शोक समाचार
दुखी हृदय से सूचित कर रही हूँ कि मेरे छोटे दामाद ललित सूरी के छोटे भाई अनूप सूरी का देहान्त हो गया है। वो टी सी एस कम्पनी मे इन्जनीयर थे और फरवरी 2010 से कम्पनी की तरफ से अमेरिका मे थे। वहाँ उनकी एक कार दुर्घटना मे मौत हो गयी उनके साथ भारत से अभी चार दिन पहले कम्पनी से एक दोस्त गया था, उसकी भी उसी के साथ मौत हो गयी। गाडी चलाने वाला लडका बच गया। हंसते खेलते परिवार की खुशियाँ भगवान ने छीन ली। दिसम्बर मे वापिस आने पर उसकी शादी करनी थी।ाभी दोनो की लाश भारत नही आयी, शायद शुक्रवार शाम तक पहुँच जायेगी।
कुछ दिन से पता नही क्यों मन बहुत उदास था, बिना किसी कारण के ।मुझे लग रहा था कि फिर से कुछ होने वाला है। मेरे साथ ऐसा ही होता है। हमारा तो पहले ही पोर पोर दुख से भरा हुया है, ऐसी मौतों की वजह से। मुझे बस सकून इस बात का था कि मेरी बेटियाँ अपने घरों मे बहुत खुश हैं। बस यही रहता मन मे कि ये घर यूँ ही हंसते खेलते रहें। मगर भगवान के आगे किस की चलती है। मेरी बेटी को वो अपनी माँ से भी अधिक सम्मान देता था। मेरे साथ हर दो तीन दिन बाद चैट पर बात होती तो यही कहता कि मैं तो आपका बेटा हूँ,ललित आपका दामाद है। शायद अच्छे लोगों की भगवान को हम से अधिक जरूरत है। उसके माँ बाप को अभी नही बताया हुया इस लिये हम भी अभी वहाँ नही गये। मन कहीं टिक नही रहा तो आप सब से दुख बाँटने आ गयी। मेरे बच्चों को आशीर्वाद दें कि इस दुख की घडी मे भगवान उनको हौसला दे। बस यही विनती है । आज रात की गाडी से दिल्ली जा रहे हैं। कुछ दिन फिर नेट से दूर रहूँगी।
कुछ दिन से पता नही क्यों मन बहुत उदास था, बिना किसी कारण के ।मुझे लग रहा था कि फिर से कुछ होने वाला है। मेरे साथ ऐसा ही होता है। हमारा तो पहले ही पोर पोर दुख से भरा हुया है, ऐसी मौतों की वजह से। मुझे बस सकून इस बात का था कि मेरी बेटियाँ अपने घरों मे बहुत खुश हैं। बस यही रहता मन मे कि ये घर यूँ ही हंसते खेलते रहें। मगर भगवान के आगे किस की चलती है। मेरी बेटी को वो अपनी माँ से भी अधिक सम्मान देता था। मेरे साथ हर दो तीन दिन बाद चैट पर बात होती तो यही कहता कि मैं तो आपका बेटा हूँ,ललित आपका दामाद है। शायद अच्छे लोगों की भगवान को हम से अधिक जरूरत है। उसके माँ बाप को अभी नही बताया हुया इस लिये हम भी अभी वहाँ नही गये। मन कहीं टिक नही रहा तो आप सब से दुख बाँटने आ गयी। मेरे बच्चों को आशीर्वाद दें कि इस दुख की घडी मे भगवान उनको हौसला दे। बस यही विनती है । आज रात की गाडी से दिल्ली जा रहे हैं। कुछ दिन फिर नेट से दूर रहूँगी।