गज़ल
वक्त से थोडा प्यार कर लेना
आदतों में सुधार कर लेना
बात हो सिर्फ प्यार की जानम
आज शिकवे उधार कर लेना
जो जहां ने दिए हैं खंजर वो
सुन तू सब्रो करार कर लेना
मत खुशी में बुलाना चाहे तू
गम में मुझ को शुमार कर लेना
रोज तकरार से तो अच्छा है
फैसला आरपार कर लेना
देश के वास्ते अगर हो सके
तो दिलो जां निसार कर लेना
आदतों में सुधार कर लेना
बात हो सिर्फ प्यार की जानम
आज शिकवे उधार कर लेना
जो जहां ने दिए हैं खंजर वो
सुन तू सब्रो करार कर लेना
मत खुशी में बुलाना चाहे तू
गम में मुझ को शुमार कर लेना
रोज तकरार से तो अच्छा है
फैसला आरपार कर लेना
देश के वास्ते अगर हो सके
तो दिलो जां निसार कर लेना
आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि- आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल रविवार (25-09-2016) के चर्चा मंच "शिकारी और शिकार" (चर्चा अंक-2476) पर भी होगी!
ReplyDeleteहार्दिक शुभकामनाओं के साथ-
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
सुन्दर ग़ज़ल
ReplyDeleteबहुत सुन्दर गजल .....फेसबुक की तरह ही यूँ ही ब्लॉग पर भी लिखते रहें, अच्छा लगता है .
ReplyDeleteबहुत सुन्दर गजल है | -khayalrakhe.com
ReplyDeletebahut sundar gajal.
ReplyDeleteबहुत शानदार गजल है।
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