tag:blogger.com,1999:blog-4297287248153899458.post1071638838768640528..comments2024-03-19T14:53:12.000+05:30Comments on वीर बहुटी: निर्मला कपिलाhttp://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comBlogger20125tag:blogger.com,1999:blog-4297287248153899458.post-57707370020533338072009-11-19T15:26:59.296+05:302009-11-19T15:26:59.296+05:30आपकी कहानियों में गज़ब का ठहराव होता है जो पाठक को ...आपकी कहानियों में गज़ब का ठहराव होता है जो पाठक को बाधे रहता है <br /><br />और आपकी गजलें भी कुछ बातें करती हैं । मैं समयाभाव के चलते ब्लॉग <br /><br />पर नहीं आ पा रहा हंूं आज जैसे ही थोड़ा सा समय मिला मैं ब्लाग पर <br /><br />आया । मैं इस समय अपने संग्रहालय में कुछ नया करने के प्रयास में लगा <br /><br />हूं जो अन्तिम दौर में है ।Drmanojgautammanuhttps://www.blogger.com/profile/17119682554137493633noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4297287248153899458.post-58097740325585558202009-11-19T07:50:25.627+05:302009-11-19T07:50:25.627+05:30मार्मिक कहानी ...
माँ अपने बच्चों में भेद नहीं करत...मार्मिक कहानी ...<br />माँ अपने बच्चों में भेद नहीं करती ...मुझे लगता है ज़माने की बदलाहट का असर माँ की ममता पर भी होता है ...घर में कमाने वाले और कुंवारे बच्चों की क़द्र ज्यादा होती है ...<br />किसी घर में एक बच्चे को इतना डामिनेंट कर दिया जाता है कि बाकी सभी का डवलपमेंट प्रभावित हो जाता है....खुशदीप जी के इस कथन से पूरा इत्तिफाक रखती हूँ ...!!वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4297287248153899458.post-9042122589711450542009-11-19T01:22:17.903+05:302009-11-19T01:22:17.903+05:30आप की यह कहानी बहुत मर्म स्पर्सी लगी, नंद ने बहुत ...आप की यह कहानी बहुत मर्म स्पर्सी लगी, नंद ने बहुत गलती की,आगली कडी का इतजार है--<br />वेसे हमारे के रिशते मै उन के दो बच्चे थे, बाप का प्यार लडकी मै ज्यदा था, बेटा डा० था, लेकिन बाप ने उसे अपनी हराम की कमाई ज्यादाद मै से कुछ भी नही दिया, ओर उसे घर से निकाल दिया..... जब बाप मरा तो बेटे ने भी आने से मना कर दिया, तो चिता बेटी ने दी, जब की ्बेटा उसी शहर मै रहताथा.राज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4297287248153899458.post-23923167930945329742009-11-18T22:09:58.190+05:302009-11-18T22:09:58.190+05:30aap bahut achcha likhti hain..
aur to sach mein b...aap bahut achcha likhti hain..<br /><br />aur to sach mein behad bhaavpurn likha hai.<br />agli kadi ki prateeksha rahegi..Alpana Vermahttps://www.blogger.com/profile/08360043006024019346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4297287248153899458.post-9483463794357693162009-11-18T19:35:27.000+05:302009-11-18T19:35:27.000+05:30achchha sandesh deti rachnaachchha sandesh deti rachnaअनिल कान्तhttps://www.blogger.com/profile/12193317881098358725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4297287248153899458.post-83117796852885421792009-11-18T19:20:30.904+05:302009-11-18T19:20:30.904+05:30समय को देखते हुए बहुत सार्थक कहानी, निर्मालाजी.
