10 December, 2009

ढोंगी बाबा सचिदानन्द निकला कातिल

  ये खबर कल दैनिक जागरण  अखबार मे थी। नंवाशहर, पंजाब मे कुछ दिन पहले कविता नाम की एक महिला का कत्ल हुया था। तब से पुलिस कातिल  की तलाश मे थी। अखबार के अनुसार ये बाबा लोगों को बहला फुसला कर उन से धन सम्पति एंठता था। बाबा उर्फ सतिन्दर कुमार् ही कविता का कातिल निकला। पोलिस ने सोमवार रात को उसे गिरफ्तार कर लिया।बाबा ने गला घोंट कर उसकी हत्या की थी।वो कई लोगों को अपने झाँसे मे ले कर बर्बाद कर चुका था। कविता भी इस के झाँसे मे आ गयी।करीब 4 साल मे वो बाबा पर 4--5 लाख लुटा चुकी थी। विदेश से उसके बेटे जो पैसे भेजते वो बाबा के चरणो मे अर्पित कर देती। इसी दौरान कविता को बाबा के ढोंगी पहरावे की भनक लगी तो वो अपना पैसा वपिस मांगने लगी। कविता को पता चला कि बाबा सचिदानन्द पर गुरदासपुर के कस्बे कादियाँ मे धोखा धडी के कई केस दर्ज हैं और पोलिस रिकार्ड मे भगौडा है। पोल खुलने पर उसने बाबा से अपने पैसे लौटाने के लिये कहा और वापिस न करने पर पोल खोल देने की धमकी दी।


28 नवम्बर की रात करीब 11 बजे बाबा कविता के घर पहुँचा और उसे समझाया। कविता के बार बार अपनी बात पर अडे रहने के बाबा ने पजले उसके सिर पर जोर से घूँसा जडा और बाद मे उसी की चुन्नी से उसका गला घोंट दिया।हत्या को लूट का मामला बनाने के लिये उसने उस के बाल बिखेर दिये और घर का सारा सामान भी बिखेर दिया।ुसके 2 मोबाईल फोन भी नष्ट कर दिये।। फिर कमरे को ताला लगा कर दूसरे दरवाजे से चला गया ।अगली सुबह छ: बजे बाबा अपने चेलों को साथ ले कर गाडी से कुरुक्षेत्र चला गया। इसके बाद वो जालन्धर और अमृतसर मे भी घूमा।। 7 दिस्मबर को जब वो नवां शहर लौटा तो पोलिस ने उसे दबोच लिया।जाँच के दौरान पोलिस लो पता चला कि  कविता का उस बाबा के पास काफी आना जाना था। बाबा कविता का भाई बना हुया था। पोलिस ने जब सबूत जुटाने शुरु किये तो सभी कडियाँ खुलती चली गयी।

पोलिस को पता चला कि बाबा लोगों को सम्मोहित करने की क्रिया जानता था।बस बात यहीं तक नहीं थी जो लोई भी उसके पास आता वो उसी का हो कर रह जाता। 1990 मे खुद को बाबा कह कर प्रचार करने वाले बाबा पर ठगी धोखाधडी अवैध हथियार रखने, हत्या का प्रयास करने के चार केस दर्ज हुये। वो उसके बाद अपने परिवार को वहीं छोड कर दिल्ली के गनेश नगर मे चमन लाल मूँगा के घर पहुँचा।। वहाँ उन्को उनके बेटे की मौत का वहम डाल कर उन से लाखों रुपये ठग लिये यही नहीं मूँगा परिवार की लडकी नेहा को भी अपने जाल मे फंसा लिया और उसे अपने साथ ही नवांशहर ले गया। नेहा इस कदर बाबा के चंगुल मे फसी कि उसने अपने ही पिता समेत 11 लोगों पर बलात्कार का केस दर्ज करवा दिया। इस के इलावा कई पोलिस वाले भी बाबा के सम्मोहन मे थे। पोलिस जब पूछताछ करती तो बाबा अपने सम्मोहन और प्रवचनों से सम्म्मोहित कर लेता।
फिर एस एस पी श्री राकेश अग्रवाल ने खुद पूछताछ शुरू की तो वो टूट गया और सारी कडियाँ खुल गयी। 
ये खबर तो अखबार की है बाकी खबर कल और फिर इसी को ले कर मेरे  कुछ सवाल होंगे। बाकी कल ।
क्रमश:



33 comments:

अजित गुप्ता का कोना said...

