18 March, 2011

महमान -- हास्य कविता

होली पर एक हास्य कविता

महमान
होली पर जब कभी
महमान घर आते
 पत्नी खुश होती
 पति मुँह फुलाते
पत्नी को उनका रुख
 कभी न भाया
 एक दिन उसने
 पति को समझाया
 एजी! अगर आप यूँ
 मुँह फुलायोगे तो
 मेरी होली कैसे मन पायेगी?
 मेरी सहेलियों मे
मेरी इज्जत क्या रह जायेगी?
होली पर महमान
 होते हैं भगवान
उन्हें देख मुँह नही फुलाते हैं
 बल्कि हंस कर गले लगाते हैं
ये सुन पति मुस्कुराये
" रानी तेरा हुक्म बजाउँगा"
जब आयेगी तेरी सहेली
उसको गले लगाऊँगा
पर जब आयेगी मेरी माँ
 तुझ से भी यही करवाऊँगा
 होली की आप सब को हार्दिक शुभकामनायें।

97 comments:

  1. sundar kavita

    होली की बहुत बहुत शुभकामनाएं

    ReplyDelete
  2. हा हा पतिदेव बहुत चालू हैं..

    ReplyDelete
  3. पतिदेव को सिलसिला वाले गाने की पंक्तियां याद आ रही होंगी - ’सोने की थाली में..)

    ReplyDelete
  4. हा हा हा ... होली तक इसे क़ानून बना दिया जाना चाहिए... :)

    ReplyDelete
  5. हा हा हा

    एक चुटकुला याद आया आज ही पढ़ा है

    घर में मेहमान आने पर माँ ने खाना बनाया और सभी साथ में खाने बैठे

    बेटा खाने ही वाला था तभी माँ बोली : बेटा, खाने से पहले भगवान की प्रार्थना करते हैं

    बेटा: कौन सी प्रार्थना

    माँ: वही जो मैं अधिकतर करती हूँ

    बेटा: अच्छा, "हे भगवान! ये मुस्टंडे फिर से आ गए कब तक मैं इस सब का खाना बनाती रहूंगी"

    :)

    ReplyDelete
  6. बहुत बढ़िया.... होली की हार्दिक शुभकामनायें

    ReplyDelete
  7. hahaha bahut hi mazedaar .... holi ki shubhkamnayen

    ReplyDelete
  8. .

    आपकी नमकीन कविता बेहद अच्छी लगी.
    आप भी एक गुजिया हमारी भी खाते जाएँ :
    "भोले-भाले लिये रूप को
    आई पिया लेकर टोली.
    लज्जा से हो लाल स्वयं
    कहती - मुझसे खेलो होली."
    .
    .
    .
    जो लाल खुद-ब-खुद हो जाये, उससे कैसे खेला जाये?
    जो स्वयं कपिला कहलाये, उसपर कौन-सा रंग लगाएँ?

    .

    ReplyDelete
  9. बहुत मजेदार व्यंग से भरी रचना.. होली की ढेरों शुभकामनायें...

    ReplyDelete
  10. हा हा हा बढ़िया जवाब... बढ़िया रचना...

    ReplyDelete
  11. बढ़िया है...
    हास परिहास...होली के आस पास !
    ==============================
    डॉ.चन्द्रकुमार जैन

    ReplyDelete
  12. दिलचस्प कविता. होली की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं .

    ReplyDelete
  13. वाह,अच्छी रही !
    होली की रंग भरी ढेरों शुभकामनाएँ !

    ReplyDelete
  14. उल्हास भर देनेवाला हास्य है!!

    और मम्मी को गले लगानें में तो सीख छुपी है।

    रंगो के पर्व पर शुभकामनाएँ

    ReplyDelete
  15. हा-हा-हा-हा ....इर्ष्या की हद देखो :)

    ReplyDelete
  16. हास्य के साथ संदेश भी
    बहुत पसन्द आयी जी यह कविता

    प्रणाम

    ReplyDelete
  17. पति ने अच्छा bargain किया है । दोनों हाथ में लड्डू । सहेलियों को गले भी लगाएगा और माँ के लिए भी स्थिति सुनिश्चित कर ली ...मजेदार कविता है।

    ReplyDelete
  18. बहुत सुंदर..!!!

    हार्दिक शुभकामनाएँ..!!

    ReplyDelete
  19. बहुत सुन्दर कविता!
    आपको एवं आपके परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनायें!

