मेरे गीत मेरे सपने मेरे अपने हैं
ना इन की वज़्म पर ऐतराज करो
जिन्दगी को तो मर मर के जिया है
अब कल्पनाओं को तो ना बरबाद करो
अगर दिल में होंगे भी कोई अरमान तो
कब्र तक साथ रहेंगे यकीं मेरे यार करो
मेरे जज़्बातों पर लगे है पहरे दुनिआ के
जो हो नहीं मुमकिन् ना ऐतबार करो
अब तो कल्पनाओं के सिवा जिन्दगी कुछ भी नहीं
ना हो यकीं तो मेरे मरने तक इन्तजार करो
ना बनाओ इन के अफसाने यारो
गर हो सके तो मुझ से इकरार करो
बहुत खूब!
ReplyDeleteजिन्दगी को तो मर मर के जिया है
ReplyDeleteअब कल्पनाओं को तो ना बरबाद करो
sunder bhav purn shabd rachna.
अगर दिल में होंगे भी कोई अरमान तो
ReplyDeleteकब्र तक साथ रहेंगे यकीं मेरे यार करो
" वाह जो खत्म हो जायें वो अरमान ही नही....सुंदर"
Regards
बहुत भावपूर्ण रचना है आपकी...बधाई...
ReplyDeleteनीरज
माँ प्रणाम , कैसी है .
ReplyDeleteमेरे गीत मेरे सपने मेरे अपने हैं
मेरे गीत बहुत खुबशुरत कविता .
अब तो कल्पनाओं के सिवा जिन्दगी कुछ भी नहीं
ना हो यकीं तो मेरे मरने तक इन्तजार करो
बहुत गहरे भावः , अन्तर मन को छू गई .
बहुत सुंदर. हमें इकरार है. आभार.
ReplyDeleteबहुत उम्दा रचना है।बधाई।
ReplyDeleteमेरे गीत मेरे सपने मेरे अपने हैं
ना इन की वज़्म पर ऐतराज करो
जिन्दगी को तो मर मर के जिया है
अब कल्पनाओं को तो ना बरबाद करो
क्या बात है !
ReplyDeleteबहुत खूब !
मेरे गीत मेरे सपने मेरे अपने हैं
ReplyDeleteना इन की वज़्म पर ऐतराज करो
जिन्दगी को तो मर मर के जिया है
अब कल्पनाओं को तो ना बरबाद करो....
बहुत खूब....बेहतरीन विचारों का बढ़िया प्रस्तुतीकरण...
वाह वाह....
ना बनाओ इन के अफसाने यारो
ReplyDeleteगर हो सके तो मुझ से इकरार करो
बहुत सुंदर.
धन्यवाद
"ab to kalpnaao ke sivaa zindgi
ReplyDeletekuchh bhi nahi....."
bahut khoob !
kalpnaaein hain to khaab hain,
khaab hain hain to jeene ka maqsad hai.......
aapki kavyaatmak udaan achhi hai...
badhaaee. . . .
---MUFLIS---