म...समय को देखते हुए बहुत सार्थक कहानी, निर्मालाजी. <br />माँ बाप को बच्चों मे भेद भाव नही करना चाहिए.डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4297287248153899458.post-33706033573766186502009-11-18T18:49:06.062+05:302009-11-18T18:49:06.062+05:30Kahani ko reshmi(sukh), sooti(dukh) taane se ek sa...Kahani ko reshmi(sukh), sooti(dukh) taane se ek sath mila ke bunne me aapka koi saani nahin Maasi...<br />agli kadi ke intezaar me...<br />Jai Hind...दीपक 'मशाल'https://www.blogger.com/profile/00942644736827727003noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4297287248153899458.post-73504075750711417502009-11-18T18:16:24.664+05:302009-11-18T18:16:24.664+05:30रचना मर्मस्पर्शी है। यथार्थबोध के साथ कलात्मक जागर...रचना मर्मस्पर्शी है। यथार्थबोध के साथ कलात्मक जागरूकता भी स्पष्ट है।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4297287248153899458.post-16051065150890888432009-11-18T16:04:55.828+05:302009-11-18T16:04:55.828+05:30ये कहानी अभी शुरू हुई है मैं पहले इस मे- क्रमश-लिख...ये कहानी अभी शुरू हुई है मैं पहले इस मे- क्रमश-लिखना भूल गयी थी। आपसब का धन्यवाद इसे सराहने के लिये। अगली कडियाँ भी जरूर देखेंनिर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4297287248153899458.post-38226710271124518512009-11-18T15:30:05.283+05:302009-11-18T15:30:05.283+05:30बेहद ह्र्दयस्पर्शी रचना....जिसकी जितनी तारीफ की जा...बेहद ह्र्दयस्पर्शी रचना....जिसकी जितनी तारीफ की जाए, कम है ।<br />माँ से बडा इस जग में कुछ भी नहीं....Pt. D.K. Sharma "Vatsa"https://www.blogger.com/profile/05459197901771493896noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4297287248153899458.post-70330416787236642262009-11-18T14:41:12.488+05:302009-11-18T14:41:12.488+05:30बहुत ही भावपूर्ण और मर्मस्पर्शी कहानी
बहुत अच्छी ...बहुत ही भावपूर्ण और मर्मस्पर्शी कहानी <br />बहुत अच्छी लगी <br /><br />बहुत-बहुत आभार<br /><br />★☆★☆★☆★☆★☆★☆★☆★<br /><b>प्रत्येक बुधवार रात्रि 7.00 बजे बनिए <br />चैम्पियन C.M. Quiz में </b><br />★☆★☆★☆★☆★☆★☆★☆★<br /><b><a href="http://cmindia.blogspot.com" rel="nofollow"> क्रियेटिव मंच </a></b>Creative Manchhttps://www.blogger.com/profile/06744589000725201971noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4297287248153899458.post-43996642444340027752009-11-18T13:32:22.522+05:302009-11-18T13:32:22.522+05:30बहुत ही मर्मस्पर्शी है ये कहानी....आपने एक अनछुए प...बहुत ही मर्मस्पर्शी है ये कहानी....आपने एक अनछुए पहलु को बखूबी उभरा है.....पिता अनजाने में ही अक्सर ऐसी गलतियाँ कर बैठते हैं...और परिणाम भयंकर होते हैं...या तो उस बच्चे का व्यक्तित्व बिलकुल दब जाता है या फिर वह विद्रोही हो जाता है...नारी के मन की किसने कब समझी है??....मन को झकझोर गयी ये कहानी.rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4297287248153899458.post-59682888432793081982009-11-18T13:20:17.560+05:302009-11-18T13:20:17.560+05:30bahut hi marmik chitran kiya hai us vyatha ka jo j...bahut hi marmik chitran kiya hai us vyatha ka jo jyadatar ya shayad har ghar ki hai..........dil ko chhoo gayi kahani.........badhayi.vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4297287248153899458.post-30442931027349720672009-11-18T13:01:17.801+05:302009-11-18T13:01:17.801+05:30मार्मिक लेकिन सत्य से पर्दा उठती ये कहानी बहुत अच्...मार्मिक लेकिन सत्य से पर्दा उठती ये कहानी बहुत अच्छी लगी...प्रवाह पूर्ण शैली और अद्भुत भाव समेटना आपकी कहानी की विशेषताएं हैं...