नासमझों को समझाना क्यों है
आजमाये को आजमाना क्यों है
जाने दो रूठ्ने वालों को
बंद दरवाजे पे जाना क्यों है
तकरार सदा दुख देती है
बीती बातों को दोहराना क्यों है
जिस्के जीवन मे सुरताल नहीं
उसे संगीत सुनाना क्यों है
जीत तुम्हारे दुआर खडी है
नींद का फिर बहाना क्यों ह
माना जीवन् कठिन डगर है
चुनौतियों से घबराना क्यों है
नववर्ष सौगातें लाया है
इस उत्सव को गंवाना क्यों है
ये जीवन अद्भुत सुन्दर है
इसको व्यर्थ गंवाना क्यों है
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नववर्ष के लिये सब को मंगलकामनायें
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9 comments:
'माना जीवन् कठिन डगर है
चुनौतियों से घबराना क्यों है' -स्वाभिमान से भरी कविता. साधुवाद.
नये वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें.
achchhi gajal hai. naye sal ki badhaiyan
बहुत सुन्दर कविता, बधाई स्वीकार करें
आप को भी नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाऎं
AAPKI SABHI RACHNAYEN ACCHI LAGI..NAYA SAAL AAPKE LIYE,AAPKE PARIWAAR KE LIYE,AAPKE DOSTO KE LIYE AUR AAPKE CHAHNE WAALO KE LIYE DHER SAARI KHUSHIYA LEKAR AAYE.....
YUVA JOSH
तकरार सदा दुख देती है
बीती बातों को दोहराना क्यों है
bahut hi khoobsoorat shabd rachana. badhai.
naya saal aapko bahut bahut mubarak.
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बीती बातों को दोहराना क्यों है । मुश्किल है सफ़र फ़िर भी दामन को बचाना क्यों है \ नए साल का दिलखोल कर इस्तकबाल कीजिए । शुभकामनाएं ।
"..jeet tumhare duaar kharhi hai
neend ka phir bahaana kyu hai.."
bahot hi achhi aur asar.daar ghazal
kahee hai aapne !
mubaarakbaad qubool kareiN...!!
---MUFLIS---
आपको नव वर्ष की हार्दिक मंगलकामानाएं।
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