17 December, 2008


बच्चो, करो देश की रक्षा,फिर इतिहास दोहराओ, बच्चो अर्जुन बन जाओ.
जब कुरुक्षेत्र मै अर्जुन ने, अपनों पर शस्त्र उठाया था,
काँप उठा था उस का कलेजा, विश्वास भी डगमगाया था.
तब कृ्ष्ण  ने गीता सन्देश दिया, उसे सत्य समझाया था
आज उसी सन्देश को तुम फिर उठ कर अपनाओ,
बच्चो अर्जुन बन जाओ.
घर घर में दुर्योधन बैठै आजादी से खेल रहे है
भृ्ष्टाचार - आतन्कवाद भारतवासी झेल रहे हैं
देश का गौरव धूमिल कर बर्बादी की ओर धकेल रहे हैं,
अगर शान से जीना है तो भारत मां की आन बचाओ,
ब्च्चो अर्जुन बन जाओ
फिर इतिहास दोहराओ, बच्चो अर्जुन बन जाओ

1 comment:

Hiteshita Rikhi said...

I am really inspired and impressed by this poem and it's motivating for children too.Our country needs Arjun's and people who can inspire others.Keep it up!!!

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