लिखती रहें...<br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4297287248153899458.post-19254721640216951752009-11-18T12:57:07.881+05:302009-11-18T12:57:07.881+05:30माँ की ममता ऐसी ही होती है ..बहुत भावपूर्ण लफ़्ज़ों ...माँ की ममता ऐसी ही होती है ..बहुत भावपूर्ण लफ़्ज़ों में लिखा है आपने ..रंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4297287248153899458.post-5332700718804598042009-11-18T11:54:19.479+05:302009-11-18T11:54:19.479+05:30बहुत ही भावपूर्ण लगी आपकी यह पोस्ट, सच कहा आपने म...बहुत ही भावपूर्ण लगी आपकी यह पोस्ट, सच कहा आपने मां की ममता को किसी चीज से वास्ता नहीं होता, वह तो ममता के आगे बेबस हो जाती है,बहुत-बहुत आभार ।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4297287248153899458.post-49403092145656852902009-11-18T11:47:04.028+05:302009-11-18T11:47:04.028+05:30BAHUT MAARMI LIHA HAI .... AAPKI RACHNA BAHUT SE P...BAHUT MAARMI LIHA HAI .... AAPKI RACHNA BAHUT SE PARIVAARON SE MEL KHAATI HAI ... AKSAR PITA KA KISI EK KE PRATI JHUKAAV HO JAANA BAHUT HI SAHAJ HOTA HAI .... AUR MAA KO MAJBOORAN PITA KE FAINSLE KO MANNA PADHTA HAI ... <br /><br />EK MA KI PEEDA KO BAAKHOOBI UTAARA HAI AAPNE APNI KAHAANI MEIN ....दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4297287248153899458.post-44759235349624590812009-11-18T11:44:10.782+05:302009-11-18T11:44:10.782+05:30निर्मला जी,
भारत में ये देखा जाता है कि किसी घर म...निर्मला जी, <br />भारत में ये देखा जाता है कि किसी घर में एक बच्चे को इतना डामिनेंट कर दिया जाता है कि बाकी सभी का डवलपमेंट प्रभावित हो जाता है...हर बात पर उसी की तारीफ की जाती है....ऐसे में वो लाडला बच्चा खुद को दूसरों से श्रेष्ठ मानने लगता है...दूसरे बच्चे या तो कुढ़ते रहते हैं या फिर बागी बन जाते हैं...ये नज़रिया आगे चलकर परिवार के टूटने का सबब बन जाता है....आपने बड़े मर्म के साथ इस समस्या को उकेरा है....<br /><br />(आपकी पिछली पोस्ट पर भी आज ही कमेंट कर पाया हूं...)<br /><br />जय हिंद...Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4297287248153899458.post-8638584728058455582009-11-18T10:25:49.517+05:302009-11-18T10:25:49.517+05:30बात तो आपकी बिल्कुल सही है कि माँ अपने बेटे को हमे...बात तो आपकी बिल्कुल सही है कि माँ अपने बेटे को हमेशा प्यार करती है, वह चाहे बुरा हो या भला । लेकिन माँ जी मुझे एक बात जो हमेशा तंग करती है वह यह कि आखिर कैसे, कोई चन्द दिनों के प्यार के लिए उस माँ बाप को भुला देता है । वही माँ बाप जिन्होनें दिंन रात मेहनत करके उसे पढ़ाया और लायक बनाया, वही माँ जिसने अपने पेट में नौ महिनें तक उसे रखा, क्या इससे बड़ा कोई प्यार हो सकता है ? क्या कोई इससे बड़ा भी प्यार हो सकता है ? क्या कोई ऐसा प्यार भी है जिस पर माँ और बाप के प्यार को दाव पर लगाया जा सकता है। मुझे तो नहीं लगता कि माँ और बाप से बढ़कर दुनियाँ मे किसी का प्यार होता है। लेकिन तब पर भी सब माँ और बाप के सपनो को तोड़कर आगे निकल लेते है, बहुत दुःख होता है जब ऐसी घटनायें सुनता हूँ, ।Mithilesh dubeyhttps://www.blogger.com/profile/14946039933092627903noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4297287248153899458.post-24937419589693223352009-11-18T09:49:57.048+05:302009-11-18T09:49:57.048+05:30जरुरत संजो के रखने की होती है निर्मला जी ! कहानी...जरुरत संजो के रखने की होती है निर्मला जी ! कहानी के माध्यम से सुन्दर सन्देश ! माँ-बाप के लिए पांचो उंगलिया बराबर होनी चाहिए, लेकिन अफ़सोस की इस कलयुग में काफी हद तक ऐसा नहीं है !पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.com