अपनी बात
पंजाबी मे एक कहावत है "जो सुख छजू दे चौबारे ओह[वो] न बल्ख ना बुखारे". कहीं भी घूम आओ मगर जो सुख अपने घर मे आ कर मिलता है वो कहीं नही।ापने वतन वापिस लौट आयी हूँ। एक बात बार बार मन मे आ रही है कि विदेश मे सब कुछ यहाँ से बडिया था मेरे बच्चे थे प्यारी प्यारी दो नातिनें थी जिन के साथ मन भी लगा हुया था मगर फिर भी अअने घर वापिस लौटने की जल्दी थी।क्या है इन दिवारों मे .इस मिट्टी मे जो गुरुत्व आकर्षण की तरह हमे खींचता है जब कि यहाँ हम दोनो बिलकुल अकेले हैं।अगर वहाँ का रहन सहन और वातावरण देखूँ तो वहाँ कई दर्जे अच्छा था।बच्चे चाहते थे कि हम और रहें मगर दिल्ली मे छोटी बेटी की डिलैवरी होने वाली थी और वहाँ भी एक और लक्षमी हमारा इन्तजार कर रही थी। 2 जून को हमारी फ्लाट थी 3 जून को हम दिल्ली पहुँचे और वहाँ 4 जून को मेरी छोटी बेटी के बेटी हुयी। तबीयत खराब होने की वजह से मै दिल्ली भी नही ठहर पाई और 5 रात को हम देल्ही से ट्रेन दुआरा अपने घर नंगल पहुँच गये । मुझे शायद अमेरिका का पानी माफिक नही बैठता पिछली बार भी मै वहाँ से बीमार हो कर आयी थी और इस बार भी।अभी आराम कर रही हूँ। बहुत दिनों से कुछ लिखा नही है वहाँ जा कर जैसे सब कुछ भूल गयी हूँ कोई कविता कहानी अभी मन मे नही आयी। अभी तो ऐसे लगता है जैसे अब कुछ लिख नही पाऊँगी। बहुत दिनो की अनुपस्थिती के चलते बस पोस्ट लिखनी है इस लिये ये कुछ शब्द लिख रही हूँ। अभी तबीयत ठीक होते ही छोटी बेटी के पास शायद दिल्ली जाना पडे। कुछ परेशानियों के चलते अभी कुछ दिन और शायद कुछ न लिख पाऊँ।एक तो गर्मी भी बहुत है, वहाँ बहुत ठंड थी इस लिये और भी मुश्किल लग रहा है। कुछ दिनो मे वहाँ के कुछ संस्मरण लिखूँगी अगर सेहत ठीक रही तो। ये चार शब्द केवल अपनी अनुपस्थिती को पूरा करने के लिये ही लिख रही हूँ। लिखने को बहुत कुछ है मगर शब्द और दिमाग साथ नही दे रहा।और फिर अपने दोस्त मित्र और रिश्तेदार मिलने के लिये आ रहे हैं उन सब के बीच भी लिखने का समय नही निकाल पा रही।आप सब को पढ कर शायद फिर से कलम चलने लगे।
मासी वाह इतनी सारी खुशखबरी साथ लाईं... आप घर आ गयीं ये जानकर अच्छा लगा.. पोस्ट तो कभी भी लगाइयेगा जब समय मिले.. 'ये गलियाँ ये चौबारा..' सुना था आज चौबारे का मतलब भी जान लिया आपसे.. :)
ReplyDeleteइस मिट्टी मे जो गुरुत्व आकर्षण की तरह हमे खींचता है
ReplyDeleteअपनी माटी अपनी माटी होती है.
स्वास्थ्य लाभ की शुभकामना
अपना घर हमेशा ही हमें अपनी ओर खींचता है।
ReplyDeleteस्वास्थ्य लाभ की शुभकामना
ReplyDeleteGhar me luxmi aane ki bdhai...
ReplyDeleteवाह! खुश हुए और शुभकामनाएँ दे रहे हैं. हमसे बिना मिले लौट गईं आप!
ReplyDeleteapane swasthy ka dhyan rakhiyega ...........
ReplyDeletenaneejee ko badhai.......
घर वापसी पर स्वागत है जी आपका.
ReplyDeleteबहुत-बहुत बधाई!
ReplyDeleteस्वागत भी और अभिनन्दन भी!
स्वदेश वापस आने पर स्वागत् है आपका!
ReplyDeleteजी हाँ, अपने घर की बात ही कुछ और है. स्वास्थ्य का ध्यान रखिये. शुभकामनाएं.
ReplyDeleteआपको पुनः अपने घर देख कर मन प्रसन्न हुआ. जहाँ तक लिखने की बात है तो यह हो ही नहीं सकता कि इंतनी लम्बी यात्रा के दौरान कोई विचार न आया हो ...मुझे विश्वास है कि अचेतन मष्तिष्क धीरे सक्रिय होगा और आपसे बहुत कुछ पढ़ने को मिलेगा.
