जिन्दगी कतरा कतरा
दूर जाना चाहती हूँ
तुम्हारे मोहपाश से
जब भौ करती हूँ प्रयास
आता है एक हवा का झोंका
तुम्हारे जिस्म को छू कर
लिपट जाता है मेरे तन से
और खीँच लाता है मुझे
तुम्हारे और करीब
जब कभी इन दिवारों मे
घुट्ने लगता है दम
मेरी अपनी साँसें
बार बार टकराती हैं मुझसे
ऊब जाती हूँ जीवन से
तभी आता है हवा का एक झोंका
तुम्हारी साँसों की खुश्बू लिये
महक जाता है तन मन
और आ जाती हूँ
तुम्हारे और करीब
कभी जीवन का बोझ
कर देता है उदास्
दिखने लगती है आँखों मे
टूटे सपनों की परछाईयाँ
फिर आता है एक हवा का झोंका
तुम से बिछुड जाने का दर्द समेटे
और कर जाता है आँखों को नम्
बहने लगता है मेरे सामने
मेरी मजबूरियों का दरिया
इन लहरों की छिटकन में
बह रही है
जिन्दगी कतरा कतरा
दूर जाना चाहती हूँ
तुम्हारे मोहपाश से
जब भौ करती हूँ प्रयास
आता है एक हवा का झोंका
तुम्हारे जिस्म को छू कर
लिपट जाता है मेरे तन से
और खीँच लाता है मुझे
तुम्हारे और करीब
जब कभी इन दिवारों मे
घुट्ने लगता है दम
मेरी अपनी साँसें
बार बार टकराती हैं मुझसे
ऊब जाती हूँ जीवन से
तभी आता है हवा का एक झोंका
तुम्हारी साँसों की खुश्बू लिये
महक जाता है तन मन
और आ जाती हूँ
तुम्हारे और करीब
कभी जीवन का बोझ
कर देता है उदास्
दिखने लगती है आँखों मे
टूटे सपनों की परछाईयाँ
फिर आता है एक हवा का झोंका
तुम से बिछुड जाने का दर्द समेटे
और कर जाता है आँखों को नम्
बहने लगता है मेरे सामने
मेरी मजबूरियों का दरिया
इन लहरों की छिटकन में
बह रही है
जिन्दगी कतरा कतरा