    ReplyDelete
  20. अरे वाह ! क्या कहने ? दोनों हाथों में लड्डू .पाँचों अंगुली घी में और सिर कढाई में .
    होली की आपको और सभी ब्लोगर जन को हार्दिक
    शुभ कामनाएँ .

    ReplyDelete
  21. " रानी तेरा हुक्म बजाउँगा"
    जब आयेगी तेरी सहेली
    उसको गले लगाऊँगा..

    काफी रंग में भंग मिल रही है ....:) :)

    होली की शुभकामनायें

    ReplyDelete
  22. बहुत खूब ...होली की शुभकामनायें ।

    ReplyDelete
  23. mai to apni patni ki sabhi saheliyon ko apna sahela bhi mantaa hun...

    ReplyDelete
  24. हाहाहा………मज़ा आ गया…………होली की हार्दिक शुभकामनायें।

    ReplyDelete
  25. पति देव के मज़े हो गए................हा हा हा.........

    ReplyDelete
  26. आदरणीय निर्मला कपिला जी
    नमस्कार !
    बहुत मजेदार बढ़िया जवाब... बढ़िया रचना..

    ReplyDelete
  27. बहुत पसन्द आयी कविता

    ReplyDelete
  28. रंगों का त्यौहार बहुत मुबारक हो आपको और आपके परिवार को|
    कई दिनों व्यस्त होने के कारण  ब्लॉग पर नहीं आ सका
    बहुत देर से पहुँच पाया ....माफी चाहता हूँ..

    ReplyDelete
  29. वाह... आनन्द आ गया ।

    होली की हार्दिक शुभकामनाएँ...

    ReplyDelete
  30. बहुत सुन्दर..होली की हार्दिक शुभकामनायें!

    ReplyDelete
  31. हा हा हा सही है :)
    होली मुबारक जी !

    ReplyDelete
  32. बहुत सुन्दर रचना!
    --
    उनको रंग लगाएँ, जो भी खुश होकर लगवाएँ,
    बूढ़ों और असहायों को हम, बिल्कुल नहीं सताएँ,
    करें मर्यादित हँसी-ठिठोली।
    आओ हम खेलें हिल-मिल होली।।
    --
    होलिकोत्सव की शुभकामनाएँ!

    ReplyDelete
  33. हा हा हा ! होली पर सभी मर्दों की यही इच्छा होती है ।

    ReplyDelete
  34. बहुत बढ़िया ब्यंग| होली की हार्दिक शुभकामनायें|

    ReplyDelete
  35. सशक्त व्यंग्य ...आनंद आ गया पढ़कर ....पति और पत्नी का संवाद बहुत कुछ कह गया ...आपको सपरिवार होली की हार्दिक शुभकामनायें

    ReplyDelete
  36. आप को और आप के परिवार को होली की बधाइयां और शुभकामनाएं

    ReplyDelete
  37. खामोशी भी और तकल्लुम भी ,
    हर अदा एक क़यामत है जी
    @ आप कितना अच्छा लिखती हैं ?
    मुबारक हो आपको रंग बिरंग की खुशियाँ .
    हा हा हा sss हा हा हा हा ssss

    http://shekhchillykabaap.blogspot.com/2011/03/blog-post.html

    ReplyDelete
  38. बढ़िया कविता और होली के रंग के साथ. कपिला जी आपको बहुत बधाई.

    ReplyDelete
  39. आप सब को भी होली की हार्दिक मंगलकामनाएं.

    ReplyDelete
  40. होली में रंगी बहुत बढ़िया रचना .
    होली की हार्दिक शुभकामनायें|

    ReplyDelete
  41. Ha,ha!
    Holee kee dheron shubhkamnayen!

    ReplyDelete
  42. हा हा हा...हंसी रुक नहीं पा रही मेरी...अंतिम के चार लाईन पे :) :)

    "रानी तेरा हुक्म बजाऊंगा
    जब आयेगी तेरी सहेली
    उसको गले लगाऊंगा
    पर जब आयेगी मेरी माँ
    तुझ से भी यही करवाऊंगा


    हा हा हा :) :) मस्त है ये

    ReplyDelete
  43. अब तक कविता थी, इसके आगे कहानी बन गई होगी.

