वेलेन्टाइन डे पर तो बहुत व्यस्त रहूँगी
इस दिन कुछ् न लिखूं ये कैसे हो सकता है
मै भी तो इन्सान हूँ क्या हुया जो बाल सफेद हो गये हैं!
मगर टी.वी देख देख कर अपना भी दिल मचलने लगा
सोचा कुछ भी हो इस बार जरूर व.डे मनायेंगे
तो देखिये कैसे मनाया
वेलंटाईन डे
वेलंटाईन डे
पर टी.वी चैनल ने
इतना शोर मचाया
कि हमारे दिल मे भी
एक ख्याल आया कि
क्यों ना इस बार पती पर
प्यार का रंग चढाया जाए
और वेलंताइन डे मनाया जाए
सुबह उठते ही किया ऐलान
ए जी!ेआज् आप दफ्तर नहीं जायेंगे
आज हम भी वेलंटाइन डे मनायेंगे
सुन कर पती थोडा चकराय
फिर मुस्कुराये और बोले
"रानी तेरा हुक्म बजाता हूँ
अभी बाजार हो के आता हूँ"
सुन कर हम पर
ऐसा छाया सरूर
कि चेहरे पे आया नूर्
सोचा वो लायेंगे गिफ्ट
और लाल गुलाब जरूर्
मन ही मन झूमने लगे
आँखों मे गिफ्ट
और गुलाब घूमने लगे
एक घंटे बाद
जनाब गुनगुनाते हुयेआये
हाथों मे दो गोभी के फूल उठाये
बोले 'रानी चलो
गोभी के पकौडे बनाओ
और अपना वेलेन्टाइन डे
धूम धाम से मनाओ
ये तो आज के दिन के लिये एक व्यंग था
अब डर सताने लगा कि कविता पढ कर कहीं पतिदेव
नाराज़ ना हो जायें कि हमने उनका भेद खोल दिया
तो उनकी नज़र मे चँद शब्द भी लिख दें
जिन्दगी तेरे नाम हुई
तेरे जलाने से जली है शमा जिन्दगी की
ये जिन्दगी तेरे नाम हुई
सुबह कि आँख खुली तेरे दीदर कि हसरत लिये
तेरी सूरत देखते शाम हूई
निकल आया चाँद उमीदों का
मायूसियों की घटाओं के पीछे से
हो गयी रोशन ये जिन्दगी
जो तेरी नजरें ईनाम् हुई
तेरे प्यार की गहराई को समझा
तो महसुस हुआ
मेरी मंजिल मुझे मिल गयी
मेरी जिन्दगी तुझे अंजाम हुई
waah sundar,ye ankhon mein gulab aur chehere pe noor sada bana rahe.
ReplyDeleteहाथों मे दो गोभी के फूल उठाये
ReplyDeleteबोले 'रानी चलो
गोभी के पकौडे बनाओ
और अपना वेलेन्टाइन डे
धूम धाम से मनाओ
nice one :-)
वाह बहुत बढ़िया अंदाज है यह भी ..बधाई जी आपको इस प्रेम दिवस की
ReplyDeletewah ,kya kavita likhi hai aapne
ReplyDeleteहिन्दी साहित्य .....प्रयोग की दृष्टि से
सोचा वो लायेंगे गिफ्ट
ReplyDeleteऔर लाल गुलाब जरूर्
मन ही मन झूमने लगे
आँखों मे गिफ्ट
और गुलाब घूमने लगे
एक घंटे बाद
जनाब गुनगुनाते हुयेआये
हाथों मे दो गोभी के फूल उठाये
बोले 'रानी चलो
गोभी के पकौडे बनाओ
और अपना वेलेन्टाइन डे
धूम धाम से मनाओ
wah! wah! padkar maja aa gaya
निर्मला जी बहुत सुंदर रहा. आपका दाम्पत्य जीवन सुखमय रहे.
ReplyDeleteवाह वाह वाह !!! आनंददायक....व्यंग भी और प्यार का रंग भी.....
ReplyDeleteअद्भुद लिखती हैं आप.....
vyang aur pyaar ka rang dono hi khubsoorati se parvaan chade is rachna mein..dhanyawaad ji..
ReplyDeletevyang aur pyaar ka rang dono hi khubsoorati se parvaan chade is rachna mein..dhanyawaad ji..
ReplyDeleteare wah bahut sundar..
ReplyDeleteरानी तेरा हुक्म बजाता हूँ
अभी बाजार हो के आता हूँ"
maza aa gaya..nirmalaji..bahud achcha lekhan he aapka..
badhai swikare..
ये खूब रहा । फ़ूल कोई भी हो गोभी या गुलाब का । मुख्य बात है प्रेम । वैसे प्रेम की अभिव्यक्ति को किसी खास दिन की ज़रुरत नहीं । सच तो ये है कि भारत में "दिन - महीने - साल गुज़रते जाएंगे ,हम प्यार में जीते ,प्यार में मरते जाएंगे" का फ़लसफ़ा आज भी मौजूद है ।
ReplyDeleteअजी दो दो फ़ूल लाये, यह क्या कम है, चलिये अब पकोडे बनाईऎ, ओर छूट्टी मनाईये.
ReplyDeleteबहुत सुण्दर लगी आप की यह कविता.
धन्यवाद
मैंने अपने ब्लॉग का पता बदल दिया है। मेरे ब्लॉग का नया पता है :-
ReplyDeletehttp://hindisarita.blogspot.com
मैंने अपने ब्लॉग का पता बदल दिया है। मेरे ब्लॉग का नया पता है :-
ReplyDeletehttp://hindisarita.blogspot.com
अच्छा लगा पढ़ कर !
ReplyDeleteआपका धड़कता हुआ दिल भी दिख रहा है. गोभी के पकौडों के साथ यह कविता आपके V-Day को खुशनुमा बना देगी.
ReplyDeleteहमारे यहाँ वैलेंटाईन कल है इसलिये -
ReplyDeleteहम भी बाजार जायेंगे
दो गोभी के फूल लायेंगे
श्रीमति से पकौड़ बनवायेंगे
खुद तो खायेंगे ही
उनको अपने हाथों से खिलवायेंगे
कविता पसंद आयी, हैप्पी वैलेंटाईन डे
bahut achcha likha hai.
ReplyDeleteकविता पति या पत्नी को नहीं,प्रेमी को समर्पित लगती है. हाँ वह प्रेमी पति या पत्नी हो सकता/सकती है.
ReplyDeletekaash hum aapke blog par usi din aaye hote to hame bhi pakode khane ko mill jate.
ReplyDeletebahut sundar kavita hai.shubhkamnaye tatha badhaai
wowwwwww bahot hi pyar se bhari ye rachna ne valentine ka surur chadha diya.....bahot khub...
ReplyDeleteहाथों मे दो गोभी के फूल उठाये
ReplyDeleteबोले 'रानी चलो
गोभी के पकौडे बनाओ
और अपना वेलेन्टाइन डे
धूम धाम से मनाओ
वाह, वाह!