24 November, 2009

गज़ल
इस गज़ल को भी आदरणीय प्राण भाई साहिब ने संवारा है ।तभी कहने लायक बनी है।

नज़र ज़रा सी उठा के तो देख्
अपनों से शरमाना कैसा?

चाहे भी शरमाये भी तू
अब नखरा यूँ दिखाना कैसा?

आते ही जाने की जिद्द?
पल दो पल का आना कैसा?

आईना तो सच बोले है
फिर खुद को भरमाना कैसा?



जलना है बस काम शमा का
जो न जले परवाना कैसा?

मतलव के तराजू मे तोले?
प्यार का ये पैमाना कैसा?

वो तोड गये दिल चुपके से
मुहबत का नज़राना कैसा?

तकरार से दूरी मिटती नहीं
इतनी बात बढाना कैसा?


33 comments:

  1. आते ही जाने की जिद्द?
    पल दो पल का आना कैसा? ...

    आज तो पहला कमेन्ट मेरा ही है ऐसा लगता है ..........
    बहुत ही मुक्कमल गज़ल है ....... प्राण साहब की रहनुमाई तो नसीब वालों को मिलती है ......... लाजवाब लिखा है ..... इस शेर ने जान ले ली .......

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  2. "मतलब के तराजू में तोले?
    प्यार का ये पैमाना कैसा?


    बहुत अच्छे!

    आप अंधेरे में कब तक रहें
    फिर कोई घर जला दीजिये

    लज्जते ग़म बढ़ा दीजिये
    आप यूँ मुस्कुरा दीजिये

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  3. आइना तो सच बोले है
    फिर खुदा को भरमाना कैसा
    बहुत खूब, अति सुन्दर !!

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  4. मतलब के तराजू में तोले?
    प्यार का ये पैमाना कैसा?

    वाह बहुत खूब ..सुन्दर गजल कही है आपने ...

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  5. matlab ke taraju mein tole
    pyar ka ye paimana kaisa

    waah.......behad sundar alfaz.........behad sundar gazal

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  6. मतलब के तराजू में तौले...प्यार का पैमाना कैसे ..
    बहुत खूब ...!!

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  7. मतलब के तराजू में तोले?
    प्यार का ये पैमाना कैसा?

    हर पंक्ति अपने आप में परिपूर्ण, और यह पंक्तियां तो बहुत ही बेहतरीन लगी बहुत-बहुत आभार इस सुन्‍दर रचना के लिये ।

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  8. छोटी छोटी लाइनें, बड़े बड़े भाव

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  9. "मतलब के तराजू में तोले?
    प्यार का ये पैमाना कैसा?

    बहुत खूबसूरत ग़ज़ल है . बहुत बहुत धन्यवाद !

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  10. निर्मला जी,
    पहले के ज़माने में रिश्ते प्यार के तराजू पर तौलने के लिए होते थे और चीज़ें इस्तेमाल के लिए...आज के ज़माने में इसका ठीक उलटा हो गया है...

    जय हिंद...

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  11. मतलब के तराजू में तोले?
    प्यार का ये पैमाना कैसा?
    इन पंक्तियों में कितनी गहरी बात छुपी है,ये तो बस आप ही कर सकती हैं...बहुत ही अच्छी लगी ये रचना.

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  12. अच्छी गज़ल है
    मुझे ये शेर कुछ खास लगे....

    आइना तो सच बोले है
    फिर खुद को भरमाना कैसा

    मतलब के तराजू में तोले?
    प्यार का ये पैमाना कैसा?

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  13. "मतलब के तराजू में तोले?
    प्यार का ये पैमाना कैसा?
    आप की सभी रचनाये बहुत अच्छी होती है, आज की यह गजल भी अति सुंदर. धन्यवाद

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  14. ग़ज़ल दिल को छू गई।
    बेहद पसंद आई।

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  15. जलना है बस काम शमा का,
    जो न जले परवाना कैसा ...
    वाह वाह! बिल्कुल सही कहा है आपने! बहुत सुंदर लगी ये पंक्तियाँ! हमेशा की तरह उम्दा ग़ज़ल पेश किया है आपने!

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  16. आइना तो सच बोले है
    फिर खुद को भरमाना कैसा ।।

    वाह्! कमाल की रचना.....
    सचमुच हम में से हर कोई कहीं न कहीं खुद से ही छल करने में लगा हुआ है...

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  17. मतलब के तराजू में तोले?
    प्यार का ये पैमाना कैसा?

    सभी को ये पंक्तियाँ बहुत भाई हैं, मुझे भी।
    बहुत बढ़िया जी।

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  18. 'aaeena to sach bole hai ,
    phir khud ko bharmaana kaisaa.."

    waah !!
    aapne to zindgi ki saarthaktaa ko pramaanit kartaa huaa nayaab sher kahaa hai....badhaaee svikaareiN .
    aapko padhna hamesha mn ko sukoon detaa hai .

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  19. मतलब के तराजू में तोले?
    प्यार का ये पैमाना कैसा?

    बहुत सुन्दर शेर!

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  20. आदरणीया निर्मला जी,
    वैसे तो यह पूरी गजल ही बहुत उम्दा बनी है लेकिन इस शेर का जवाब नहीं-----

    जलना है बस काम शमा का
    जो न जले परवाना कैसा
    मतलब के तराजू में तोले
    प्यार का ये पैमाना कैसा।
    हार्दिक शुभकामनायें
    पूनम

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  21. जैसे इस रचना में कितनी नजाकत हो..बेहद प्यारा लिख दिया आपने..और देखिये ना सुन्दर सा लिखने के लिए आप कभी भरी-भरकम शब्दों का प्रयोग नहीं करती..!!!
    बेहतरीन..!!!

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  22. बहुत बढ़िया ग़ज़ल..क्षमा करें निर्मला जी थोड़े व्यस्तता के वजह से देर हो गयी जिस वजह से इतने बढ़िया ग़ज़ल पर नज़र देर से गयी..धन्यवाद अच्छा लगा पढ़ कर.. बढ़िया ग़ज़ल

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  23. निर्मला जी जन्मदिन की बहुत बहुत शुभकामनाएं...

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  24. जन्मदिन की हार्दिक बधाई, निर्मला जी। आप हमेशा खुश रहें और अच्छा लिखती रहें, यही कामना है।

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  25. आइना तो सच बोले है
    फिर खुदा को भरमाना कैसा
    aina hi to hai jo sabko sach dekhlata hai .....
    Bahut achhi gajal

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  26. तकरार से दूरी मिटती नहीं
    इतनी बात बढाना कैसा?
    --
    उम्दा शेरों से भरी ग़ज़ल हैं.

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  27. जलना है बस काम शमा का
    जो न जले परवाना कैसा ....
    sahi kahaa aapne . bahut hi sahi kaha .

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  28. निर्मला जी, आपको जन्मदिन की शुभकानाएँ।
    आपको जीवन में इतनी मिलें खुशियाँ,
    रखने के लिए उनको जगह कम पड़ जाए।

    ------------------
    क्या है कोई पहेली को बूझने वाला?
    पढ़े-लिखे भी होते हैं अंधविश्वास का शिकार।

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  29. जन्मदिन बहुत बहुत मुबारक हो , आप हँसती मुस्कराती ऐसे ही अपनी रचनाओं से हम सबको कृतार्थ करती रहें |

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  30. जन्‍मदिन की वर्षगांठ की बहुत बहुत बधाई।

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  31. AAPKE JANM DIWAS PAR DHERON HEE
    SHUBH KAMNAYEN.

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  32. आपको जन्‍मदिवस की बहुत बहुत बधाई!!!

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