- (कविता)
सपने सहेजना सपने सजाना
आ ही गया हमे दिल लगाना
हकीकत मे खुश है भी कौन
आता है मुझे कुछ खो कर कुछ्पाना
रोज़ चली जाती हूँ सपनो के चाँद पर
वो लायेगा कभी चाँद ये किसने जाना
सपने सहेजना सपने सजाना-------------
ज़िंदगी की धूप छाँव को
कल्पनाओं के पर लगानराकाश छूना
कभी सागार मे उतर जाना
सपने सहेजना सपने सजाना-----------
सपनों की छाँव मे दो पल सकून ले लें
फिर ज़िन्दगी मिले ये किसने जाना
हकीकत मे शायद वो कभी मिले य ना मिले
सपनो मे लगा रहेगा उसका आना जाना
सपने सहेजना सपने सजाना
आ ही गया हमे दिल लगाना-
सपनों की छाँव मे दो पल सकून ले लें
ReplyDeleteफिर ज़िन्दगी मिले ये किसने जाना
" सुबह सुबह हसीं सपने दिखा दिए आपने....सच कहा जो पल दो पल का सुकून है वो सपनो में ही है..."
Regards
अँखियों में निंदिया नही आती,
ReplyDeleteनिर्मल सपने आते है।
स्वप्न याद कर मेरे नयना,
खारा नीर बहाते हैं ।।
कल्पनाओं के नये-नये,
कुछ पंख निकल आते हैं।
धरती से उड़ जाते और
आकाश तलक जाते हैं।।
भाव भरी है कविता,
लेकिन छन्द नही बन पाता है।
थोड़ा सा प्रयास करो,
पथ निश्चित ही मिल जाता है।।
bahut sundar kavita hai...
ReplyDeleteवाह! जितना सुंदर भावः उतना ही सुंदर गीत . बधाई स्वीकार करे. निम्न पंक्तिया विशेष लगी ....
ReplyDeleteसपनों की छाँव मे दो पल सकून ले लें
फिर ज़िन्दगी मिले ये किसने जाना
चन्द्र मोहन गुप्त
हकीकत मे शायद वो कभी मिले य ना मिले
ReplyDeleteसपनो मे लगा रहेगा उसका आना जाना
सपने सहेजना सपने सजाना
आ ही गया हमे दिल लगाना-
बहुत सुंदर सच ..
सच कहा सपनों में ही असली सकून मिलता है। लेकिन, हकीकत की तस्वीर सपनों से बिल्कुल अलग होती है।
ReplyDeletesunder rachna.
ReplyDeleteसपनों का अपना अलग आनंद होता है और वह आनंद आपकी कविता में मिला.
ReplyDeleteहर बार की तरह ही अच्छी लगी।
ReplyDelete---
गुलाबी कोंपलें
सरकारी नौकरियाँ
Pranam maa,
ReplyDeleteAap ki ek aur bahut sundar kavita
सपने सहेजना सपने सजाना
आ ही गया हमे दिल लगाना-
ye sapne hi to apne hai...
aur sapne bhi to ek jeevan ki tarh hai...
Aap ki har kavita padh kar maa(aapke) ke prati pyar aur aadar aur badh jata hai...
वाह क्या बात है...
ReplyDeleteसपनों की छाँव मे दो पल सकून ले लें
फिर ज़िन्दगी मिले ये किसने जाना.
बहुत ही सुंदर कवित कही आप ने,
अजी आप तो हमारी पडोसी है, हमारा गांव गढशंकर के पास है.
सपने सहेजना सपने सजाना-----------
ReplyDeleteसपनों की छाँव मे दो पल सकून ले लें
फिर ज़िन्दगी मिले ये किसने जाना
हकीकत मे शायद वो कभी मिले य ना मिले
सपनो मे लगा रहेगा उसका आना जाना
सपने सहेजना सपने सजाना
आ ही गया हमे दिल लगाना-
Respected Nirmala ji,
bahut sundar panktiyan hain ..man ko chhoo lene vali.
Poonam
ज़िंदगी की धूप छाँव को
ReplyDeleteकल्पनाओं के पर लगानराकाश छूना
कभी सागार मे उतर जाना
सपने सहेजना सपने सजाना-----------
बहुत खूब, एक बेहद सुन्दर और सफल प्रयास.
शुक्रिया
http://avinash-theparaiah.blogspot.com/
सपनों की छाँव मे दो पल सकून ले लें
ReplyDeleteफिर ज़िन्दगी मिले ये किसने जाना
सुंदर कविता बधाई
मेरे ब्लॉग पर पधार कर "सुख" की पड़ताल को देखें पढ़ें आपका स्वागत है
http://manoria.blogspot.com
शब्द-शब्द आपके दिल की भावनाओं की
ReplyDeleteसुंदर अभिव्यक्ति .......
अनुपम नवगीत को परिभाषित करती हुई
बहुत अच्छी रचना .....
बधाई..........................
---मुफलिस---
सुंदर रचना है।
ReplyDeleteहकीकत मे शायद वो कभी मिले य ना मिले
सपनो मे लगा रहेगा उसका आना जाना
सपने सहेजना सपने सजाना
आ ही गया हमे दिल लगाना-
बहुत सुंदर पंक्तियां हैं।
वाह क्या बात है...
ReplyDeleteसपने सहेजना सपने सजाना
आ ही गया हमे दिल लगाना-
बहुत खूब