    ReplyDelete
  44. वाह-वाह!
    वाह-वाह!!
    मन खुश हो गया।
    उन्हें सुना कर आया हूं।
    (मतलब अपना मुंह फुला कल लाया हूं)

    हैप्पी होली दीदी!!

    ReplyDelete
  45. आप को भी होली की बहोत ढेर सारी शुभकामनाएँ

    ReplyDelete
  46. बहुत मज़ेदार ,
    पति लोग तो हमेशा फ़ायदे में ही रहते हैं !
    होली की शुभ-कामनाएं स्वीकार करें !

    ReplyDelete
  47. तन रंग लो जी आज मन रंग लो,
    तन रंग लो,
    खेलो,खेलो उमंग भरे रंग,
    प्यार के ले लो...

    खुशियों के रंगों से आपकी होली सराबोर रहे...

    जय हिंद...

    ReplyDelete
  48. यह तो आपने आज होली पर छक्का मारा है सीधा बाउंड्री पार :-)

    आनंद आ गया , शुभकामनायें स्वीकार करें और मीठा आशीर्वाद भी दें अभी !

    ReplyDelete
  49. भजन करो भोजन करो गाओ ताल तरंग।
    मन मेरो लागे रहे सब ब्लोगर के संग॥


    होलिका (अपने अंतर के कलुष) के दहन और वसन्तोसव पर्व की शुभकामनाएँ!

    ReplyDelete
  50. आप को सपरिवार होली की हार्दिक शुभ कामनाएं.

    सादर

    ReplyDelete
  51. आपको सपरिवार होली की हार्दिक शुभकामनायें।

    ReplyDelete
  52. होली के पर्व की अशेष मंगल कामनाएं। ईश्वर से यही कामना है कि यह पर्व आपके मन के अवगुणों को जला कर भस्म कर जाए और आपके जीवन में खुशियों के रंग बिखराए।
    आइए इस शुभ अवसर पर वृक्षों को असामयिक मौत से बचाएं तथा अनजाने में होने वाले पाप से लोगों को अवगत कराएं।

    ReplyDelete
  53. बहुत सटीक.

    होली पर्व की घणी रामराम.

    ReplyDelete
  54. होली के पर्व की अशेष मंगल कामनाएं। ईश्वर से यही कामना है कि यह पर्व आपके मन के अवगुणों को जला कर भस्म कर जाए और आपके जीवन में खुशियों के रंग बिखराए।
    आइए इस शुभ अवसर पर वृक्षों को असामयिक मौत से बचाएं तथा अनजाने में होने वाले पाप से लोगों को अवगत कराएं।

    ReplyDelete
  55. होली की आपको बहुत बहुत शुभकामनाएं....

    ReplyDelete
  56. haste haste kat jaaye raste jindagi yoon hi chalti rahe ,ye nok jhok bhi ek rang hai .jeene ka apna dhang hai .ati sundar ,dhero badhai le is rang parv par .

    ReplyDelete
  57. होली पर बहुत ही सुंदर व्यंगात्मक कविता ...होली की हार्दिक शुभकामनायें

    ReplyDelete
  58. बहुत सुन्दर होली की रंगारंग प्रस्तुति
    आपको सपरिवार होली की हार्दिक शुभकामनाएं

    ReplyDelete
  59. होली का त्यौहार आपके सुखद जीवन और सुखी परिवार में और भी रंग विरंगी खुशयां बिखेरे यही कामना

    ReplyDelete
  60. वाह ... क्या बात है हँसी नही रुक रही निर्मला जी ...
    आपको और समस्त परिवार को होली की हार्दिक बधाई और मंगल कामनाएँ ....

    ReplyDelete
  61. ha ha ha bahut majedar .
    आप को रंगों के पर्व होली की बहुत बहुत शुभकामनायें ..
    रंगों का ये उत्सव आप के जीवन में अपार खुशियों के रंग भर दे..

    ReplyDelete
  62. नेह और अपनेपन के
    इंद्रधनुषी रंगों से सजी होली
    उमंग और उल्लास का गुलाल
    हमारे जीवनों मे उंडेल दे.

    आप को सपरिवार होली की ढेरों शुभकामनाएं.
    सादर
    डोरोथी.

    ReplyDelete
  63. बढ़िया हास्य कविता !
    आपको और आपके परिवार को होली की शुभकामनायें !

    ReplyDelete
  64. रंग-पर्व पर हार्दिक शुभकामनायें

    ReplyDelete
  65. होली के त्यौहार के अनुकूल हास्य-कविता.
    होली मुबारक .