ReplyDeleteवापसी पर स्वागत है निर्मला जी ।
ReplyDeleteपहले स्वास्थ्य लाभ कीजिये , फिर अपनी जिम्मेदारियां निभाइए ।
फिर आपसे आपके अनुभव सुनेंगे अमेरिका के ।
बधाई । और शुभकामनायें ।
माता जी नई खुशख़बरी के लिए बधाई अब भारत आ गई है तो निश्चित रूप से बाद में ही सही आप की कहानियाँ पढ़ने को मिलेगी...वैसे अभी आप अपना ख्याल रखिएगा....जब ठीक हो जाइएएगा तो ब्लॉग पर आइए...प्रणाम
ReplyDeleteswaagat hai....kalam to chalani hi hogi, hum padhne kee pratiksha me hain
ReplyDeleteswaagat hai...kalam chalana shuru kar dijiye ham log intzaar me hain...
ReplyDeleteकृपया टेम्पलेट बदलें, मेरे दो एमबीपीएस के कनेक्शन पर भी नहीं खुल पा रहा है...
ReplyDeleteअपना घर सेवन स्टार होता है .. यहां जैसा सुख कहां ??
ReplyDeletebahut khushi hui ki aap sakushal vapis pahuch gayi hain...filhaal aaram kijiye fir ..aapse bahut kuch sunana hai...
ReplyDeletebharat mein aapka swaagat karte hain ham bhi...
aabhaar..
स्वागत है ,शीघ्र स्वस्थ होने की कामना ।
ReplyDeleteGet well soon..@};-
ReplyDeleteस्वास्थ्य लाभ की शुभकामना के साथ आपका स्वागत है……
ReplyDeleteआपको बिटिया की नानी बनने की बहुत बहुत बधाई.....स्वास्थ्य लाभ के लिए शुभकामनायें
ReplyDeleteआप वापस आ गये जान कर बहुत ही अच्छा लगा .. आपकी कमी हमें भी महसूस हो रही थी ... आशा है जल्दी ही स्वस्थ हो कर आपकी रचनाओं और कहानियों से अनुग्र्ेहित करेंगी ...
ReplyDeleteअपना घर तो अपना ही होता है....दो नातिनों के आगमन पर बधाई और दोनों को ढेर सारा आशीष....अपने स्वास्थ्य का ख़याल रखें और पूर्ण स्वस्थ होकर ब्लॉग जगत में लौटें...शुभकामनाएं
ReplyDeleteअपना घर है सबसे प्यारा ..
ReplyDeleteशीघ्र स्वास्थ्यलाभ करें ...आपकी कमी बहुत महसूस होती रही ...
एक बार फिर से नानी बनने की ढेरों शुभकामनायें ...!!
congratulations much...and take care of urself aunty ji
ReplyDeleteBahut khushi hui ki,aap laut aayin!
ReplyDeleteDekha,kitne patahk mitr aapka intezaar kar rahe the! Kitna achha lagta hai!
जल्दी ही ठीक होकर लिखना शुरू करें।
ReplyDeleteaapke swasthya ke prati shubhkamnaen....
ReplyDeleteNANI banne ki badhai....
aapki rachnaon ka swagat hai....
kalamdansh@gmail.com
निर्मलाजी, पहले अपना स्वास्थ्य ठीक कर लें, फिर बलागिंग शुरू करें। यहाँ भी गर्मी पड़ने लगी है। लेकिन शाम को मौसम खुशनुमा हो जाता है।
ReplyDeletetripple nani banNe ki badhayi & get well soon.
ReplyDeleteबहुत-बहुत बधाई!
ReplyDeleteस्वागत और अभिनन्दन
आप घर आ गयीं ये जानकर अच्छा लगा.. स्वागत और अभिनन्दन
ReplyDeleteआप जल्द से जल्द स्वस्थ हो जायें ईश्वर से यही प्रार्थना है----आपके अमेरिका यत्रा संस्मरण का बेसब्री से इन्तजार रहेगा।
ReplyDeleteसही कहा आपने...जो सुख छज्जू दे चौबारे ओ बल्ख न बुखारे यानि अपना घर अपना घर ही होता है..चाहे इन्सान सारी दुनिया घूम ले लेकिन जो सुख, शान्ती घर आकर मिलती है वो कहीं नहीं...बहरहाल अभी स्वास्थय की ओर ध्यान दीजिए..लिखना,पढना तो चलता ही रहेगा....
ReplyDeletebilkul satya kathan ,koi do rai nahi is baat par .swagat hai wapsi par
ReplyDeleteAap jaldi se theek ho jaiye ! apaki rachanaon ka badi besabri se intzar rahata hai ! Kal Ajit Guptaji se baat hui thi ! Jaldi hi milane ka program banayenge ! Nani banane ke uplakshy men ek baar pun: apko dher sari badhaiyan ! Get well soon.
ReplyDeleteस्वदेश वापिसी की हार्दिक बधाई ...
ReplyDeleteआप शीघ्र स्वस्थ हो प्रभु से यही विनती है ...
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