गण्तंत्र दिवस की उन सब को हार्दिक शुभ कामनायें जो देश के प्रति प्रेम और इसके संविधान मे आस्था रखते हैं। कुछ पँक्तियाँ पेश हैं
थोडी सी मुस्कान चाहिये
कुछ साँसें आसान चाहिये
और नही है चाहत कोई
रोटी वस्त्र मकान चाहिये
बन सकता है देश स्वर्ग
शास्कों मे ईमान चाहिये
लोगों की इस भीड मे यारो
बस थोडे से इन्सान चाहिये
देश रहे खुशहाल सदा ही
हर घर मे धन धान चाहिये
विश्वगुरू भारत कहलाये
बस और नही वरदान चाहिये
कुछ साँसें आसान चाहिये
और नही है चाहत कोई
रोटी वस्त्र मकान चाहिये
बन सकता है देश स्वर्ग
शास्कों मे ईमान चाहिये
लोगों की इस भीड मे यारो
बस थोडे से इन्सान चाहिये
देश रहे खुशहाल सदा ही
हर घर मे धन धान चाहिये
विश्वगुरू भारत कहलाये
बस और नही वरदान चाहिये