीफ़ है ..

dipayan said...

निर्मला जी,
आपसे इस नई शैली के बारे मे जाना । गहरी सोच को इतने कम शब्दो में व्यक्त करना अच्छा लगा । आभार ।

rashmi ravija said...

आँखों की नमी
पूछती है आखिर
किसकी कमी .

कमा के हाइकू हैं

vijai Rajbali Mathur said...

.प्रेरणास्पद अभिव्यक्ति है.

shikha varshney said...

सटीक हाइकू.

Indranil Bhattacharjee ........."सैल" said...

आपतो बहुत अच्छे हाइकू लिखती हैं ... शुभकामनायें !

Sadhana Vaid said...

बहुत भावपूर्ण हाइकू हैं निर्मला दी ! सभी बहुत अच्छे हैं, विशेष कर यह लाजवाब है !
आहट जो हो
दर पे सोचूँ
शायद वो हो !
बहुत सारी शुभकामनायें एवं आभार !

Kailash Sharma said...

सभी हाइकू बहुत शानदार ..

वीरेंद्र सिंह said...

सभी ने इतना कुछ लिख दिया कि समझ नहीं आ रहा कि मैं क्या लिखूँ? इतना ज़रूर कहुँगा कि सभी की कही बातों से सहमत हूँ।


आपने बहुत ही अच्छा लिखा है। आपको बधाई।

Bharat Bhushan said...

देश बचाओ
अर्जुन बन जाओ
धर्म निभाओ
बहुत सुंदर अभिव्यक्तियों से सजे हाइकु.

विशाल said...

तितली के रंगों से हैं आपके हाईकु.
सब रंग समेत लिए आपने.
दुनिया के दर्द से लेकर अपने दर्द तक.
सीख भी है.
आशा भी है.
आप की काव्य शैली बहुत ही अच्छी है.
लो, कुछ तो याद भी हो गए जी.
सलाम.

सुरेन्द्र "मुल्हिद" said...

mazedaar

Anonymous said...

सभी हाइकू बहुत उत्कृष्ट हैं!

डॉ. मनोज मिश्र said...

बेहद सुन्दर हाइकू……

Roshi said...

sunder rachna hai

सु-मन (Suman Kapoor) said...

har haiku behatreen.....

मनोज कुमार said...

दीदी,
बड़ा रोचक विधा है।
या आप इसे रोचक बना देती हैं।
सब एक से एक।
अब तो मुझे भी मन कर रहा है हाइकु लिखूं।

चला बिहारी ब्लॉगर बनने said...

निम्मो दी!
एक बार हाइकू का व्याकरण समझ लूँ तो ख़ुद भी लिखूँ.. आपने सभी हाईकू शानदार लिखे हैं!!

राज भाटिय़ा said...

आप की यह हाइकू बहुत सुंदर लगी जी, बिलकुल हाइकू की तरह, धन्यवाद

डॉ. नूतन डिमरी गैरोला- नीति said...

आज ४ फरवरी को आपकी यह सुन्दर भावमयी विचारोत्तेजक हाइकू चर्चामंच पर है... आपका धन्यवाद ..कृपया वह आ कर अपने विचारों से अवगत कराएं

http://charchamanch.uchcharan.com/2011/02/blog-post.html

amrendra "amar" said...

sateek aur sunder haiku

सहज समाधि आश्रम said...

बहुत सुन्दर निर्मला जी । आपका ब्लाग bolg world .com में जुङ गया है ।
कृपया देख लें । और उचित सलाह भी दें । bolg world .com तक जाने के
लिये सत्यकीखोज @ आत्मग्यान की ब्लाग लिस्ट पर जाँय । धन्यवाद ।

www.navincchaturvedi.blogspot.com said...

आदरणीया निर्मला कपिला जी सादर अभिवादन|
सरल-सरस-रुचिकर हाइकु पेश की हैं आपने| नमन|
खास कर किसान, कौआ और प्यार वाली में तो आपकी लेखनी का जादू अद्भुत है|

महेन्‍द्र वर्मा said...

छोटे-छोटे हाइकू में बड़े-बड़े सत्य छिपे हुए हैं।

रंजना said...

वाह...बहुत बहुत सुन्दर ...सभी के सभी...

कविता रावत said...

देश बचाओ अर्जुन बन जाओ
धर्म निभाओ....

प्यार कहाऊं
सबकी रग रग में
बह जाऊं
माँ जी! बहुत सुंदर प्रेरक हाइकू

Akshitaa (Pakhi) said...

कित्ते अच्छे-अच्छे हाइकू...

Sushil Bakliwal said...

कमाल की लघु प्रस्तुति हे ये हाईकु.

Sushil Bakliwal said...

कमाल की लघु प्रस्तुति हे ये हाईकु.

Swarajya karun said...

सभी हाईकू 'गागर में सागर ' की तरह प्रभावित करते हैं. आज के इंसान के मनोभावों को न्यूनतम शब्दों में अधिकतम अभिव्यक्ति देने की यह शैली भी काफी दिलचस्प है. बधाई,आभार और शुभकामनाएं.

रचना दीक्षित said...

हर हाइकू मे जीवन दर्शन्।

POOJA... said...

वाह... सत्य... लाजवाब...

उपेन्द्र नाथ said...

Nirmla ji, bahut hi achchhi hai sabhi hayku..... sunder prastuti.

सुरेन्द्र सिंह " झंझट " said...

देश बचाओ
अर्जुन बन जाओ
धर्म निभाओ
वाह! क्या भाव समाया है इस छोटी सी हाइकू में .

सहज साहित्य said...

बहन निर्मला जी आपके हाइकु पढ़कर अच्छा लगा । बहुत सुन्दर प्रस्तुति है । मैं 2 फ़रवरी से दिल्ली से बाहर था अत:नेट से दूर रहा । विलम्ब के लिए क्षमा

Patali-The-Village said...

सभी शानदार है|

निर्मला कपिला said...

बहुत से लोगों ने हाईकु की विधा के बारे मे पूछा है। मै तो अभी इस विधा के बारे मे बतने के योग्य नही हूँ अगर आप सीखना चाहते हैं तो यहाँ आदरणीय रामेश्वर कम्बोज हिमाँशू जी से सम्पर्क कर सकते हैं। धन्यवाद। ये रहा उनका हिन्दि हाईकु का ब्लाग्
http://hindihaiku.wordpress.com/author/rkamboj/

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

सभी बढ़िया...

Dorothy said...

देरी से आने के लिए क्षमा प्रार्थी हूं.खूबसूरत इंद्रधनुषी छटा बिखेरते सभी हाईकु अद्वितीय हैं. आभार.
सादर,
डोरोथी.

धीरेन्द्र सिंह said...

ऑखों की नमी
पूछती है अक्सर
किसकी कमी ?

अति खूबसूरत.

admin said...

हर हाइकू मे जीवन दर्शन्।

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