tag:blogger.com,1999:blog-4297287248153899458.post5852647988303514896..comments2024-03-19T14:53:12.000+05:30Comments on वीर बहुटी: माँ की संदूकची [कविता]निर्मला कपिलाhttp://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comBlogger64125tag:blogger.com,1999:blog-4297287248153899458.post-9242121574021552262010-12-03T20:54:07.011+05:302010-12-03T20:54:07.011+05:30भावपूर्ण रचना!भावपूर्ण रचना!अनुपमा पाठकhttps://www.blogger.com/profile/09963916203008376590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4297287248153899458.post-71442268007990801002010-11-17T00:26:41.334+05:302010-11-17T00:26:41.334+05:30इस कविता के लिए बस इतना ही कह सकती हूँ की मैं इसकी...इस कविता के लिए बस इतना ही कह सकती हूँ की मैं इसकी संदूकची में भरी भावनाओं को शायद कभी ना भुला पाऊं.<br /><br />बहुत बहुत ही सुंदर कविता. और कमेन्ट देते टाइम साइड में आपकी एक फोटो दिख रही है जिसमे आपने शायद अपनी नातिन को उठाया हुआ है...और लग रहा है मानो उसे आप ये सब कह रही हों.:)अनामिका की सदायें ......https://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4297287248153899458.post-75678082780676284422010-11-16T22:48:25.306+05:302010-11-16T22:48:25.306+05:30अब माँयें ऐसी संदूकची नही देतीं । कहां गये वो दिन ...अब माँयें ऐसी संदूकची नही देतीं । कहां गये वो दिन कहां गये वो लोग ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4297287248153899458.post-50949988924414210512010-11-16T20:29:30.993+05:302010-11-16T20:29:30.993+05:30bahut sunder bhavnatmak abhivyakti , badhaai.bahut sunder bhavnatmak abhivyakti , badhaai.Yogesh Verma Swapnhttps://www.blogger.com/profile/01456159788604681957noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4297287248153899458.post-12800418814426317222010-11-16T17:39:21.378+05:302010-11-16T17:39:21.378+05:30कितना सच कहा आपने....
अब यह सब आउट ऑफ़ फैशन हो गय...कितना सच कहा आपने....<br /><br />अब यह सब आउट ऑफ़ फैशन हो गया है....<br /><br />लेकिन सहेजने की कला भूलकर लोग अपनी ही जिन्दगी ko बिखेर रहे हैं...<br /><br />भावपूर्ण अति सुन्दर कविता,जिससे यदि आदमी सीख ले तो जीवन संवर जाए...रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4297287248153899458.post-65053197056795410252010-11-16T12:16:30.095+05:302010-11-16T12:16:30.095+05:30मां की संदूकची में ... बहुत ही सुन्दर शब्दों के ...मां की संदूकची में ... बहुत ही सुन्दर शब्दों के साथ्ा भावमय प्रस्तुति ।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4297287248153899458.post-50358532400510894522010-11-16T10:01:14.951+05:302010-11-16T10:01:14.951+05:30सुंदर विचार... पर कोई इसको अमल में लाए तो...सुंदर विचार... पर कोई इसको अमल में लाए तो...Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4297287248153899458.post-50231171287755738432010-11-16T09:59:44.115+05:302010-11-16T09:59:44.115+05:30क्या बात कही है साहब... भाषा के मामले में हमारे दे...क्या बात कही है साहब... भाषा के मामले में हमारे देश का हाल बुरा है, साइनबोर्ड़ हों या हिंदी की ड़ुगडुगी बजाते न्युज़ चैनल... हिंदी में फ़ॉर्म भर देने पर हमें किसी एलियन की तरह देखने वाले सरकारी कर्मचारी या बचपन से ही बच्चों को अंग्रेज़ी में बात करना (फिर चाहे वो गलत ही क्यों न बोलें) सिखाने वाले माँ-बाप... सही भाषा व सही भाव दोनों का ही अभाव है देश में... विड़ंबना...Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4297287248153899458.post-71479100204856692532010-11-16T09:47:45.996+05:302010-11-16T09:47:45.996+05:30भावुक कर दिया आपने... नमन करता हूँ आपको भी और माँ ...भावुक कर दिया आपने... नमन करता हूँ आपको भी और माँ को भी...Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4297287248153899458.post-88879890569238682152010-11-15T21:36:03.088+05:302010-11-15T21:36:03.088+05:30बहुत ही सुन्दर रचना !बहुत ही सुन्दर रचना !Arvind Jangidhttps://www.blogger.com/profile/02090175008133230932noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4297287248153899458.post-11733943152024117832010-11-15T17:17:51.747+05:302010-11-15T17:17:51.747+05:30बहुत प्यारी है मां की संदूकची।
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जानिए ग...बहुत प्यारी है मां की संदूकची।<br /><br />---------<br /><a href="http://sb.samwaad.com/" rel="nofollow">जानिए गायब होने का सूत्र।</a><br /><a href="http://ts.samwaad.com/" rel="nofollow">….ये है तस्लीम की 100वीं पहेली।</a>Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4297287248153899458.post-44211474368041894552010-11-15T17:11:03.325+05:302010-11-15T17:11:03.325+05:30पूरा ममत्व ही छलका दिया आपने..शानदार पोस्ट..बधाई. ...पूरा ममत्व ही छलका दिया आपने..शानदार पोस्ट..बधाई. <br /><br /><br />_________________<br />'शब्द-शिखर' पर पढ़िए भारत की प्रथम महिला बैरिस्टर के बारे में...Akanksha Yadavhttps://www.blogger.com/profile/10606407864354423112noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4297287248153899458.post-7148049645444724542010-11-15T13:25:23.683+05:302010-11-15T13:25:23.683+05:30इस रीत को तोडना नही चाहती
ताकि अभी भी बचे रहें
कुछ...इस रीत को तोडना नही चाहती<br />ताकि अभी भी बचे रहें<br />कुछ परिवार टूटने से<br />और हर माँ से कहूँगी<br />कि अगर दहेज देना है<br />तो इस सन्दूकची के बिना नही<br /><br />बहुत ही सुन्दर रचना ! माँ की संदूक का सबसे बड़ा धन तो उनकी ममता है ...VIJAY KUMAR VERMAhttps://www.blogger.com/profile/06898153601484427791noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4297287248153899458.post-74150606681573671262010-11-15T12:58:05.539+05:302010-11-15T12:58:05.539+05:30चर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर आपकी रचना 16 ...चर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर आपकी रचना 16 -11-2010 मंगलवार को ली गयी है ...<br />कृपया अपनी प्रतिक्रिया दे कर अपने सुझावों से अवगत कराएँ ...शुक्रियासंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4297287248153899458.post-55700672263952384592010-11-15T11:26:38.334+05:302010-11-15T11:26:38.334+05:30संदुकची में बहुत ही अपार निधि है.. सिर्फ यही निधि ...संदुकची में बहुत ही अपार निधि है.. सिर्फ यही निधि हर लड़की को मिले ... दहेज तो कुछ भी नहीं ऐसी संदुकची के आगे... सुन्दर कही गयी ये बात ...डॉ. नूतन डिमरी गैरोला- नीतिhttps://www.blogger.com/profile/08478064367045773177noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4297287248153899458.post-50575413384555614242010-11-15T11:24:57.961+05:302010-11-15T11:24:57.961+05:30हाँ ,मुझे याद है ,बिदा मैं एक संदूकची जरूर होती थी...हाँ ,मुझे याद है ,बिदा मैं एक संदूकची जरूर होती थी ,जिसमें भाँति-भाँति का सामान होता था ,-एक कजरौटा ,एक सिंधौरा , चूड़ियाँ ,एक रामायण,खिलौने ,-हाथ की बनाई कपड़े की गुड़िया,हस्त कला-कौशल की चीज़ें ,और भी बहुत कुछ .उसे परिवार की महिलाओं के बीच में बड़े आयोजन के साथ खोला जाता था .<br />अब कहाँ है वह सब !