मैं नेता बनूंगा [व्यंग ]
एक दिन बेटे से पूछा ;बेटा क्या बनोगे?:
कौन सा प्रोफेशन अपनाओगे,किस राह पर जाओगे
वह थोडा हिचकिचाया,फिर मुस्कराया और बोला
मैं नेता बनूंगा
मैं हुआ हैरान उसकी सोच पर परेशान
नेता बनना होता है क्या इतना आसान?
फिर पूछा :बेटा नेता जैसी योग्यता कहां से लाओगे?
लोगों में अपनी पहचान कैसे बनाओगे?
वो जरा सा मुस्कराया
और बोला मुझे सब पता है
नेता के लिये मिनिमम कुयालिफिकेशन है---
1पहली जमात से ऊपर पास हो या फेल
2 किसी न किसी केस में कम से कम एक बार हुई हो जेल
3 गणित मे करोडों तक गिनत जरुरी है
इस के बिना नेतागिरी अधूरी है
4 माइनस डिविजन चाहे ना आये पर
प्लस मल्टिफिकेशन बिना
नेता बनने की चाह अधूरी है
5 सइकालोजी थोडी सी जान ले
ताकि वोटर की रग पह्चान ले
6 डराईंग में कलर स्कीम का ग्याता हो
गिरगिट की तरह रंग बदलना आता हो
लाल, काले सफेद से ना घबराये
नेता की पोशाक में हर रंग समाये
पिताजी बस अब भाई दादाओं के हुनर जानना है
उस के लिये किसी अच्छे डान को गुरू मानना है
डाक्टर इंजनिय्र बनकर मै भूखों मर जाऊंगा
नेता बन कर ही होगा गाडी बंगला और विदेश जा पाऊंगा
मैने सोचा, और बहुमत में नेताओं को ऎसा पाया
बस फिर क्या? अपने बेटे की बुद्धि पर हर्शाया
एक दिन बेटे से पूछा ;बेटा क्या बनोगे?:
कौन सा प्रोफेशन अपनाओगे,किस राह पर जाओगे
वह थोडा हिचकिचाया,फिर मुस्कराया और बोला
मैं नेता बनूंगा
मैं हुआ हैरान उसकी सोच पर परेशान
नेता बनना होता है क्या इतना आसान?
फिर पूछा :बेटा नेता जैसी योग्यता कहां से लाओगे?
लोगों में अपनी पहचान कैसे बनाओगे?
वो जरा सा मुस्कराया
और बोला मुझे सब पता है
नेता के लिये मिनिमम कुयालिफिकेशन है---
1पहली जमात से ऊपर पास हो या फेल
2 किसी न किसी केस में कम से कम एक बार हुई हो जेल
3 गणित मे करोडों तक गिनत जरुरी है
इस के बिना नेतागिरी अधूरी है
4 माइनस डिविजन चाहे ना आये पर
प्लस मल्टिफिकेशन बिना
नेता बनने की चाह अधूरी है
5 सइकालोजी थोडी सी जान ले
ताकि वोटर की रग पह्चान ले
6 डराईंग में कलर स्कीम का ग्याता हो
गिरगिट की तरह रंग बदलना आता हो
लाल, काले सफेद से ना घबराये
नेता की पोशाक में हर रंग समाये
पिताजी बस अब भाई दादाओं के हुनर जानना है
उस के लिये किसी अच्छे डान को गुरू मानना है
डाक्टर इंजनिय्र बनकर मै भूखों मर जाऊंगा
नेता बन कर ही होगा गाडी बंगला और विदेश जा पाऊंगा
मैने सोचा, और बहुमत में नेताओं को ऎसा पाया
बस फिर क्या? अपने बेटे की बुद्धि पर हर्शाया
जबरदस्त एवं सटीक रचना!! वाह..
ReplyDeleteये सारे गुण हममे नहीं थे इसलिये हम नेता नहीं बन पाये!
ReplyDeleteचिंता न करें जल्द ही देश में नेता बनाने की इंस्टिट्यूट खुलने वाली है ..हाहाहा
ReplyDeleteआपके हर्षित होने के दिन अब आये ....
ReplyDeleteनिर्मला जी ,
ReplyDeleteवाह ! आज कल के नेताओं के योग्यता का बखान बहुत अच्छा लगा . आभार !!
majedaar critiria neta banane ka bahut badhiya chaliye logo ka confusion door hua jald se in sab aawshaytao ko pura kare aur desh ka vyapaar kaane ke liye aa jaye raajniti ki ladai me..badhiya vyang..dhanywaad nirmala ji
ReplyDeleteसुंदर व्यंग्य रचना! बधाई!