इस दुनिया में ऐसे बाबाओं की और व्‍यक्तियों की कोई कमी नहीं है। लेकिन दुख इस बात का है कि इन्‍हें हम ही बढ़ावा देते हैं। आज व्‍यक्ति इतना लालची होता जा रहा है कि उसे धन-दौलत और सारे ही सुख मुफ्‍त में मिलने की चाह रहती है, इसी कारण लोग ऐसे बाबाओं के चक्‍कर में आ जाते हैं।
मैं कई दिनों से व्‍यक्तिगत कारणों से ब्‍लाग जगत में अनियमित हो रही हूँ, इसी कारण आपकी कई पोस्‍ट नहीं पढ़ पायी हूँ। अभी भी बच्‍चे आ रहे हैं तो दिसम्‍बर मास भी ऐसे ही बीतेगा।

सदा said...

वैसे आजकल ऐसे बाबाओं की संख्‍या बहुतायत हो चुकी है, और इन्‍हें ऊपर उठाने वाले लोग भी अपने बीच बहुत संख्‍या में हैं, और यह लोगों का भला कम अपना भला ज्‍यादा करते हैं, पर फिर भी लोग इनके बहकावे में आ जाते हैं आश्‍चर्य है ।

पी.सी.गोदियाल "परचेत" said...

निर्मला जी आज कल ऐंसे ढोंगी बाबाओं ने इस ब्लॉग जगत में भी पैर पसार लिए है :)

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

आपने इस घटना को अपने ब्लॉग पर ला कर लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया है..

बाबाओं के ढोंग की पोल खोलनी ही चाहिए...इस लेख के लिए बधाई

अनिल कान्त said...

समाज के गिरते स्तर में इन जैसे बाबाओं का बहुत बड़ा हाथ है.
लोग फिर भी नहीं सुधरते

vandana gupta said...

kahte hain ek machhli sare talab ko ganda karti hai magar aajkal to jyadatar sari hi machhliyan aisi hain to unmein agar koi sahi bhi hoga to wo bhi sandeh ke ghere mein rahega........sirf apni swarthsiddhi ke liye log aam janta ka kaise shoshan karte hain uska jeeta jagta udaharan hai ye........iske liye to hamein hi jagruk hona padega nhi to isi prakar shoshit hote rahenge.

वाणी गीत said...

मुझे गुस्सा आता है इन बाबाओं से अधिक.... बेवकूफ बन जाने वाले भक्तों पर .....!!

Unknown said...

sharm
dukh
vedna
peeda
khed
afsos ke alaava vo sab jo likh na saka..

aap aisee pol kholte rahen........

dhnyavad !

Unknown said...

मुझे समझ में नहीं आता कि लोग ऐसे बाबाओं के जाल में आखिर फँस कैसे जाते हैं?

दिगम्बर नासवा said...

AAPNE APNI PICHLI KAHAANI MEIN BHI TO AISE DHONGI BAABAAON KE BAARE MEIN LIKHA HAI .....
BHAGWAAN BACHAAYE AISE BAABAAON SE ...

परमजीत सिहँ बाली said...

यदि सरकार इन बाबाओ की गतिविधियों पर नजर रखे तो ऐसे हादसो से बचा जा सकता है।लेकिन जनता भी इस के लिए कम दोषी नही है जो बहुत जल्दी देखा देखी इन के पीछे बिना परखे चलने लगती है।

Kulwant Happy said...

आपके सवालों का इंतजार है।
युवा सोच युवा खयालात
खुली खिड़की
फिल्मी हलचल

डॉ टी एस दराल said...

सम्मोहित होने के लिए तो हम ख़ुद ही तैयार रहते हैं।
तभी तो ये ढोंगी अपना उल्लू सीधा कर लेते हैं।
फ़िर कसूर किसका ?

मनोज कुमार said...

मेरे मन में आलेख पढ़ते ही यह ख़्याल आया लिखने को ....

निर्मला दीदी आज कल ऐंसे ढोंगी बाबाओं ने इस ब्लॉग जगत में भी पैर पसार लिए है :)

पर, देखा श्री गोदियाल जी पहले ही लिख चुके हैं।

Yogesh Verma Swapn said...

isko padh kar logon ki ankhen khul jaani chahiye, bahut achcha kiya aapne blog par ye post ki, aabhaar.

Dr. Zakir Ali Rajnish said...

यही तो हमारे समाज की विद्रूपता है। भंडाफोड होने के पहले तक हर बाबा भगवान बना रहता है। ये लोग इसी अंध श्रद्धा का लाभ उठाते हैं।
------------------
शानदार रही लखनऊ की ब्लॉगर्स मीट
नारी मुक्ति, अंध विश्वा, धर्म और विज्ञान।

Razi Shahab said...

samaj ki tasveer pesh karne ke liye shukriya

नीरज गोस्वामी said...

