19 June, 2009

आजकल छुट्यों मे मेरी बेटी और नाती आये हुये हैं उनके साथ मस्त और व्यस्त हूँ कुछ नया लिख नहीं पा रही फिर उपर से नाती की सिफारश कि नानी मेरे लिये कुछ लिखो ना 1 तो अपने प्यारे से नाती के लिये एक कविता जो कई साल पहले लिखी थी प्रस्तुत कर रही हूँ1

मेरा बचपन वापिस लाओ ना (कविता )

मम्मी से सुनी उसके बचपन की कहानी
सुन कर हुई बडी हैरानी
क्या होता है बचपन ऐसा
उडती फिरती तितली जैसा
मेरे कागज़ की तितली मे
तुम ही रँग भर जाओ ना
नानी जल्दी आओ न

अपने हाथों से मुझे झुलाना
बाग बगीचे पेड दिखाना
सूरज कैसे उगता है
कैसे चाँद पिघलता है
परियाँ कहाँ से आती हैं
कैसे गीत सुनाती हैं
मुझ को भी समझाओ ना
नानी जल्दी आओ न
लोरी दे कर मुझे सुलाना
गोदी मे ले मुझे खिलाना
नित नये पकवान बनाना
अच्छी अच्छी कथा सुनाना
अपने हाथ की बनी खीर का
मुझ को भी स्वाद चखाओ ना
नानी जल्दी आओ ना

खेल कूद का समय नहीं है
मुझ को दुनिया की समझ नही है
बस्ते का भार उठा नहीं सकता
पढाई का बोझ बता नहीं सकता
मम्मी पापा रहते परेशान
मैं छोटा सा बच्चा नादान
उनका प्यार भी लगता झूठा है
मेरा बचपन क्यों रूठा है
तुम मुझ को समझाओ ना
मेरी नानी प्यारी नानी
मा जैसा बचपन वापिस लाओ ना
नानी जल्दी आओ ना


24 comments:

  1. बहुत ही सुन्दर चित्रण बचपन का ..............जिसे पढ्कर बचपन की याद आ गयी...........बहुत सुन्दर

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  2. bahut pyari kavita hai....mujhe bhi apni naani ki yaad aa gayi

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  3. कपिला जी आपने बचपन क सजीव चित्रण किया है।
    आपको बधाई और आपकी नातिन-नातियों को प्यार।

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  4. नमस्कार निर्मला जी बहुत ही सुंदर कविता है इतनी सरल भाषा में बचपन की सारी उठापटक भर दी जैसे
    सूरज कैसे उगता है
    कैसे चाँद पिघलता है
    परियाँ कहाँ से आती हैं
    कैसे गीत सुनाती हैं
    मुझ को भी समझाओ ना

    बाल मन की भावनाए और उनकी भोली और कोमल अनुनय भले ही अब वो सार हीन लगे पर उसे मह्सुश करने के लिए तो उस उम्र में जाना पड़ेगा
    बहुत ही बेहतरीन एक बार फिर नत मस्तक हूँ
    सादर
    प्रवीण पथिक
    9971969084

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  5. बहुत प्यारी रचना है .

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  6. बहुत प्यारी रचना है...

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  7. आपकी रचना पढ़ कर सुजाता फिल्म का गीत "बचपन के दिन...बचपन के दिन भी क्या दिन थे..उड़ते फिरते तितली बन..."याद आ गया....बच्चों के साथ समय बिताने से बड़ा सुख और कोई नहीं...
    नीरज

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  8. बहुत प्यारी कविता लिखी है आपने ...बचपन सी मीठी

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  9. सुन्दर अति सुन्दर रचना

    ---
    चर्चा । CHARCHAA

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  10. bachpan ki wo rawangi yaad aa gayi

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  11. बचपन की यादें ताजा करती बहुत ही भावपूर्ण रचना के लिये बधाई

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  12. Bahut pyari kavita nanhe se bachpan ki...

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  13. चपन को कागज़ पर उतर दिया है इस रचना मैं........... हमको भी अपना बचपन याद a गया

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  14. बहुत ही सुंदर ओर प्यारी रचना,
    आप की बेटी ओर नाती को हमारा बहुत बहुत प्यार

    मुझे शिकायत है
    पराया देश
    छोटी छोटी बातें
    नन्हे मुन्हे

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  15. waah bahot hi khubsurat kavitaa hai ... puri tarah se innocent kavitaa bahot bhaee ... ye to gungunaane ke jaisaa hai ... main to gungunaa rahaa hun ke gaane jaisaa hai ... naani jaldi aawonaa...waah


    arsh

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  16. Kaash Meri Nani Bhi Aa Jayen...
    Tuhanu Bahut-Bahut Vadhayian...

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  17. bachpan ka har pal aisa hi hota hai......bahut hi badhiya chitran kiya hai.

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  18. बड़ी ही प्यारी रचना. हमने कविता को पढ़कर अपनी amma से अभी अभी बात कर ली. यहाँ बड़ी गर्मी है. बारिश का कोई अता पता नहीं है. . हमने अपनी अम्मा को वो दिन याद दिलाये जब हमारे यहाँ बिजली भी नहीं थी

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  19. वाह/ बहुत अच्छी रचना है/
    नानी याद आ गई/
    उनको मै भी कुछ इसी तरह जिद और जिज्ञासा से परेशान किया करता था, किंतु वो भी खूब कहनिया सुनाती थी/
    खैर आप्की रचना सच्मुच अच्छी लगी/

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  20. हूं......तो बच्चों के साथ बचपन के मजे ले रही हैं ! बढ़िया ! हमारी बधाई !
    बच्चों और कविता दोनों के लिए !

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  21. Khush kittaji.
    Tussi to mere jaisa hi sochte ho bachcho me apna bachpan khojate ho
    bachpan per kamaal likhte ho titali ban yaadon ke baag me udate ho

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  22. Bachpan se mitha jeevan me shayad aur kuch nahin hota.Bahut pyari kavita hai.

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  23. निर्मला जी,

    कविता पढते पढते मैं अपने बचपन में खो गया और आँखें नम हो आई। मैं यह मानता हूँ कि जिस तरह कहावत है कि "जिन लाहौर नी वेख्यां..." वैसे ही मैं कहना चाहूँगा कि जिसका बचपन नाना-नानी के घर नही देखा वह बचपन हुआ ही नही।

    मेरी "काशी" नानी मेरी सबसे अच्छी मित्र थी वो मेरी हर जायज या कभी कभी बेजा जरूरतें भी पूरी करती थी। मेरी जिद्द जैसे उसके देवाज्ञा हो। आज मेरी नानी बहुत याद आई।

    सादर,

    मुकेश कुमार तिवारी

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आपकी प्रतिक्रिया ही मेरी प्रेरणा है।