प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4297287248153899458.post-71020994128970630782010-11-15T08:32:13.409+05:302010-11-15T08:32:13.409+05:30bahut hee sundar ehsaas hai aunty ji!bahut hee sundar ehsaas hai aunty ji!सुरेन्द्र "मुल्हिद"https://www.blogger.com/profile/00509168515861229579noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4297287248153899458.post-37776256586784020162010-11-14T22:33:37.111+05:302010-11-14T22:33:37.111+05:30बहुत ही सुन्दर रचना..संदूकची में माँ-नानी का प्या...बहुत ही सुन्दर रचना..संदूकची में माँ-नानी का प्यार भरा स्पर्श और संस्कार भरे होते हैं..जो पीढ़ी डर पीढ़ी राह दिखाते हैंrashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4297287248153899458.post-57365589658020036092010-11-14T18:36:48.284+05:302010-11-14T18:36:48.284+05:30परमपरायें किसी भी देश , समाज ,समूह की पहचान होती ह...परमपरायें किसी भी देश , समाज ,समूह की पहचान होती है, इनमे समय के साथ थोड़ा बदलाव जायज़ है पर हम जिस दिन इनसे पूरी तरह कट जायेंगे उस दिन हमारे अस्तित्व पे प्रश्न चिन्ह लग जायेगा। बहुत ही सुन्दर कविता निर्मला जी को लख लख बधाई।ѕнαιя ∂я. ѕαηנαу ∂αηιhttps://www.blogger.com/profile/05121772506788619980noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4297287248153899458.post-12432581691968473782010-11-14T17:26:57.835+05:302010-11-14T17:26:57.835+05:30वाह आपने तो मुझे अपनी दादी की मिट्टी वाली कोठरी या...वाह आपने तो मुझे अपनी दादी की मिट्टी वाली कोठरी याद दिला दी...Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4297287248153899458.post-46212731362896467322010-11-14T17:16:14.946+05:302010-11-14T17:16:14.946+05:30बहुत ही सुन्दर रचना ! माँ की संदूक का सबसे बड़ा धन ...बहुत ही सुन्दर रचना ! माँ की संदूक का सबसे बड़ा धन तो उनकी ममता है ...<br />बाल दिवस की शुभकामनायें !Indranil Bhattacharjee ........."सैल"https://www.blogger.com/profile/01082708936301730526noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4297287248153899458.post-5272702053023904302010-11-14T15:15:20.752+05:302010-11-14T15:15:20.752+05:30बहुत ही सुन्दर रचना. आज के खोखलेपन को आपने सुन्दर ...बहुत ही सुन्दर रचना. आज के खोखलेपन को आपने सुन्दर रुप में प्रस्तुत किया है .<br />आभार.ज़मीरhttps://www.blogger.com/profile/03363292131305831723noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4297287248153899458.post-47363305879973264202010-11-14T13:18:29.755+05:302010-11-14T13:18:29.755+05:30बहुत मार्मिक ... परंपरा का निर्वाह कितना सकूं देता...बहुत मार्मिक ... परंपरा का निर्वाह कितना सकूं देता है ... और कितना ज़रूरी भी है .... <br />दिल में उतर गयी ये रचना ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4297287248153899458.post-46776293025335001032010-11-14T12:22:13.046+05:302010-11-14T12:22:13.046+05:30कहाँ से ढूंढ़ लायी आप ये संदुकची. अब तो न जाने कित...कहाँ से ढूंढ़ लायी आप ये संदुकची. अब तो न जाने कितनी ही माओं को आता होगा स्वेटर बनाना?? कितनों ने तो ये संदुकची कब कि बेच दी होगी. अब कहाँ ये परमपराएँ बची कि संदुकची आगे कि पीढ़ी को दी जाएरचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4297287248153899458.post-22577216067366435462010-11-14T12:04:28.397+05:302010-11-14T12:04:28.397+05:30माँ की सन्दूकची मे सबसे ज़्यादा बच्चो के लिये प्या...माँ की सन्दूकची मे सबसे ज़्यादा बच्चो के लिये प्यार होता हैशरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.com