मुझे दुःख होता है हम क्यूँ सब जानते बूझते हुए इन बाबाओं के चक्कर में आ कर अपना सब कुछ गवां देते हैं...रोज ही हम ऐसी घटनाएँ पढ़ते हैं और फिर भी सबक नहीं लेते...दरअसल कमजोर मानसिकता वाले लोग ही ऐसे धूर्त लोगों के शिकार बनते हैं...
नीरज

अमिताभ श्रीवास्तव said...

kalyug me aour kyaa hogaa ji,
abhi to ese kitane he baba line me he jin par se pardaa hatane vaalaa he...

Udan Tashtari said...

ढोंगी बाबाओं की बाढ़ आई हुई है. इन्सान को समझदारी से काम लेना चाहिये.

बहुत अफसोसजनक.

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

आश्चर्य तो इस बात का है कि इतना सब जान-बूझ कर भी हम इन बाबाओं के जाल में फँस जाते हैं!

संगीता पुरी said...

हत्‍या और धोखाधडी के बाद फरार लोग बाबा बनकर पुलिस से अपने बचने का अच्‍छा उपाय कर लेते हैं .. पर वे ज्‍योतिष , धर्म और समाज की इनपर आस्‍था का पूरा नुकसान कर देते हैं .. पढी लिखी जनता के इनके चक्‍कर में पडने की बात से मुझे बहुत आश्‍चर्य होता है !!

प्रकाश गोविंद said...

अकर्मण्यता और मूर्खता हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है !

रंजना said...

DHARM AUR AASTHAON PAR KUTHARAGHAAT KARNE WALE AISE DHONGIYON KO SAKHT SE SAKHT SAZA MILNI CHAHIYE....

शोभना चौरे said...

ऐसे बाबाओ को हम (समाज ) ही प्रश्रय देते है |दुःख इस बात का हैकी शिक्षित लोग आजकल ज्यादा शिकार हो रहे है इसी घटनाओ के ,जिसके लिए इन्सान का लालच जिम्मेदार है |

Sudhir (सुधीर) said...

निर्मला दी,

ऐसे ही धर्म के ठेकेदारों (क्षमा करें ठग दुकानदारों) के कारण धर्म भी बदनाम होता है और जो आस्था को ठेस लगती है वो अलग....क्षोभनीय और निंदनीय

Ashutosh said...

इस लेख के लिए बधाई.
हिन्दीकुंज

Sulabh Jaiswal "सुलभ" said...

Aapki Report!! Bahut Sahi.

Dhanyawaad!

rashmi ravija said...

सचमुच कितने पढ़े लिखे लोगों को भी इन ढोंगी बाबाओं के चंगुल में फंसते देखा है...कौन सा जादू कर देते हैं ये लोगों पर कि लोगों को कुछ दिखाई नहीं देता...ऐसे सारे ढोंगियों का पर्दाफाश जल्द से जल्द होना चाहि

Randhir Singh Suman said...

nice

alka mishra said...

ऐसे बाबाओं के चक्कर में लोग फंसते ही क्यों हैं?
सबको पता है की ऊपर वाले की मर्जी के बिना पत्ता तक नहीं हिल सकता ,इन बाबाओं की क्या हैसियत है ?
मुझे तो लगता है पोलियो सन्डे की तरह देश भर में ढोंगी सन्डे द्वारा ही जागरूकता अभियान चलाना पडेगा

वैसे निर्मला जी आपकी ये फोटो मुझे बहुत अच्छी लगती है ,आप अगर इजाजत दें तो मैं आपको आंटी कहा करूं ,पता नहीं क्यों ऐसा भाव मेरे मन में कई बार उठ चुका है

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" said...

साधू बाबाओं का चौला पहने ऎसे ढोंगियों के कारण ही आज समाज से धर्म मानो लुप्त होता जा रहा है....आपने इस समाचार को सामने लाकर बहुत ही उम्दा कार्य किया है...समाज में जागरूकता लाने के लिए इस प्रकार के प्रयास अति आवश्यक हैं ।
आभार्!

दर्पण साह said...

Kitne mukhaute odhe hain na duniya ne?

Ek machli saare talab ko ganda karti hai, Ab socho agar koi baba Genuine bhi hua to wo apni safai ka stamp paper kahan se laiye?
Koi ID card bhi to nahi milta kahin 'ISI' mark type.

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