ReplyDeletewah neta ki minimum qualification, kisi ko banna ho to ye rachna avashya padhe.
ReplyDeletenice
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर एवं सटीक अभिव्यक्ति, आभार ।
ReplyDeletebadhiya vyang hai aaj kal ke netaon par......aur aaj bina mehanat ke jo sab sukh suvidha paa lena chahte hain un par bhi......badhai
ReplyDeleteनेता जी बूढ़े हो गए...बेटे ने कहा, अब आप घर बैठो...मुझे राजनीति में आने दो...नेताजी बेटे को घर की छत पर ले गए...कहा, छलांग मार दे...बेटे ने पिता का कहना माना और छलांग मार दी...बेटे की टांग टूट गई...बेटा नेताजी से बोला...ये कौन सा बदला लिया, मैंने राजनीति सिखाने को कहा और आपने टांग तुड़वा दी..नेताजी बोले...राजनीति का यही पहला सबक है...बाप की बात पर भी भरोसा नहीं
ReplyDeleteकरो...
जय हिंद...
ड्राइंग में कलर स्क्रीन का ज्ञांता हो,
ReplyDeleteगिरगिट की तरह तंग बदलना आता हो ....!
बहुत खूब
"काश ये गुण हममें भी आते
ReplyDeleteहमारे पिताजी भी हमें देख हर्षाते"
प्रणाम स्वीकार करें
behtreen vyangya.
ReplyDeleteWahwa...kya baat hai...achhi rachna....
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर एवं सटीक अभिव्यक्ति, आभार ।
ReplyDeleteसंजय कुमार
हरियाणा
http://sanjaybhaskar.blogspot.com
बिल्कुल सही चित्रण कर दिया नेताओ की योग्यता का...बहुत सुन्दर व्यंग्य रचना है।...
ReplyDeleteबहुत समझदार बेटा निकला जी, बधाई।
ReplyDelete--------
छोटी सी गल्ती जो बडे़-बडे़ ब्लॉगर करते हैं।
क्या अंतरिक्ष में झण्डे गाड़ेगा इसरो का यह मिशन?
acchi लगी आपकी yah रचना सच्च्चाई से रूबरू है ..
ReplyDeleteबढिया व्यंग । बेटाजी की तैयारी जोरदार है ।
ReplyDeleteachchhi kavita.
ReplyDeleteबहुत ही करार व्यंग है,नेताओं पे.....समयानुकूल
ReplyDeleteवाह, ये तो नेताओं पर पूरी थीसिस हो गयी।
ReplyDeleteआनंद आ गया पढ़कर। बधाई।
सटीक व्यंग...आज के नेताओं पर...वाह...
ReplyDeleteनीरज
रचना .... काफी अच्छी लगी।
ReplyDeleteबिलकुल ठीक!
ReplyDeleteव्यंग्य विल्कुल सटीक रहा!
ReplyDeleteExcellent satire....
ReplyDeleteबहुत ही जोरदार व्यंग्य रचना........पढकर सचमुच बहुत आनन्द आया ।
ReplyDeleteआभार्!
इससे बढिया जाब तो हो ही नहीं सकती.
ReplyDeleteबहुत सटीक और चुटीला व्यंग्य है । बधाई ! काश आम जनता की आँखे खुल सकें इसे पढ़ कर ।
ReplyDeleteMai bhee apne bete ek baar poochh baithi thee...aur usne theek aise hee javab de diya tha..aage bola tha," I am already over qualified to be fit enough"....wah 9th class me tha!
ReplyDeletewah wah wah...
ReplyDeleteamazing.....
ye neta kuch nahi deta hai....
bas leta leta leta hai...
cheers!
बहुत अच्छा व्यंग है ......... नेता बनना सच मुच आज बहुत फायदे का सौदा है .........
ReplyDeleteMaaji Sundar prastuti. Vartmaan pradarshay mein sateek vyag....
ReplyDeleteAdaraNeeya Nirmala ji,
ReplyDeleteapke vyangya lajavab hote hain---kafee teekha prahar karate huye.
Poonam
आसान और टिकाऊ कैरियर
ReplyDeleteAccha to ab vyang bhi?
ReplyDeleteAdbhut katax kiya hai aapne...
...Aur kisi bhi pita ke liye ye harsh ka vishay hona chahiye ki uska beta neta banega...
aur waise ye 6 rules follow karne utne mushkil bhi nahi.
Sochta hoon apne pitaji ko bhi khush kar doon.
;).