20 February, 2009

  1. (कविता)


    सपने सहेजना सNumbered Listपने सजाना
    आ ही गया हमे दिल लगाना
    हकीकत मे खुश है भी कौन
    आता है मुझे कुछ खो कर कुछ्पाना
    रोज़ चली जाती हूँ सपनो के चाँद पर
    वो लायेगा कभी चाँद ये किसने जाना
    सपने सहेजना सपने सजाना-------------
    ज़िंदगी की धूप छाँव को
    कल्पनाओं के पर लगानराकाश छूना
    कभी सागार मे उतर जाना
    सपने सहेजना सपने सजाना-----------
    सपनों की छाँव मे दो पल सकून ले लें
    फिर ज़िन्दगी मिले ये किसने जाना
    हकीकत मे शायद वो कभी मिले य ना मिले
    सपनो मे लगा रहेगा उसका आना जाना
    सपने सहेजना सपने सजाना
    आ ही गया हमे दिल लगाना-

19 February, 2009


(कविता)


कितने लोगे इम्तिहान
ये था मेरा आत्मसम्मान
कि मैं पृ्थ्वि मे
विलीन हो गयी
मेरा त्याग मेरी व्यथा
राम की मर्यादा
मे समो गयी
पर मेरी त्रास्दी
मेरी वेदना है कि
नारी फिर भी
तुलसी दुआरा
ताडिन की
अधिकारी हो गयी
विश को अमृ्त बनाया
यम से पति को बचाया
और जिस पुरुश को
जन्म दिया उसके लिये
मैं भारी हो गयी
और कितने लोगे इम्तिहान्


17 February, 2009



साली


दुल्हे की बेचैनी भाँप कर
बोले एक सज्जन
"दुल्हे राजा पत्नी बैठी बगल में-
फिर क्यों नज़रें इधर उधर"
दुल्हा बोले
"भई पत्नी तो मेरी हो गई
अब कहाँ जायेगी
साली होती आधी घर वाली
वो नज़र कब आयेगी?"
ये सुन सज्जन ने सोचा
दुल्हे को छकाया जाये
इसी की बात पर
इसे उल्लू बनाया जाये
वो कुछ चहके
"देख तुम्हारी जिन्दादिली
अपने कदम भी बहके
ऐसा करो अपनी साली ले लो पूरी
मुझ को दे दो मेरी आधी वाली
जो तेरी बगल मे दुल्हन
है वो है मेरी साली !!


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