28 November, 2009


गज़ल
ये गज़ल भी प्राण भाई साहिब के आशीर्वाद और संवारने से
कहने लायक बनी है।

हौसला दिल में जगाना साथिया
देश दुश्मन से बचाना साथिया

जो करे बस सोच कर करना अभी
फिर न तू आँसू बहाना साथिया

क़ैद कर् पलकों में रखना हर घड़ी
यूँ बना काजल सजाना साथिया

जान हाल-ए- दिल न ले तेरा कहीं
चेहरा ऎसे छुपाना साथिया

कौन कहता है तुझे अब आदमी
भ्रूण मारे क्यों,बताना साथिया

रूप उसका जान का दुश्मन बना
प्रेम का जलवा दिखाना साथिया

छोड़ कर चल दे मुसीबत में कोई
दोस्त कैसा वो,बताना साथिया

दोस्ती निर्मल है "निर्मल" की सदा
जब जी चाहे आज़माना साथिया

28 comments:

दिनेशराय द्विवेदी said...

बहुत खूबसूरत और प्रेरणादायी रचना। बधाई!

Dr. Shreesh K. Pathak said...

एक सुन्दर और प्रशस्त गजल..!

दिगम्बर नासवा said...

BAHUT HI SHASHAKT GAZAL ...

KOUN KAHTA HAI TUJHE AB AADMI ....

YE SHER KAMAAL KA HAI .. BAHUT HI LAJAWAAB .. AISE LOG SACH MEIN AADMI NAHI NAPUNSAK HAIN ...

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

आपकी कविता में निखार लाने के लिए,
प्राण भाई साहब का धन्यवाद!

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) said...

बहुत अच्छी लगी आपकी यह गजल..!....

शब्द सितारे... said...

bahut hi achhi gazal hain

Yogesh Verma Swapn said...

behatareen prastuti, badhaai sweekaren.

डॉ टी एस दराल said...

बहुत अच्छी और सच्ची ग़ज़ल। बधाई

Apanatva said...

bahut sunder gazal hai her sher sashakt hai .badhai!

Sadhana Vaid said...

खूबसूरत भावनायें और सुन्दर बंदिशें ! बहुत बहुत बधाई आपको इतनी सुन्दर रचना के लिये ।

Ashutosh said...

बहुत अच्छी लगी.
हिन्दीकुंज

ताऊ रामपुरिया said...

बहुत सुंदर रचना है. शुभकामनाएं.

रामराम.

अनिल कान्त said...

ग़ज़ल पढ़कर आनंद प्राप्त हुआ
एक अच्छी ग़ज़ल .

राज भाटिय़ा said...

प्राण साहिब का ओर आप का बहुत बहुत धन्यवद इस सुंदर कविता के लिये

rashmi ravija said...

अच्छी ग़ज़ल है...सुन्दर भाव से भरी...

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून said...

सुंदर अनुभूति.

पूनम श्रीवास्तव said...

Adaraneeya Nirmala ji,
Har gazal kee tarah apakee ye gajal bhee bahut sundar bhavon ko praastut kar rahee hai.shubhakamnayen.
Poonam

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

nirmala jo,

bahut khoobsurat ghazal hai...bahut si baton ko le kar kahi gayi hai...apane jazbat chhupane ki baat ...to doosari taraf bhrun hatya ki baat aur dosti ka aina dikhane ki baat....

ghazal ke liye badhai

DC said...

dosti nirmal hai nirmal kee sada
jab jee chahe aajamana saathiyo
behad sundar makta hai nirmala ji...
.
mere blog tak aane ke liye aapka aabhari hoon..maine word verification hata diya hai..smriti dilaane ke liye punah dhanayawaad

अमिताभ श्रीवास्तव said...

achhi gazal.praanji dvara snvaari gai ho aour aapke vichaar ho to maza duganaa ho jaataa he/ isme yadi desh ke prati prerna he to jeevan darshan bhi he/ samaj ka chitran bhi he to prem ki najukta ko bhi aapne salike se sajaayaa he/ bahut achhi gazal/

अपूर्व said...

क्या बात है..एक गज़ल मे इतने खूबसूरत भाव एक साथ गूँथ दिये हैं..कि पूरी ग़ज़ल जैसे एक रंग-बिरंगे गुलशन सी महक उठी है..एकदम मस्त!!!

Amrendra Nath Tripathi said...

गजल अच्छी लगी ...
गजल के चौथे शेर की दूसरी
पंक्ति पर क्रम-भंग हो रहा है ...
ऐसा न हो तो और मजा आये ...

डा0 हेमंत कुमार ♠ Dr Hemant Kumar said...

बहुत ही सुन्दर शब्दों में लिखी गयी उम्दा गजल्।
हेमन्त कुमार

Sudhir (सुधीर) said...

निर्मला दी,

बड़ी प्यारी ग़ज़ल. बड़ा गहरा शेर लगा -

जान हाल-ए-दिल न ले तेरा कहीं
चेहरा ऐसे छुपाना साथिया
साथ ही "कौन कहता हैं तुझे अब आदमी" वाला शेर भी बड़ा सटीक सामायिक है. साधू !!!

गिरिजेश राव, Girijesh Rao said...

लय और प्रवाह पठनीय हैं।
अमरेन्द्र की बात पर ध्यान अपेक्षित है।
बढ़िया सीधी साधी बात कहने में एक उपलब्धि।

Khushdeep Sehgal said...

निर्मला जी,
जहां सवाल होते हैं वो दोस्ती नहीं होती...जहां दोस्ती होती है वहां सवाल नहीं होते...

जय हिंद...

स्वप्न मञ्जूषा said...

bahut hi sundar ghazal kahi hai aapne Nirmala ji..
padhne mein maza aaya ...
sabhi sher khoobsurat...

संजय भास्‍कर said...

आपने बड़े ख़ूबसूरत ख़यालों से सजा कर एक निहायत उम्दा ग़ज़ल लिखी है।

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