    ReplyDelete
  66. बहुत मजेदार हास्य कविता ...होली का सारा फायदा पति देव ही उठाना चाह रहे हैं !



    होली की हार्दिक शुभकामनायें ..A

    ReplyDelete
  67. सावधान कुछ सोचना पड़ेगा

    ReplyDelete
  68. बहुत ही बढ़िया ! पढ़ कर आनंद आ गया ! होली की अशेष शुभकामनायें !

    ReplyDelete
  69. निम्मो दी!
    होली गुज़रे देर हो गई, पर पैर छूने के लिए देर नहीं हुई..
    जैसा कि मैं हमेशा कहता हूँ कि आपकी हर पोस्ट अनुभव का खज़ाना है. और यह तो खैर हास्य फुहार सी रचना थी.. मुस्कराहट बिखेर गई यह कविता...

    ReplyDelete
  70. निर्मला जी,

    बहुत अच्छी फुलझड़ी रही यह कविता होली के मूड में रची बसी।

    सादर,

    मुकेश कुमार तिवारी

    ReplyDelete
  71. aadarniy mam
    haasy se paripurn rachna padhkar bahut hi aanand aaya .
    shayad pati dev bhi isi mouke ki talaash me the.ab topatni ji pad gai sankat me. koi baat nahi .vo achhe se janti hain ki memaan bhagvaan hota hai so saasu maa ko hans kar gale lagayengi.
    bahut hi majedaar lagiaapki yah post
    hardik dhanyvaad
    poonam

    ReplyDelete
  72. Is bar to lagta hai patidew hee jeet gaye. Badhiya kawita holee par. Asha hai aapki holi rangeen rahee hogee.

    ReplyDelete
  73. ha ha ha ..निर्मला जी... चुटकी अच्छी ली ..होली मे तो दिमाग शैतानी से भर जाता है... आपकी कविता भी खूब शैतान लगी... नटखट :))

    ReplyDelete
  74. होली का खूबसूरत रंग !

    ReplyDelete
  75. aapko mera pranam

    mai aap logaon se bahuut din bad mukhatib ho raha hoon. mai kayi karyon me byast raha. mera pryas hai ki mai fir se blog par kuchh lekar aaoo. maine Museum ki website taiyar kar di hai aaplog mere museum ko www.meerutmuseum.com par dekh sakte hain.

    ReplyDelete
  76. आपको नवसंवत्सर की हार्दिक शुभकामनायें ...

    ReplyDelete
  77. हास्य व्यंग्य के रंगों से सराबोर उत्तम कविता|
    प्रणाम निर्मला जी|

    ReplyDelete
  78. बहुत अच्छी फुलझड़ी रही यह कविता होली के मूड में रची बसी हास्य व्यंग्य के रंगों से सराबोर

    ReplyDelete
  79. आदरणीया मौसी निर्मला कपिला जी
    सादर प्रणाम !

    आपकी यह रचना पढ़ तो कभी गया था … मस्ती में कमेंट पब्लिश करना भूल गया था शायद …:)

    बहुत मज़ा आया आपकी यह रचना पढ़ कर …

    बहुत दिन हो गए अब तो , पोस्ट बदलने का इंतज़ार है …
    … सपरिवार स्वस्थ - सानन्द तो हैं न ?

    नवरात्रि की शुभकामनाएं !

    साथ ही…

    नव संवत् का रवि नवल, दे स्नेहिल संस्पर्श !
    पल प्रतिपल हो हर्षमय, पथ पथ पर उत्कर्ष !!

    चैत्र शुक्ल शुभ प्रतिपदा, लाए शुभ संदेश !
    संवत् मंगलमय ! रहे नित नव सुख उन्मेष !!

    *नव संवत्सर की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !*


    - राजेन्द्र स्वर्णकार

    ReplyDelete
  80. होली पर भले चूक गए,पर रंग का असर तो सालो भर रहता है।

    ReplyDelete
  81. रामनवमी के पावन पर्व पर हार्दिक शुभकामनाएँ.
    मेरे ब्लॉग 'मनसा वाचा कर्मणा' पर आपका इंतजार है.

    ReplyDelete
  82. वाह, बहुत बढ़िया

    ReplyDelete

आपकी प्रतिक्रिया ही मेरी प्रेरणा है।